अमरावती
आंध्र प्रदेश में चंद्राबाबू नायडू आज चौथी बार सीएम पद की शपथ ली। विजयवाड़ा के केसरपल्ली आईटी पार्क में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान, तेलंगाना बीजेपी के नेता जी.किशन रेड्डी, रामदास अठावले, एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल, पूर्व उपराष्ट्रपति एम. वैंकेया नायडू , नितिन गडकरी, अनुप्रिया पटेल और महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे के अलावा एक्टर चिरंजीव, रजनीकांत शामिल हुए। चंद्राबाबू नायडू ने सबसे पहले पद और गोपनीयता की शपथ ली। इसके बाद जनसेना पार्टी के नेता पवन कल्याण ने शपथ ली। पवन कल्याण आंध्र के डिप्टी सीएम बनाए गए हैं। नायडू मंत्रिमंडल में तेलगूदेशम के 21, जनसेना पार्टी के 3 और बीजेपी के एक मंत्री बनाए गए हैं। चंद्राबाबू की सरकार में उनके बेटे नारा लोकेश भी कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं।
सीएम पद की शपथ लेने के बाद नायडू ने पीएम मोदी को गले लगाया
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने शपथ लेने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गले लगाया. इसके साथ ही टीडीपी के राष्ट्रीय महासचिव नारा लोकेश ने आंध्र प्रदेश सरकार में मंत्री पद की शपथ ली. जनसेना प्रमुख पवन कल्याण ने आंध्र प्रदेश के मंत्री के रूप में शपथ ली. कल्याण राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के नेतृत्व वाली सरकार में उपमुख्यमंत्री होंगे.
अमरावती बनेगी राजधानी
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में अपने शपथ ग्रहण से पहले तेलूगु देशम पार्टी (तेदेपा) के सुप्रीमो एन चंद्रबाबू नायडू ने घोषणा की कि अमरावती राज्य की एकमात्र राजधानी होगी. नायडू ने तेदेपा, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनसेना के विधायकों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए यह घोषणा की.
2019 में आंध्र में बुरी पराजय के बाद सत्ता गंवाने वाले चंद्राबाबू नायडू की कसम भी पूरी हो गई। 52 दिनों तक जेल में रहने के बाद उन्होंने बहुमत मिलने के बाद ही विधानसभा में दोबारा जाने की शपथ ली थी। 74 साल के इस नेता ने चुनाव के दौरान लोगों से मार्मिक अपील की और इसे अपना अंतिम चुनाव बताया था। 2024 के लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में तेलगूदेशम पार्टी (टीडीपी) को भारी बहुमत मिला। विधानसभा में तेलगूदेशम पार्टी ने 135 और जनसेना पार्टी ने 21 सीट जीतकर इतिहास रच दिया।
चौथी बार सीएम बने चंद्रबाबू नायडू
यह चौथी बार है जब चंद्रबाबू नायडू आंध्र के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाल रहे हैं। 2014 में आंध्र प्रदेश के विभाजन के बाद दूसरी बार वो सीएम बने। आंध्र प्रदेश के विभाजन से पहले नायडू, साल 1995 में पहली बार मुख्यमंत्री बने और उन्होंने लगातार नौ वर्षों तक 2004 तक राज्य का नेतृत्व किया। इसके बाद वो दूसरी बार साल 2014 में सीएम बने।
शपथ ग्रहण समारोह में पहुंच अमित शाह
केंद्रीय मंत्री अमित शाह, जेपी नड्डा, नितिन गडकरी, रामदास अठावले, अनुप्रिया पटेल और चिराग पासवान; महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे, एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल और पूर्व उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू विजयवाड़ा में टीडीपी प्रमुख और आंध्र प्रदेश के सीएम-पदनाम एन चंद्रबाबू नायडू के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए।
कौन-कौन ने ली शपथ
– पवन कल्याण
– नारा लोकेश
– किंजरापु अचेन नायडू
– कोल्लू रवीन्द्र
– नाडेंडला मनोहर
– पी नारायण
– वांगलापुडी अनिता
– सत्य कुमार यादव
– डॉ. निम्मला राम नायडू
– एनएम फारूक
– अनम रामनारायण रेड्डी
– पय्यावुला केशव
– अनागनी सत्य प्रसाद
– कोलुसु पार्थसारधि
– डॉ. डोला बालवीरंजनेय स्वामी
– गोत्तीपति रवि कुमार
– कंडुला दुर्गेश
– गुम्मदी संध्यारानी
– बीसी जर्नादन रेड्डी
– टीजी भरत
– एस सविता
– वासमसेट्टी सुभाष
– कोंडापल्ली श्रीनिवास
– मंडिपल्ली राम प्रसाद रेड्डी
प्रधानमंत्री भी पहुंच रहे हैं आंध्र प्रदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार सुबह दिल्ली से गन्नावरम एयरपोर्ट के लिए रवाना होंगे. उनके वहां सुबह 10.40 बजे तक पहुंचने की उम्मीद है. सुबह 10.55 बजे तक कार्यक्रम स्थल पर पहुंचेंगे. पीएम मोदी सुबह 11 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेंगे. उसके बाद पीएम मोदी दोपहर 12.40 बजे एयरपोर्ट लौटेंगे और दोपहर 12.45 बजे भुवनेश्वर के लिए उड़ान भरेंगे. वहां ओडिशा में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेंगे.
कांग्रेस से शुरू की राजनीति, फिर बन गए तेलगूदेशम के मुखिया
कांग्रेस से अपनी राजनीति शुरू करने वाले एन. चंद्राबाबू नायडू ने कई उतार-चढ़ाव देखे। किस्मत ऐसी रही कि 28 साल की उम्र में पहली बार विधायक बनने के बाद ही उन्हें टी अंजैया के मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री बने। विधायक बनने के बाद उन्होंने तेलगूदेशम पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष एन टी रामाराव की बेटी भुवनेश्वरी से विवाह किया। पहली बार उन्होंने 1983 में पलटी मारी, चुनाव में हार के बाद कांग्रेस छोड़कर टीडीपी में शामिल हो गए। जल्द ही वह एनटीआर के भरोसेमंद बन गए। 1995 में चंद्राबाबू नायडू ने एनटीआर का तख्तापलट किया और पार्टी की कमान संभाल ली। वह 45 साल की उम्र में पहली बार मुख्यमंत्री बने। 1989 में चुनाव में टीडीपी हार गई और उन्हें विपक्ष में बैठना पड़ा। 1999 में चंद्राबाबू एनडीए में शामिल हुए और पार्टी को 294 में से 180 सीटें जीताकर ऐतिहासिक जीत दिलाकर दूसरी बार आंध्रप्रदेश के सीएम बने। 2004 से 2014 तक आंध्र में कांग्रेस के वाई राजशेखर रेड्डी का जलवा कायम रहा। करीब 10 साल तक एन. चंद्राबाबू नायडू विपक्ष में ही रहे। 2014 में आंध्र प्रदेश के बंटवारे के बाद नए सिरे से चुनाव हुए और टीडीपी को बहुमत मिला। तब नायडु ने तीसरी बार सीएम पद की शपथ ली। अपने कैरियर में चंद्राबाबू नायडू किंगमेकर भी रहे। उन्होंने 1989 में वीपी सिंह, 1996 में एचडी देवेगौड़ा और 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
करारी हार के बाद पांच साल बाद प्रचंड बहुमत के साथ वापसी
2019 में टीडीपी आंध्र को विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर एनडीए से अलग हो गई। आंध्र प्रदेश विधानसभा के चुनाव में टीडीपी हार गई । पार्टी सिर्फ 175 में से 23 सीटों पर सिमट गई। लोकसभा में उसके सदस्यों की संख्या 3 रह गई। सितंबर 2023 जगन मोहन की सरकार के कार्यकाल के दौरान उन्हें भ्रष्टाचार के आरोपों में गिरफ्तार किया और नायडू 52 दिनों तक जेल में रहे। तब ऐसा लगा कि टीडीपी अब इतिहास के पन्ने में रह जाएगी। नवंबर में रिहाई के बाद उन्होंने शपथ ली कि अब वह पूर्ण बहुमत मिलने के बाद ही विधानसभा में प्रवेश करेंगे। 2024 के चुनावों में उन्होंने एनडीए में वापसी की। उन्होंने पवन कल्याण की जनसेना और बीजेपी के साथ चुनावी गठबंधन किया। प्रचार के दौरान उन्होंने इसे अपना आखिरी चुनाव बताते हुए प्रचंड जनादेश देने की अपील की। उनकी मार्मिक अपील काम कर गई। तेलगूदेशम को 45.60 वोटों के साथ 135 विधानसभा सीटों पर जीत मिली। लोकसभा में भी पार्टी के 16 सांसद जीते। उनके सहयोगी जनसेना पार्टी ने 21 और बीजेपी ने 8 सीटों पर विजय पताका फहराया। जगन मोहन रेड्डी के वाईएसआर कांग्रेस महज 11 सीटों पर सिमट गई।
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