मुख्यमंत्री की बात को दोहरा रहे कर्मचारी
(माय सीक्रेट न्यूज़ डॉट कॉम)
भोपाल। आर्थिक तंगी से जूझ रही सरकार की नजर सरकारी कर्मचारियों अधिकारियों पर है। बजट की कमी का रोना-रो कर सरकार ने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 3 माह से रोक कर रखा है। इससे सरकार के खजाने में 1680 करोड़ रुपए बच गए हैं। कर्मचारियों का कहना है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि हम सभी कर्मचारियों का हिसाब पाई पाई से देंगे, लेकिन पिछले 3 महीने से कर्मचारी आस लगाए बैठे हैं कि उन्हें महंगाई भत्ता मिलेगा, लेकिन आज तक नहीं मिल पाया।
मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी का कहना है कि केंद्र सरकार सहित कई राज्यों की सरकार ने अपने कर्मचारियों को 1 जुलाई 2021 से 28% महंगाई भत्ता दिया है, वहीं मध्यप्रदेश शासन में कार्यरत लाखों कर्मचारियों को जुलाई 2019 से सिर्फ 12% महंगाई भत्ता ही मिल रहा है। गैस, पेट्रोल तेल, दाल, अनाज सभी चीज महंगी हो रही हैं। हर चीजों पर महंगाई दिनों दिन बढ़ती जा रही है लेकिन महंगाई के नाम से बने “भत्ता” को ही सरकार ने रोक रखा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कई मौकों पर कहा है कि कर्मचारियों को पाई पाई दी जाएगी, लेकिन कर्मचारी पाई पाई के लिए मोहताज हो रहे हैं। कोरोना काल में शासन का सहयोग किया, लेकिन जब केंद्र सरकार व अन्य राज्य अपने कर्मचारियों को महंगाई भत्ता दे रहे हैं, तो मध्यप्रदेश शासन को भी 16% महंगाई भत्ता अविलंब प्रदान करना चाहिए।
महंगाई भत्ता ना मिलने हर महीने हो रहा है इतना नुकसान
-चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को 2480 से 4640 रूपये
-तृतीय श्रेणी कर्मचारियों को 3120 से 11216 रूपये
-द्वितीय श्रेणी अधिकारियों को 8976 से 18080 रूपये
-प्रथम श्रेणी अधिकारियों को 19696 से ₹32368 रूपये
-सरकार ने 3 महीने में केंद्र के समान महंगाई भत्ता ना देकर लगभग 1680 करोड़ रुपए बचाए।

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