भोपाल नगर निगम में फर्जीवाड़ा, जिंदा कर्मचारी को मृत घोषित कर किया करोड़ो का घोटाला

भोपाल नगर निगम में फर्जीवाड़ा, जिंदा कर्मचारी को मृत घोषित कर किया करोड़ो का घोटाला

Fraud in Bhopal Municipal Corporation, scam worth crores done by declaring living employee dead

विषेश संवाददाता

भोपाल ! नगर निगम में मृत्यु सहायता के नाम पर गड़बड़ी सामने आई है। निगम के अफसरों ने साठगांठ कर जीवित कर्मचारी को मृत बताकर पेमेंट कर दिया। शिकायत की जांच हुई तो ऐसे 123 मामले निकले। जिसके बाद गुरुवार को नगर निगम के 8 जोनल अफसरों समेत 17 लोगों पर लोकायुक्त ने केस दर्ज किया है। इस तरह करीब दो करोड़ की गड़बड़ी सामने आई है।

19 फरवरी 2024 को अशोका गार्डन में रहने वाले मोहम्मद कमर ने लोकायुक्त में शिकायत की थी। उन्होंने बताया कि सैय्यद मुस्तफा अली के खाते में अगस्त 2023 में सहायता राशि के नाम पर 2 लाख रुपए निगम की ओर से ट्रांसफर किए गए। इसमें सैय्यद मुस्तफा अली को मृत बताया गया है, जबकि वह जिंदा है।

लोकायुक्त ने मामला जांच में लिया। जांच में इसी तरह की गड़बड़ी के 123 मामले सामने आए। इनमें से 95 केस का रिकॉर्ड नगर निगम मुख्यालय, जोनल ऑफिस और वार्ड दफ्तर से गायब मिला।

  • जोनल अफसरों ने आवंटित जोन के अतिरिक्त अन्य हितग्राहियों का ऑनलाइन लॉग इन कर भुगतान किया।
  • भुगतान से पहले हितग्राही का आवेदन और उससे संबंधित डॉक्यूमेंट्स जैसे वार्ड प्रभारी से मृत्यु, पता प्रमाण, बैंक से संबंधित अभिलेख का सत्यापन व प्रतिवेदन नहीं लिया।
  • भुगतान से संबंधित निर्धारित नियमों का पालन भी नहीं किया गया। कई दस्तावेजों में हेरफेर कर भुगतान किया गया। त्रुटिपूर्ण या गलत बैंक खातों में भुगतान किए गए।
  • भुगतान के लिए संबंधित कार्यालय से भी जानकारी नहीं ली गई। ना ही जांच की गई।
  1. सत्यप्रकाश बड़‌गैंया, तत्कालीन जोनल अधिकारी, जोन 14
  2. परितोष रंजन परसाई, तत्कालीन जोनल अधिकारी, जोन 04
  3. अवध नारायण मकोरिया, तत्कालीन जोनल अधिकारी, जोन 11
  4. मयंक जाट, तत्कालीन जोनल अधिकारी, जोन 19
  5. अभिषेक श्रीवास्तव, तत्कालीन जोनल अधिकारी, जोन 9
  6. अनिल कुमार शर्मा, तत्कालीन जोनल अधिकारी, जोन 3
  7. सुभाष जोशी, तत्कालीन जोनल अधिकारी, जोन 20
  8. मृणाल खरे, तत्कालीन जोनल अधिकारी, जोन 17
  9. अनिल प्रधान, तत्कालीन वार्ड प्रभारी, वार्ड 35
  10. चरण सिंह खंगराले, तत्कालीन वार्ड प्रभारी, वार्ड 69
  11. शिवकुमार गोफनिया, तत्कालीन वार्ड प्रभारी, वार्ड 36
  12. सुनील सूर्यवंशी, तत्कालीन वार्ड प्रभारी, वार्ड 77
  13. मनोज राजे, तत्कालीन वार्ड प्रभारी, वार्ड 17
  14. कपिल कुमार बंसल, तत्कालीन वार्ड प्रनारी, वार्ड 31
  15. सुधीर शुक्ला, कम्प्यूटर ऑपरेटर, जोन 09
  16. नवेद खान, कर्मचारी, जोन 18
  17. रफत अली, (29 दिवसीय कर्मचारी) वार्ड 77

नगर निगम की महापौर मालती राय ने कहा कि मृत्यु योजना की राशि में गड़बड़ी करने वालों को सख्त सजा होनी चाहिए। ऐसी मानसिकता वालों को छोड़ेंगे नहीं। निगम कमिश्नर को निर्देश देकर सभी को निलंबन-बर्खास्तगी की कार्रवाई करेंगे।

नगर निगम के योजना प्रकोष्ठ में मृत्यु सहायता के रूप में दी जाने वाली राशि में दो करोड़ रुपए का घोटाला साल 2023 में सामने आया था। एक महिला की शिकायत के बाद तत्कालीन अपर आयुक्त टीना यादव ने जांच शुरू की थी। इसमें जोन नंबर 3, 9,11, 16, 19 और 20 के तत्कालीन जोनल अधिकारियों की आईडी से भुगतान स्वीकृत होना सामने आया। सबसे ज्यादा 90 फाइलें जोन नंबर 16 की रहीं। इन फाइलों में से 65 तो एक साथ रात 11 बजे सिस्टम पर अपलोड की गईं।

योजना प्रकोष्ठ के सभी सात कम्प्यूटर ऑपरेटर्स को हटा दिया गया था। तत्कालीन 6 जोनल अधिकारियों को नोटिस दिए गए। इन 6 जोन की 133 ऐसी फाइलें पकड़ में आई थीं, जिनमें गलत तरीके से भुगतान किया गया। इसके बाद भी जांच चलती रही।

बता दें कि मृत्यु सहायता के तहत सामान्य मृत्यु होने पर 2 लाख रुपए और दुर्घटना में मृत्यु होने पर 4 लाख रुपए सहायता देने का नियम है। अंत्येष्टि सहायता के 5 हजार रुपए अलग से दिए जाते हैं।

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