मंगल पांडे — जन्म‑परिचय मंगल पांडे का जन्म 19 जुलाई 1827 को उत्तर प्रदेश के बलिया ज़िले के नागवा गाँव में हुआ था, यह भी सम्भव है कि कुछ स्रोतों में 30 जनवरी 1831 कहा गया है, लेकिन अधिकांश विश्वसनीय लेख उनकी जन्मतिथि 19 जुलाई 1827 मानते हैं

      पृष्ठभूमि व सैन्य भर्ती वह एक उच्च जाति के ब्राह्मण परिवार से संबंध रखते थे और 1849 में 34वीं बंगाल नेटिव इन्फैंट्री में सिपाही के रूप में भर्ती हुए 

ग्रेस्ड कार्ट्रिज विवाद नई एनफील्ड राइफल की कार्ट्रिज में गाय‑सूअर की चर्बी के इस्तेमाल की अफ़वाह फैली, जिसमें सैनिकों को मुँह से काटकर कार्ट्रिज खोलना पड़ता था। यह हिंदू और मुस्लिम दोनों धर्मों के अनुरूप नहीं था

विरोध की चिंगारी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचने पर मंगल पांडे ने बारकपुर छावनी में (29 मार्च 1857 को) ब्रिटिश अधिकारियों के खिलाफ विद्रोह की शुरुआत की, और सिपाहियों को साथ देने का आह्वान किया

   ब्रिटिश अधिकारियों पर हमला उन्होंने लेफ्टिनेंट Baugh और सार्जेंट‑मेजर Hewson पर हमला किया; फ़ायर किया, तलवार से वार किया, और घायल किया, लेकिन अकेले ही विरोध कर रहे थे—अमेरिका से कोई साथी सहभागी नहीं हुआ

आत्महत्या का प्रयास गिरफ्तारी होने पर उन्होंने एक बंदूक अपने सीने पर रख कर खुद को गोली मारने का प्रयास किया; गंभीर रूप से घायल हुए लेकिन मर नहीं गए 

   अदालत और फ़ांसी पुनः स्वस्थ होने पर उन्हें कोर्ट‑मार्शल किया गया, उन्होंने स्वयं अपने क़दमों से विद्रोह की पुष्टि की और 8 अप्रैल 1857 को उनकी फांसी लगाई गई (मूल तारीख 18 अप्रैल थी, लेकिन ब्रिटिशों ने इसे आगे बढ़ाया) 

विद्रोह की शुरुआत का प्रतीक उनका कृत्य अकेला था, लेकिन इसे 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की चिंगारी माना जाता है; बाद में मेरठ में बड़े पैमाने पर विद्रोह शुरू हुआ 

        युगांतरकारी विरासत मंगल पांडे को आधुनिक भारत में प्रथम स्वतंत्रता सेनानी माना जाता है। उनकी जन्मतिथि (19 जुलाई) पर वार्षिक श्रद्धांजलि दी जाती है। 1984 में उनके सम्मान में डाक टिकट जारी हुआ, और बैरकपुर में एक पार्क भी उनकी याद में स्थापित है

लोक-संस्कृति में प्रभाव उनकी कहानी पर 2005 में हिंदी फिल्म “Mangal Pandey: The Rising” बनी जिसमें आमिर खान ने भूमिका निभाई। साथ ही नाट्य मंचन जैसे “The Roti Rebellion” भी प्रस्तुत हुए हैं