क्विनोवा एक तरह का अनाज होता है,प्रासंगिक सिद्धांत पिछले कुछ प्राचीन काल से तेजी से बड़ा है। जो लोग अपने प्लास्टिक में मथिया साबुत अनाज को शामिल करना चाहते हैं उनके लिए क्विनोवा सीड्स एक बेहतर विकल्प है। क्विनोआ को सुपर ग्रेन के नाम से भी जाना जाता है, जिसमें एंटीऑक्सीडेंट, प्रोटीन और कई अन्य पोषक तत्वों की प्रचुरता होती है।
इसमें प्रचुर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है, जो हमारे मेटाबोलिज्म को मजबूत बनाने में मदद करता है। यह बीज चौलाई फैमिली का हिस्सा होता है, जो कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से लड़ने में सक्षम होता है। जिस तरीके से उपमा ओट्स और प्लास्टिक को अपलोड के साथ मिक्स करके बनाया जाता है। उसी तरह क्विनोवा की रेसिपी भी तैयार की जाती है।
डॉ. निधि डायटिक्स, बाजीडी डायटिक्स, सरोजोहा सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, दिल्ली के अनुसार इसमें मौजूद अमीनो एसिड और प्रोटीन यौगिकों को मजबूत बनाने में सहायक होते हैं और वजन घटाने के लिए डाइ में शामिल किया जा सकता है। हृदय रोग से लेकर पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाए रखने के लिए और कैंसर जैसी बड़ी समस्या के खतरे को भी कम कर सकते हैं। लेकिन क्या रोजाना सेवन करना स्वास्थ्य के लिए अच्छा है? जानिए इसके बारे में।
क्विनोवा के नुकसान में कुछ सबसे बड़े पैमाने पर होने वाला बीज वजन का भारी उपयोग किया जा रहा है। इसके फायदे तो सभी जानना चाहते हैं लेकिन इसके दुष्प्रभावों के बारे में अभी तक पता नहीं चल पाया है। क्विनोवा का अधिक सेवन एलर्जी, पाचन से जुड़े मैट्रिक्स, लो ब्लड ग्लूकोज की समस्या सहित कई स्पेक्ट्रम का सबक बन सकता है।
एलर्जी इस अनाज में सैपोनिन होता है, जो एलर्जी के कारण बन सकता है। ऐसे में त्वचा में खुजली, जलन, लाल निशान जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। अगर आपको किसी प्रकार की एलर्जी से परेशानी है तो डॉक्टर से बिना पूछे पूछें कि बच्चे को एलर्जी संबंधी परेशानी और अधिक बढ़ सकती है।
ब्लड सप्लाई की समस्या क्विनोवा में एंटीहाइपरटेन्सिव गुण मौजूद हैं, जो ब्लड शुगर लेवल को कम करने का काम करता है। वहीं जो लोग पहले से ही लो ब्लड लैब की समस्या से जूझ रहे हैं उन्हें इन ब्लड लैबोरेटरी को खाने से बचने की सलाह दी जाती है। जबकि हाई ब्लड वर्कशॉप के लिए यह सजावट से कम नहीं है। ये लोग बिना हुंचीचा क्विनोवा को अपने आहार का हिस्सा बना सकते हैं।
प्रतिदिन क्विनोवा को शामिल करने से पाचन संबंधी संरचनात्मक क्षति हो सकती है। इस सुपर ग्रसन में सैपोनिन के सम्मिलित दस्तावेज़ को प्रभावित किया जा सकता है। वहीं जो लोग पेट दर्द, अल्सर, गैस एसिडिटी और अन्य पाचन संबंधी समस्याओं से परेशान हैं उन्हें इनका सेवन नहीं करना चाहिए।
क्विनोवा खाने का सही तरीका क्विनोवा का सेवन रोज करने के बजाय हफ्ते में 3 से 4 दिन ही करें। विभिन्न प्रकार के मसाले और उपमा इसी तरह से बनाए जाते हैं, जो बर्तन के बाद फूल बन जाते हैं। इसे आप सूप, प्यारी, पेन केक्स और केक्स के रूप में भी खा सकते हैं।

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