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जिला अस्पताल में में 4 शव वाहन खड़े थे, लेकिन शव नहीं ले गए, मज़बूरी में रुपये देकर निजी एम्बुलेंस करनी पड़ी

There were four hearse vehicles parked at the district hospital, but they couldn’t take the bodies. We were forced to pay money and hire a private ambulance. देवास। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव स्वास्थ्य सुविधा की गरीबों तक पहुँच होने के लाख दावे करें, लेकिन जमीन पर वह सच्चाई झूठी साबित हो रही है। ऐसा ही मामला देवास जिला अस्पताल में सरकारी एम्बुलेंस की बड़ी लापरवाही का सामने आया है। जहाँ मृतक के परिजन शव ले जाने के लिए घंटो एम्बुलेंस की रह ताकते रहे, लेकिन जिला अस्पताल परिसर में रखी 4 एम्बुलेंस में से एक भी नहीं आई। सूत्र बताते हैं की चारों ड्राइवर एक चाय की दुकान पर बैठकर यह सब अनजान बनकर देखते रहे और परिजन बिलखते रहे। जिले के बरोठा थाना इलाके के सिरोल्या गांव में एक बुजुर्ग ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। गुरुवार को जिला अस्पताल में बुजुर्ग के शव को पोस्टमार्टम हुआ, लेकिन पोस्टमार्टम के बाद शव को घर ले जाने के लिए परिजन को करीब दो घंटे तक शव वाहन नहीं मिला। हैरानी की बात ये है कि उस वक्त अस्पताल में 4 शव वाहन खड़े थे, लेकिन फिर भी परिजन को कार से बुजुर्ग का शव घर ले जाना पड़ा। इस दौरान पीड़ित परिवार के सदस्य ने दुखी मन से दोषियों पर कार्रवाई करने और शव वाहन सेवा बंद करने की मांग प्रशासन और सरकार से की है।शव वाहन के लिए परेशान होते रहे परिजन जानकारी के अनुसार बरोठा निवासी बुजुर्ग प्रकाश मंडलोई ने बुधवार शाम खेत पर फांसी लगा ली थी। इसके बाद बरोठा पुलिस ने शव को पीएम के लिए जिला अस्पताल भेजा था। गुरुवार सुबह पीएम के बाद परिजन शव वाहन के लिए परेशान होते नजर आए। उल्लेखनीय है कि जिला अस्पताल में 4 शव वाहन है और उस समय शव वाहन खड़े भी थे, लेकिन ड्राइवर नहीं होने से मृतक के परिजन परेशान होते रहे। मृतक के भतीजे राकेश मंडलोई ने बताया हमने 108 पर सूचना दी, लेकिन दो घंटे तक कभी 10 मिनट तो कभी 15 मिनट में आने की बात कहते रहे, लेकिन कोई नहीं आया।मृतक के परिजन बोले- बंद कर दें ये व्यवस्था रोते हुए राकेश ने कहा कि मैं प्रदेश के मुखिया से निवेदन करता हूं कि गरीब लोगों को यह व्यवस्था नहीं मिल पा रही है। एक घंटे से हम परेशान हैं। परिजन घर पर रो रहे हैं, लेकिन 108 एम्बुलेंस आने को तैयार नहीं है। मुख्यमंत्री से निवेदन है कि यह व्यवस्था बंद कर दी जाए। कलेक्टर से निवेदन है कि इन पर सख्त कार्रवाई की जाए। उधर मामले में आरएमओ डॉ अजय पटेल ने बताया संबंधित कंपनी के को ऑर्डिनेटर को शोकांत नोटिस जारी किया गया है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 19

कन्नौद में तहसीलदार अंजलि गुप्ता की तानाशाही: किसानों और महिलाओं के साथ बर्बरता, सरकार पर उठे सवाल

कन्नौद में तहसीलदार अंजलि गुप्ता की तानाशाही: किसानों और महिलाओं के साथ बर्बरता, सरकार पर उठे सवाल

Dictatorship of Tehsildar Anjali Gupta in Kannaud: Brutality with farmers and women, questions raised on the government कन्नौद से आई यह खबर न सिर्फ दिल को झकझोरती है, बल्कि यह प्रशासनिक संवेदनशीलता पर भी बड़ा सवाल खड़ा करती है। मामूली तहसीलदार अंजलि गुप्ता द्वारा किसानों और महिलाओं के साथ की गई बदसलूकी, धक्का-मुक्की और थाने तक भिजवाने जैसी घटनाएं कहीं से भी एक लोकसेवक के आचरण को उचित नहीं ठहरातीं। यह मामला न केवल कन्नौद की स्थानीय राजनीति का विषय है, बल्कि यह पूरे प्रदेश के प्रशासनिक तंत्र के चरित्र पर प्रश्नचिन्ह है। किसान: व्यवस्था के शिकाररेलवे जमीन अधिग्रहण के नाम पर किसानों को जिस तरह से डराया और धमकाया जा रहा है, वह लोकतंत्र में अक्षम्य है। किसान, जो इस देश की रीढ़ माने जाते हैं, अगर उन्हीं को सरकारी व्यवस्था अपमानित करने लगे तो यह लोकतंत्र की बुनियाद को हिला देने वाला कदम है। अंजलि गुप्ता की कार्यशैली यह बताने के लिए काफी है कि प्रशासन में बैठे कुछ अफसर आज भी खुद को राजा समझते हैं और जनता को रियाया। महिला विरोधी रवैया, कानून की अवहेलनातहसीलदार द्वारा महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार और हाथापाई की खबरें बेहद चिंताजनक हैं। ऐसे समय में जब सरकार “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ”, महिला सशक्तिकरण जैसे अभियानों को आगे बढ़ा रही है, तब एक महिला अफसर द्वारा महिलाओं के साथ ऐसा व्यवहार पूरे अभियान की भावना को झुठलाता है। पुलिस वैन में महिलाओं को भरकर थाने भेजना, उनके सम्मान को ठेस पहुंचाना — यह सब सत्ता की अमानवीयता को दर्शाता है। यह कोई पहली बार नहींसोनकच्छ में भी पहले अंजलि गुप्ता पर किसानों से अभद्रता का आरोप लग चुका है, और वहां भी जनदबाव में सरकार को हस्तक्षेप करना पड़ा था। पर क्या एक बार चेतावनी देकर अफसरों को छोड़ देना ही समाधान है? क्या यह न्याय है कि जनता बार-बार अपमानित हो और अफसर बच निकलें? मुख्यमंत्री से अपील: तुरंत सख्त कदम उठाएंप्रदेश के मुखिया के तौर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से अपेक्षा की जाती है कि वे इस घटनाक्रम पर त्वरित संज्ञान लें और अंजलि गुप्ता को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर निष्पक्ष जांच के आदेश दें। यदि इस प्रकार की तानाशाही और दमनकारी प्रवृत्ति पर लगाम नहीं लगाई गई, तो यह जनता का प्रशासन से विश्वास उठने जैसा होगा। जनता का आक्रोश, सरकार के लिए खतराजनता के मन में गुस्सा और आक्रोश दिन-ब-दिन बढ़ रहा है। किसान आंदोलन की संभावनाएं प्रबल हो रही हैं, और यदि समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो यह मामला सरकार की छवि पर गहरे दाग छोड़ सकता है। यह लोकतंत्र है, न कि तानाशाही का अड्डा। कन्नौद की घटना सिर्फ एक तहसीलदार की गलती नहीं है, यह एक व्यवस्था के असंवेदनशील होने का प्रमाण है। अब वक्त है कि सरकार केवल घोषणाएं न करे, बल्कि जमीन पर उतरकर ऐसे अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई करके एक मिसाल पेश करे। प्रशासन अगर जनता की सेवा नहीं कर सकता, तो उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक नहीं। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 117