प्रदेश में बंद और बीमार पड़ी इकाइयां होंगी पुर्नजीवित

सरकार ने किया विकास नीति 2021 का ऐलान, खुलेंगे रोजगार के नए साधन

 (माय सीक्रेट न्यूज़) 

भोपाल। (14 अक्टूबर, 2021)। आत्मनिर्भर भारत की तर्ज पर आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के विकास के लिए शिवराज सरकार तेजी से कागजी घोड़े दौड़ाने की तैयारी में जुटी है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग विभाग ने उद्योगों के विकास के लिए बड़ा फैसला लिया है। दरअसल MSME विभाग द्वारा विकास नीति 2021 का ऐलान किया गया। इसके तहत बंद और बीमार इकाइयों को अवसर देकर पुनर्जीवित किया जाएगा। इनको राज्य सरकार रियायत और सहूलियत मिलेगी।

प्रदेश में उत्पादन क्षमता को बढ़ाना

दरअसल नई नीति के मुताबिक एमएसएमई विकास नीति 2021 का मुख्य उद्देश्य बंद पड़े और बीमारी इकाई को एक तरफ जहां प्रदेश में उत्पादन की क्षमता को बढ़ाना है। वहीं दूसरी तरफ स्थानीय युवाओं को रोजगार के साधन भी उपलब्ध कराने हैं। बंद इकाई को प्रभावशाली और पुनर्जीवित करने के लिए अधिकतम ₹10 करोड़ तक के निवेश और सहायता की सुविधा राज्य सरकार द्वारा इकाइयों को दी जाएगी। बैंक और वित्तीय संस्थान की सहायता और पैकेज का निर्माण किया जाएगा। साथ ही इसकी जिम्मेदारी बैंक व अन्य वित्तीय संस्थानों को दी जाएगी। वही बंद और बीमार पड़ी इकाइयों के लिए रियायत पैकेज के प्रस्ताव बनाए जाएंगे। समिति द्वारा इस प्रस्ताव को प्रस्तुत किया जाएगा। वहीं मध्यप्रदेश के पावर लूम सेक्टर को भी मजबूत बनाने का भी महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।

प्रति यूनिट ₹1.50 रुपए बिजली बिल में छूट

 पावर लूम सेक्टर के लिए जो पैकेज तैयार किया गया। 20 हॉर्स पावर क्षमता तक बिजली बिल के प्रति यूनिट ₹1.50 रुपए की छूट का ऐलान किया गया। इसके अलावा 20 से 150 एचपी तक 1.25 रुपए की रियायत दी गई है। नई नीति के तहत ऑटोमेटिक सटल पावर लूम को आधुनिक करने के लिए केंद्र सरकार से प्राप्त वित्तीय सहायता या फिर उन्नयन लागत की 25 फीसद राशि प्रदान की जाएगी। कलस्टर विकसित करने के लिए 5 करोड़ रूपए तक की प्रतिपूर्ति की भी तैयारी की गई है। पावर लूम के लिए वह मंजिल औद्योगिक परिसर या कलस्टर डेवलपर को विकास में किए गए व्यय का 60% या फिर अधिकतम 5 करोड़ रूपए तक की प्रतिपूर्ति के नीति तय की गई है।

पैकेज के लिए समिति का गठन

बंद और बीमार पड़े इकाइयों के पुनर्जीवन पैकेज पर निर्णय लेने के लिए समिति का गठन किया जाएगा। समिति में प्रमुख सचिव, सचिव, एमएसएमई विभाग अध्यक्ष सहित उद्योग आयुक्त, क्षेत्रीय प्रबंधक सदस्य, वित्तीय संस्था के शाखा प्रबंधक, प्रभारी अधिकारी सहित एमएसएमई विभाग के सदस्य सचिव शामिल रहेंगे।

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