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हॉकी इंडिया लीग: हरमनप्रीत ने खुलासा किया, “हॉकी इंडिया लीग मेरे विकास का एक बड़ा हिस्सा था

भारतीय हॉकी के लिए एचआईएल की वापसी से बेहतर कुछ नहीं हो सकता’: हरमनप्रीत सिंह Hockey India League : देश की पहली स्टैंडअलोन महिला लीग होगी जो पुरुषों की प्रतियोगिता के साथ-साथ चलेगी हॉकी इंडिया लीग: हरमनप्रीत ने खुलासा किया, “हॉकी इंडिया लीग मेरे विकास का एक बड़ा हिस्सा था बेंगलुरु  हॉकी इंडिया ने  सात साल के अंतराल के बाद हॉकी इंडिया लीग की वापसी की घोषणा की, जिसमें आठ पुरुष टीमें और छह महिला टीमें शामिल होंगी। यह देश की पहली स्टैंडअलोन महिला लीग होगी जो पुरुषों की प्रतियोगिता के साथ-साथ चलेगी। लीग 28 दिसंबर को दो स्थानों – झारखंड के रांची में मारंग गोमके जयपाल सिंह एस्ट्रोटर्फ हॉकी स्टेडियम और ओडिशा के राउरकेला में बिरसा मुंडा हॉकी स्टेडियम में खेले जाने वाले मैचों के साथ शुरू होगी। महिला लीग का समापन 26 जनवरी, 2025 को रांची में होगा, जबकि पुरुषों का फाइनल 1 फरवरी, 2025 को राउरकेला में होगा। भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह पिछले संस्करण में एक उभरते हुए सितारे के रूप में उभरे और उन्होंने अपने खेल को बेहतर बनाने के लिए दुनिया के कुछ बेहतरीन खिलाड़ियों का अध्ययन करने के अवसर का उपयोग किया। उन्होंने कई मौकों पर भारत में हॉकी के मानक को बढ़ाने के लिए लीग को श्रेय दिया है और इसकी घोषणा के बाद अपनी अपार खुशी व्यक्त की है। हरमनप्रीत सिंह ने कहा, “भारतीय हॉकी के लिए हॉकी इंडिया लीग से बेहतर कुछ नहीं हो सकता। पिछली बार यह सीखने का एक शानदार अनुभव था और मुझे यकीन है कि सभी हॉकी खिलाड़ी लीग में भाग लेने के लिए उत्साहित हैं। यह युवाओं के लिए भी दुनिया भर के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने, उनके सोचने के तरीके, उनके खेलने के तरीके में सूक्ष्म अंतर को देखने और उन अच्छी आदतों को अपनाने का एक शानदार अवसर होगा, जो उन्हें नज़र आती हैं।” हरमनप्रीत सिंह ने 2017 हॉकी इंडिया लीग के दौरान छह गोल किए और उन्हें टूर्नामेंट का उभरता खिलाड़ी चुना गया। तब से उन्होंने हॉकी की दुनिया में तहलका मचा दिया है, भारतीय पुरुष हॉकी टीम के लिए 234 मैचों में 205 गोल किए हैं। हरमनप्रीत ने खुलासा किया, “हॉकी इंडिया लीग मेरे विकास का एक बड़ा हिस्सा था। लीग ने मुझे अलग-अलग कोचों के तहत अलग-अलग खेल शैलियों से परिचित कराकर मेरे कौशल को निखारने का मंच प्रदान किया। लीग में खेलना, विभिन्न देशों के खिलाड़ियों के साथ ड्रेसिंग रूम साझा करना आपके दिमाग को खोलता है और आपको कई दृष्टिकोण और सोचने के तरीके प्रदान करता है। यह सब भारतीय हॉकी के पुनरुत्थान में अभिन्न था और इसने निश्चित रूप से टोक्यो ओलंपिक में हमारे प्रदर्शन को प्रभावित किया, जहां हमने कांस्य पदक जीता।” एचआईएल 2024-25 के लिए खिलाड़ियों की नीलामी 13 से 15 अक्टूबर तक नई दिल्ली में होगी। प्रत्येक फ्रैंचाइज़ी 24 खिलाड़ियों की टीम बनाएगी, जिसमें कम से कम 16 भारतीय खिलाड़ी (4 जूनियर खिलाड़ियों का अनिवार्य समावेश) और 8 अंतरराष्ट्रीय सितारे शामिल होंगे। नीलामी में खिलाड़ियों को 2, 5 और 10 लाख के आधार मूल्य वाले तीन स्लैब में विभाजित किया जाएगा। हॉकी इंडिया लीग इस बार बहुत बड़ी होगी; एक महिला लीग भी होगी जो दोनों स्थानों पर एक ही समय में चलेगी। उन्होंने कहा,”मुझे पूरा विश्वास है कि यह अनुभव भारतीय महिला हॉकी टीम के लिए दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीमों में से एक बनने की यात्रा में अमूल्य साबित होगा। नीलामी जल्द ही होने वाली है और मैं इसमें भाग लेने वाले सभी खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देना चाहता हूं। जहां तक मेरा सवाल है, मैं यह देखने के लिए इंतजार नहीं कर सकता कि मैं किस टीम का प्रतिनिधित्व करूंगा और हॉकी क्रांति को फिर से शुरू करूंगा।”   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 30

बैंक अकाउंट या इंश्योरेंस, नॉमिनी नहीं है तो फंस सकता है पैसा, आज ही करें ये काम

नई दिल्ली  रोहित (बदला हुआ नाम) एक प्राइवेट कंपनी में सीनियर पोस्ट पर थे। उन्होंने 30 लाख रुपये का लाइफ इंश्योरेंस कराया था। साथ ही वे शेयर मार्केट में भी पैसे निवेश करते थे। एक दुर्घटना में उनका निधन हो गया। जब उनके पिता इंश्योरेंस की रकम लेने बीमा कंपनी पहुंचे तो उन्हें पैसा नहीं मिला। कारण था कि रोहित ने अपने इंश्योरेंस में नॉमिनी का नाम नहीं लिखवाया था। इसी प्रकार उन्हें शेयर का भी पैसा भी नहीं मिला, क्योंकि उसमें भी कोई नॉमिनी नहीं था। बाद में उन्हें एक वकील की मदद लेनी पड़ी। कोर्ट-कचहरी के काफी चक्कर लगाने के बाद उन्हें अपने बेटे की रकम मिली। इसमें पैसा और समय दोनों खर्च हुए। परेशानी हुई वह अलग। कौन होता है नॉमिनी? नॉमिनी वह शख्स होता है जो अकाउंट होल्डर की मृत्यु के बाद अकाउंट से उसके पैसे को निकाल सके। यह शख्स परिवार का सदस्य या दोस्त या जानकार, कोई भी हो सकता है। अकाउंट होल्डर जब चाहे, अपने अकाउंट से नॉमिनी का नाम बदल सकता है। काफी लोग नॉमिनी के तौर पर किसी संस्था का भी नाम लिखवा देते हैं। नॉमिनी वसीयतनामे से बिल्कुल अलग है। वसीयतनामे में वह शख्स अकाउंट होल्डर की संपत्ति का मालिक हो जाता है, जबकि नॉमिनी जरूरी नहीं कि मालिक हो। संपति का मालिक नहीं होता नॉमिनी नॉमिनी अकाउंट होल्डर की संपत्ति का मालिक नहीं, बल्कि केयरटेकर होता है। नॉमिनी अगर अकाउंट होल्डर की संपत्ति का कानूनी तौर पर अकेला वारिस है तो वह उस संपत्ति को अपने पास रख सकता है। वहीं अगर कानूनी वारिस नहीं है तो उसकी जिम्मेदारी है कि वह उस संपत्ति को मृतक के कानूनी वारिसों में बांट दे। अकाउंट होल्डर की मृत्यु के बाद बैंक या दूसरे वित्तीय संस्थान अकाउंट में जमा रकम नॉमिनी को दे देते हैं। इसके बाद नॉमिनी की जिम्मेदारी है कि वह उस रकम को मृतक के वारिसों तक पहुंचाए। अगर वह रकम उन्हें नहीं पहुंचाता है तो यह मामला नॉमिनी और मृतक के वारिसों के बीच का हो जाता है। यहां बैंक की कोई भूमिका नहीं रहती। कब जुड़वाएं नॉमिनी? बैंक अकाउंट, पॉलिसी, इंश्योरेंस, डीमैट अकाउंट, लॉकर, एफडी आदि में नॉमिनी का नाम जरूर लिखवाना चाहिए। वैसे तो नॉमिनी के तौर पर किसी भी शख्स का नाम लिखवा सकते हैं। लेकिन जानकार कहते हैं कि अकाउंट होल्डर के निधन के बाद परिवार के लोग कानूनी चक्कर में न पड़ें, इससे बेहतर है कि उसी शख्स का नाम लिखवाएं जो कानूनी वारिस हो। अगर अकाउंट खुलवा लिया है और नॉमिनी का नाम नहीं लिखवाया है तो अब भी नाम लिखवा सकते हैं। अकाउंट में एक से ज्यादा नॉमिनी का भी नाम लिखवा सकते हैं। नॉमिनी न होने पर पड़ सकते हैं ये चक्कर     बैंक या इंश्योरेंस कंपनी मृतक की रकम को उसके परिवार के किसी भी सदस्य को नहीं देगी। बैंक लीगल वारिस के लिए कोर्ट की तरफ से जारी पेपर मांग सकता है।     कई बार कोई दूर का रिश्तेदार या अनजान शख्स भी खुद काे मृतक का वारिस घोषित कर देता है। ऐसे में मामला और उलझ जाता है।     अगर परिवार के सदस्यों में आपसी कलह हो जाए तो मामला कोर्ट तक चला जाता है। इसका फैसला होने में 6 महीने या कई साल तक लग सकते हैं।     परिवार के लोग किसी कानूनी चक्कर में न फंसें, इसलिए आज ही अपने अकाउंट में कानूनी वारिस का नाम नॉमिनी के तौर पर लिखवाएं। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 33

31 अक्टूबर या 1 नवंबर, कब मनाई जाएगी दीपावली कन्फ्यूजन जारी ? ज्योतिषी ने दूर किया भ्रम

 हर साल की तरह इस साल भी दिवाली का त्योहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाया जाएगा, लेकिन इस बार तिथि की शुरुआत और समापन के बीच त्योहार मनाने की तारीखों को लेकर असमंजस खड़ी हो गई है. हिंदू धर्म के बड़े त्योहारों में से एक दिवाली को प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है. इसकी तैयारी महीनों पहले शुरू हो जाती है. इस दिन भगवान श्रीराम 14 वर्ष के वनवास के बाद वापिस अयोध्या आए थे, लेकिन इस बार दिवाली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी या फिर 1 नवंबर को इसको लेकर बड़ी असमंजस बनी हुई है. सनातन धर्म के पर्वों की तिथियों को लेकर अक्सर मतभेद रहता है. देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग पंचांगों के अनुसार ज्योतिर्विद पर्वों की तिथियों का निर्धारण कर देते हैं. ऐसा ही कुछ इस बार दीपावली के पर्व पर भी हुआ है. काशी में जहां एक ओर दीपोत्सव का पर्व 31 अक्टूबर तय हो गया है तो वहीं अयोध्या सहित पश्चिम यूपी में 1 नवंबर को दिवाली के मनाने की बात सामने आ रही है. तो आइए जानते हैं कि ज्योतिष और धर्म शास्त्र के मुताबिक, दीपावली का यह महत्वपूर्ण पर्व कब मनाया जाएगा. काशी के ज्योतिष ने दिवाली की तिथि को लेकर क्या कहा काशी के ज्योतिष ऋषि द्विवेदी ने बताया कि सनातन धर्म में कार्तिक अमावस्या को दीपोत्सव या दीपावली मनाया जाता है. जिसका सभी पर्वों में अपना एक विशिष्ट स्थान है. वहीं, कार्तिक अमावस्या इस बार दो दिन है. इस बार कार्तिक अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर को दोपहर 3 बजकर 12 मिनट से लग रही है जो अगले दिन 1 नवंबर को सायं 5 बजकर 13 मिनट तक रहेगी. देखा जाए तो इस बार दीपावली की तिथि के निर्णय ने लोगों में संशय प्रकट कर दिया है. ज्योतिष ऋषि द्विवेदी ऐसे संदर्भ में धर्म सिंधु का निर्णय सर्वोपरि माना जाता है. जिसके अनुसार कहा गया है कि "पूर्वत्रैव प्रदोष व्याप्तौ लक्ष्मीपूजनादौ पूर्वा अभ्यंग स्नान दौ परा" अर्थात यदि कार्तिक अमावस्या दो दिन हो तो उसमें पूर्व दिन लेना चाहिए. कारण है कि अमावस्या प्रदोष और रात्रि व्यापिनी में होनी चाहिए जो कि इस बार 31 अक्टूबर की अमावस्या प्रदोष और रात्रि में ही मिलेगी. इसलिए, दीपावली शास्त्रानुसार 31 अक्टूबर को मनाना शास्त्र संवत है. क्योंकि 1 अक्टूबर को रात्रि काल में अमावस्या नहीं मिल रही है इसलिए उस 1 नवंबर को दीपावली मनाना शास्त्र संवत नहीं है. उन्होंने आगे यह चुनौती भी दी कि जो लोग 1 नवंबर को दीपावली मनाने का दावा कर रहें हैं उन्हें शास्त्र की आज्ञा को प्रकट करना चाहिए. वाराणसी ज्योतिषाचार्य श्रीधर पांडेय का पक्ष वहीं, वाराणसी के ज्योतिषाचार्य श्रीधर पांडेय ने बताया कि दीपावली की पूजा अमावस्या में होती है और अमावस्या की रात्रि महाकाली की रात्रि होती है. 31 अक्टूबर 2024 को दोपहर 3 बजकर 12 मिनट के बाद अमावस्या लग रही है जो अगले दिन 1 नवंबर को शाम 5 बजकर 14 मिनट तक रहेगी. इसलिए, दीपावली का मान 31 अक्टूबर को ही है. दीपावली के पर्व पर महारात्रि में अमावस्या मिलनी चाहिए और इसमें उदया तिथि की मान्यता नहीं होती है. ज्योतिषाचार्य श्रीधर पांडेय माना जाता है कि अमावस्या की काली रात में माता लक्ष्मी धरती पर भ्रमण करती हैं. उस समय जो लोग अपने घरों और दरवाजे पर दीपक जलाते हैं और महानिशा काल में पूजन करते हैं, उन पर मां लक्ष्मी की कृपा होती है. कई जगहों पर उदया तिथि का तर्क देकर दीपावली को 1 नवंबर को मनाने का प्रचार अपने-अपने पंचांग के मुताबिक किया जा रहा है जो सरासर गलत और भ्रमित करने वाला है. धर्म शास्त्रों के अनुसार, 31 अक्टूबर की रात्रि ही दीपावली मनाई जाएगी. ज्योतिष उमंग नाथ शर्मा का तथ्य वाराणसी के एक अन्य ज्योतिष उमंग नाथ शर्मा ने बताया कि 31 अक्टूबर को ही दीपावली मनाई जाएगी. क्योंकि, रात्रि में अमावस्या का मिलना आवश्यक होता है और काशी से जितने भी पंचांग निकलते हैं उनकी गणित शास्त्रीय विधि से पूर्ण रहती है. सिंधु ग्रंथ में संदेहास्पद तिथि और पर्व को नक्षत्र और तिथि के अनुसार तय किया जाता है कि कब और किस दिन पर्व मनाए जाएंगे. निर्णय सिंधु के आधार पर पूर्ण रूप से दीपावली का पर्व 31 अक्टूबर को ही मनाई जाएगी. पूर्वांचल की तुलना में पश्चिम में सूर्योदय का समय भिन्न होता है जिसकी वजह से उदया तिथि के अनुसार चलने वाले कई जगहों पर 1 नवंबर को दीपावली मनाने की बात सामने आ रही है. जो शास्त्र संवत नहीं है. प्रो. रामनारायण द्विवेदी ने बताई दीपावली की तिथि वहीं, काशी विद्वत परिषद के महामंत्री और बी.एच.यू संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के प्रो. रामनारायण द्विवेदी के अनुसार 31 अक्टूबर को पूर्णकालिक प्रदोष व्यापिनी अमावस्या मिलने के कारण और धर्मसिंधु ग्रंथ के अनुसार यदि ये खास अमावस्या जिस दिन प्राप्त होती है उसी दिन दीपोत्सव मनाने के विधान शास्त्रों में बताए गए हैं. प्रो. रामनारायण द्विवेदी श्री काशी विद्वत परिषद तिथि पर्व निर्णय के अनुसार भी, 31 अक्टूबर को ही दीपावली मनाई जाएगी. दरअसल, 1 नवंबर को अमावस्या पूर्णकालिक प्रदोष व्यापिनी से न मिलकर अंशकालिक ही मिल रही है जिस वजह से जो शास्त्र संवत नहीं है. इसलिए दीपावली का पर्व 31 अक्टूबर को मनाना ही शास्त्र संवत है. काशी के सभी पंचांगकारों ने 31 अक्टूबर को ही दीपोत्सव मनाने का विधान लिखा है. दीपावली का पर्व प्रदोष काल का ही पर्व होता है. इसलिए इसमें उदया तिथि के गृहीत का विधान नहीं है. यह है दिवाली का शुभ मुहूर्त  इस बार तारीख के साथ ही दिवाली के शुभ मुहूर्त को लेकर भी असमंजस है. ऐसे में दिवाली का पहला शुभ मुहूर्त प्रदोष काल में शाम 5 बजकर 36 मिनट से लेकर रात के 8 बजकर 11 मिनट तक रहेगा. वहीं वृषभ काल में शुभ मुहूर्त शाम के 6 बजकर 20 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 15 मिनट तक रहेगा. इस समय में लक्ष्मी पूजन करना शुभ होगा.  Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ 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दुनिया की सबसे लंबी खजाना खोज का अंत, मिला सोने का उल्लू

पेरिस  दुनिया की सबसे लंबी खजाना खोज का अंत हो गया। फ्रांस की एक घोषणा के बाद ऐसा लगता है कि 31 साल बाद दफन सोने के उल्लू की मूर्ति अंततः खोज ली गई है। तीन दशकों पहले फ्रांस में मायावी सुनहरे उल्लू की मूर्ति की खोज शुरू हुई थी। 1993 में यह शुरू हुई, जिसने दुनिया भर के हजारों प्रतिभागियों को मोहित कर लिया। प्रत्येक ने 11 मुश्किल पहेलियों की एक सीरीज को समझने की कोशिश की, जो उल्लू की दफन कांस्य की मूर्ति तक ले जा सकती थी। यह कोई प्राचीन खजाना नहीं है। बल्कि प्रतियोगिता के तहत रखा गया था। खजाने की खोज को 'गोल्डन आउल' के नाम से जाना जाता है। पहेली निर्माता मैक्स वैलेन्टिन के दिमाग की यह उपज थी। फ्रांस में कहीं उन्होंने इसे दफना दिया था। इससे जुड़े जटिल सुराग 1993 में प्रकाशित एक पुस्तक में थे। खजाना खोज की आधिकारिक चैटलाइन पर किताब के चित्रकार माइकल बेकर ने गुरुवार सुबह एक पोस्ट में कहा, 'हम पुष्टि करते हैं कि गोल्डन उल्लू की प्रतिकृति कल रात खोदी गई थी, और साथ ही ऑनलाइन प्रणाली पर इसका सॉल्यूशन भेज दिया गया है। इसलिए अब किसी भी स्थान के लिए यात्रा करना और वहां जाकर खुदाई करना व्यर्थ है।' जीतने वाले को मिलेगा सोने का उल्लू पहेली सुलझाने वाले को अंतिम पुरस्कार के रूप में एक असली सोने का उल्लू मिलना था। इसकी कीमत 1 करोड़ 38 लाख थी। उल्लू कहां पर दफन था इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई है। न ही इसके खोजने वाले के बारे में बताया गया है। खजाना खोजने वालों के बीच यह चर्चा का विषय बन गया है। खजाना खोजियों ने सोशल मीडिया पर अपने रिएक्शन देने शुरू कर दिए। एक शख्स ने लिखा, 'अंततः मुक्ति मिली।' दूसरे ने मजाक में कहा, 'मुझे नहीं लगा था कि यह देखने के लिए मैं जिंदा रहूंगा।' कहां छिपा था जवाब इस खोज में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया। इस पूरे खेल ने किताबों, मैग्जीन और इससे जुड़ी वेबसाइटों को जन्म दिया। 2009 में वैलेन्टिन की मौत हो गई। बाद में बेकर ने इस पूरी प्रतियोगिता की जिम्मेदारी ली। हालांकि कुछ खजाना खोजी इस बात को लेकर डरे हैं कि इसकी खोज मेटल डिटेक्टर से की गई होगी। नियमों के तहत खजाना खोजने वाले को यह दिखाना होगा कि पहेलियों को उसने सही ढंग से हल किया है। न कि वह उसे सिर्फ संयोग से मिल गया। मूल रूप से दबे हुए उल्लू के बारे में बेकर को भी नहीं पता था। इसका जवाब वैलेंटाइन के परिवार के पास एक सीलबंद लिफाफे में था। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 33

साइबर फ्रॉड पर नकेल के लिए सरकार का बड़ा एक्शन,काटे गए 1.77 करोड़ मोबाइल कनेक्शन , 45 लाख स्पूफ कॉल किए गए ब्लॉक

नई दिल्ली  केंद्र ने  बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित उपकरणों का उपयोग करके अब तक 1.77 करोड़ मोबाइल कनेक्शन काट दिए गए हैं। इसके अंतर्गत वह मोबाइल कनेक्शन काटे गए हैं। इनमें नकली या जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल किया गया था। इसके अलावा, चार दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) ने दूरसंचार विभाग (डीओटी) के सहयोग से एक उन्नत प्रणाली को सफलतापूर्वक लागू किया है। इसके तहत अब तक 45 लाख फर्जी अंतर्राष्ट्रीय कॉलों को भारतीय दूरसंचार नेटवर्क में आने से रोका गया है। संचार मंत्रालय ने कहा, अगले चरण में एक केंद्रीकृत प्रणाली शामिल होगी, जो सभी टीएसपी में शेष बची फर्जी कॉलों को समाप्त कर देगी, इसके शीघ्र ही चालू होने की उम्मीद है। वहीं दूरसंचार विभाग ने एक उन्नत प्रणाली शुरू की है। इसके तहत भारतीय दूरसंचार उपभोक्ताओं तक पहुंचने से पहले आने वाली अंतर्राष्ट्रीय फर्जी कॉलों की पहचान करने और उन्हें ब्लॉक करने के लिए तैयार की गई है। इस व्यवस्था को दो चरणों में लागू किया जा रहा है। पहला चरण टीएसपी स्तर पर लागू किया जा रहा है। इसके तहत अपने ग्राहकों के फोन नंबर से आने वाली फर्जी कॉल को रोका जा सकेगा। दूसरा चरण केंद्रीय स्तर पर लागू किया जा रहा है। इसके तहत दूसरे टीएसपी के ग्राहकों के फोन नंबर से आने वाली फर्जी कॉल को रोका जा सकेगा। 1.77 करोड़ मोबाइल कनेक्शनों पर कार्रवाई के तहत केंद्र ने देश के साइबर अपराध हॉटस्पॉट/जिलों में साइबर अपराधियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले 33.48 लाख मोबाइल कनेक्शन काट दिए और 49,930 मोबाइल हैंडसेट ब्लॉक कर दिए। एक व्यक्ति के लिए निर्धारित सीमा से अधिक मोबाइल कनेक्शन वाले लगभग 77.61 लाख कनेक्शन काट दिए गए हैं और साइबर अपराध या धोखाधड़ी गतिविधियों में शामिल 2.29 लाख मोबाइल फोन ब्लॉक कर दिए गए हैं। चोरी/खोए हुए 21.03 लाख मोबाइल फोन में से लगभग 12.02 लाख का पता लगा लिया गया है। साथ ही डीओटी और टीएसपी ने एसएमएस भेजने में शामिल लगभग 20,000 संस्थाओं, 32,000 एसएमएस हेडर और 2 लाख एसएमएस टेम्पलेट को काट दिया है। मंत्रालय ने बताया, बैंकों और पेमेंट वॉलेट्स ने करीब 11 लाख खातों को फ्रीज कर दिया है, जो फर्जी/जाली दस्तावेजों के आधार पर लिए गए डिस्कनेक्ट मोबाइल कनेक्शन से जुड़े थे।व्हाट्सएप ने करीब 11 लाख व्हाट्सएप प्रोफाइल/खातों को बंद कर दिया है, जो फर्जी या जाली दस्तावेजों के आधार पर लिए गए डिस्कनेक्टेड मोबाइल कनेक्शन से जुड़े थे। दूरसंचार विभाग ने बताया कि अब तक 71,000 पॉइंट ऑफ सेल (सिम एजेंट) को ब्लैकलिस्ट किया जा चुका है और कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 365 एफआईआर दर्ज की गई हैं।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 32

येरुशलम में 35 एकड़ जमीन के टुकड़ा जिसका ताल्लुक तीन-तीन धर्मों से है, जिसका कब्ज़ा पाने तीसरे विश्व युद्व के मुहाने पर ….

येरुशलम हिज्बुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की मौत के बाद पूरी दुनिया की निगाहें अब इजरायल और फिलिस्तीन पर लगी हैं. क्या इजरायल अब लेबनान पर जमीनी हमला करेगा? क्या ईरान इजरायल पर पलट वार करेगा? और क्या इस बीच सारी दुनिया दो हिस्सों में बंट जाएगी? दरअसल, ये मसला ही कुछ ऐसा है कि इसे सुलझाना आसान नहीं है. क्योंकि इस मसले की जड़ में 35 एकड़ जमीन का एक टुकड़ा है. 35 एकड़ जमीन के लिए जंग ये पूरी दुनिया कुल 95 अरब 29 करोड़ 60 लाख एकड़ जमीन पर बसी है. जिस पर दुनिया भर के लगभग 8 अरब इंसान बसते हैं. इस 95 अरब 29 करोड़ 60 लाख एकड़ जमीन में से सिर्फ 35 एकड़ जमीन का एक ऐसा टुकड़ा है, जिसके लिए बरसों से जंग लड़ी जा रही है. जिस जंग में हजारों जानें जा चुकी हैं. लेकिन आज भी दुनिया की कुल 95 अरब 29 करोड़ 60 लाख एकड़ जमीन में से इस 35 एकड़ जमीन के मालिकाना हक को लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया. हमास का हमला और उसके जवाब में इजरायल की जोरदार बमबारी. जी हां, आप माने या ना मानें लेकिन सिर्फ 35 एकड़ जमीन के एक टुकड़े की वजह से इजरायल और फिलिस्तीन के बीच बरसों से ये जंग जारी है.  संयुक्त राष्ट्र के अधीन है पूरी जगह इस जंग को समझने के लिए पहले 35 एकड़ इस जमीन की पूरी सच्चाई को समझना जरूरी है. येरुशलम में 35 एकड़ जमीन के टुकड़े पर एक ऐसी जगह है, जिसका ताल्लुक तीन-तीन धर्मों से है. इस जगह को यहूदी हर-हवाइयत या फिर टेंपल माउंट कहते हैं. जबकि मुस्लिम इसे हरम-अल-शरीफ बुलाते हैं. कभी इस जगह पर फिलिस्तीन का कब्जा हुआ करता था. बाद में इजरायल ने इसे अपने कब्जे में लिया. लेकिन इसके बावजूद आज की सच्चाई ये है कि 35 एकड़ जमीन पर बसे टेंपल माउंट या हरम अल शरीफ ना तो इजरायल के कब्जे में है और ना ही फिलिस्तीन के. बल्कि ये पूरी जगह संयुक्त राष्ट्र के अधीन है.  761 सालों तक था मुस्लिम पक्ष का कब्जा 35 एकड़ जमीन का ये वो टुकड़ा है, जिस पर सैकड़ों साल पहले ईसाइयों का कब्जा हुआ करता था. लेकिन 1187 में यहां मुसलमानों का कब्जा हुआ और तब से लेकर 1948 तक मुसलमानों का ही कब्जा था. लेकिन फिर 1948 में इजरायल का जन्म हुआ और उसके बाद से ही जमीन के इस टुकड़े को लेकर जब-तब झगड़ा शुरू हो गया. आईए जान लेते हैं कि आखिर 35 एकड़ जमीन के इस टुकड़े पर ऐसा क्या है, जिसके लिए सदियों से यहूदी, ईसाई और मुस्लिम लड़ते रहे हैं.  मुस्लिमों का दावा मुस्लिम मान्यताओं के मुताबिक मक्का और मदीना के बाद हरम-अल-शरीफ उनके लिए तीसरी सबसे पाक जगह है. मुस्लिम धर्म ग्रंथ कुरान के मुताबिक आखिरी पैगंबर मोहम्मद मक्का से उड़ते हुए घोड़े पर सवार होकर हरम अल शरीफ पहुंचे थे. और यहीं से वो जन्नत गए. इसी मान्यता के मुताबिक तब येरुशलम में मौजूद उसी हरम अल शरीफ पर एक मजसिद बनी थी. जिसका नाम अल अक्सा मस्जिद है. मान्यता है कि ये मस्जिद ठीक उसी जगह पर बनी है, जहां येरुशलम पहुंचने के बाद पैगंबर मोहम्मद ने अपने पांव रखे थे. अल अक्सा मस्जिद के करीब ही एक सुनहरे गुंबद वाली इमारत है. इसे डोम ऑफ द रॉक कहा जाता है. मुस्लिम मान्यता के मुताबिक ये वही जगह है, जहां से पैगंबर मोहम्मद जन्नत गए थे. जाहिर है इसी वजह से अल अक्सा मस्जिद और डोम ऑफ द रॉक मुसलमानों के लिए बेहद पवित्र जगह है. इसीलिए वो इस जगह पर अपना दावा ठोंकते हैं. यहूदियों का दावा यहूदियों की मान्यता है येरुशलम में 35 एकड़ की उसी जमीन पर उनका टेंपल माउंट है. यानी वो जगह जहां उनके ईश्वर ने मिट्टी रखी थी. जिससे आदम का जन्म हुआ था. यहूदियों की मान्यता है कि ये वही जगह है, जहां अब्राहम से खुदा ने कुर्बानी मांगी थी. अब्राहम के दो बेटे थे. एक इस्माइल और दूसरा इसहाक. अब्राहम ने खुदा की राय में इसहाक को कुर्बान करने का फैसला किया. लेकिन यहूदी मान्यताओं के मुताबिक तभी फरिश्ते ने इसहाक की जगह एक भेड़ को रख दिया था. जिस जगह पर ये घटना हुई, उसका नाम टेंपल माउंट है. यहूदियों के धार्मिक ग्रंथ हिबू बाइबल में इसका जिक्र है. बाद में इसहाक को एक बेटा हुआ. जिसका नाम जैकब था. जैकब का एक और नाम था इसरायल. इसहाक के बेटे इसरायल के बाद में 12 बेटे हुए. उनके नाम थे टुवेल्व ट्राइब्स ऑफ इजरायल. यहूदियों की मान्यता के मुताबिक, इन्हीं कबीलों की पीढ़ियों ने आगे चल कर यहूदी देश बनाया. शुरुआत में उसका नाम लैंड ऑफ इजरायल रखा. 1948 में इजरायल की दावेदारी का आधार यही लैंड ऑफ इजरायल बना.  होली ऑफ होलीज का एक हिस्सा है वेस्टर्न वॉल  लैंड ऑफ इजरायल पर यहूदियों ने एक टेंपल बनाया. जिसका नाम फर्स्ट टेंपल था. इसे इजरायल के राजा किंग सोलोमन ने बनाया था. बाद में ये टेंपल दुश्मन देशों ने नष्ट कर दिया. कुछ सौ साल बाद यहूदियों ने उसी जगह फिर एक टेंपल बनाया. इसका नाम सेकंड टेंपल था. इस सेकंड टेंपल के अंदरुनी हिस्से को होली ऑफ होलीज़ कहा गया. यहूदियों के मुताबिक ये वो पाक जगह थी, जहां सिर्फ खास पुजारियों की छोड़ कर खुद यहूदियों को भी जाने की इजाजत नहीं थी. यही वजह है कि इस सेकंड टेंपल की होली ऑफ होलीज वाली जगह खुद यहूदियों ने भी नहीं देखी.  लेकिन 1970 में रोमन ने इसे भी तोड़ दिया. लेकिन इस टेंपल की एक दीवार बची रह गई. ये दीवार आज भी सलामत है. इसी दीवार को यहूदी वेस्टर्न वॉल कहते हैं. यहूदी इस वेस्टर्न वॉल को होली ऑफ होलीज के एक आहाते का हिस्सा मानते हैं. मगर चूंकि होली ऑफ होलीज के अंदर जाने की इजाजत खुद यहूदियों को भी नहीं थी, इसीलिए वो पक्के तौर पर ये नहीं जानते कि वो अंदरुनी जगह असल में ठीक किस जगह पर है? लेकिन इसके बावजूद वेस्टर्न वॉल की वजह से यहूदियों के लिए ये जगह बेहद पवित्र है. ईसाइयों का दावा ईसाइयों की मान्यता है कि ईसा मसीह ने इसी 35 एकड़ की जमीन से उपदेश … Read more