चंबा
देश का सबसे खतरनाक सड़कों में शुमार चंबा-पांगी रोड को बहाल कर दिया गया है। इस रूट में साच पास आता है जहां 12 महीने बर्फबारी होती रहती है। साच पास सिर्फ चार महीने के लिए खुलता है। क्योंकि इन चार महीनों में इतनी ज्यादा बर्फबारी नहीं होती। चंबा से पांगी जाने के लिए ये सबसे छोटा रूट है। लेकिन साच पास मार्ग के बंद होने के चलते पांगी घाटी के लोगों को वाया जम्मू या कुल्लू के जरिए करीब 750 किलोमीटर का लंबा फासला तय करके चंबा पहुंचाना पड़ता है। या चंबा से पांगी जाना पड़ता है।
अब साच पास मार्ग के खुलने से अब यह फासला 172 किलोमीटर तक सिमट जाएगा। लोक निर्माण विभाग ने शनिवार को साच पास मार्ग से बर्फ हटाने के बाद इस आमजन के लिए खोल दिया है। करीब साढ़े 14 हजार फुट की ऊंचाई से गुजरने वाले चंबा-किलाड़ वाया साच पास मार्ग से मीटरों के हिसाब से जमी बर्फ को हटाकर लोक निर्माण विभाग ने करीब आठ माह के बाद छोटे वाहनों की आवाजाही के लिए खोला है। अभी साच पास मार्ग पर बड़े वाहनों की आवाजाही सुचारू होने में वक्त लगेगा।
24 कर्मचारी दिन रात डटे रहे
इस मार्ग को बहाल करने क लिए लोक निर्माण विभाग के 24 कर्मचारी दिन रात डटे रहे। इस दौरान डोजर, एलएनटी मशीन और जेसीबी के सहारे मार्ग को बहाल की गई। टीम ने चुराह से साच-पास तक मार्ग बहाल कर साचपास टॉप पर मशीनें पहुंचाई। उसके बाद किलाड़ की तरफ से (भूत ग्राउंड) से ऊपर साच-पासपास टॉप तक बर्फ को हटाया।
ग्लेशियरों को काट बनाया रास्तापीडब्ल्यूडी के कर्मचारियों 16 से 17 ग्लेशियरों को काटते हुए ये रास्ता बनाया है। विभाग ने 8 अप्रैल को मार्ग की बहाली का कार्य बैरागढ़ और किलाड़ से शुरू किया था। बीच-बीच में मौसम भी कर्मचारियों की खूब परीक्षा लेता रहा। ऐसे में विभाग के कर्मचारियों ने कड़ी मेहनत से 2 महीने में इस मार्ग को खोल दिया।
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