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कुछ सेकेंड में तबाही मचा देता है भारत का स्वदेशी रॉकेट Pinaka, पाकिस्तान हो जाओ सावधान

नई दिल्ली  शांति का संदेश पूरे विश्व को देगा लेकिन साथ ही भारत आतंकवाद से लड़ेगा. भारत अपनी संप्रभुता को चुनौती देने वालों से लड़ेगा. भारत उसके नागरिकों का खून बहाने वालों से लड़ेगा. जो जिस जुबान में बात करेगा, उसे उसकी जुबान में जवाब देगा. इस बार इन सारे समीकरण में पाकिस्तान है जिसने न सिर्फ भारत की जमीं पर अटैक करने के लिए आतंकवादियों को पनाह और ट्रेनिंग दी बल्कि भारत के उनपर एक्शन लेने के बाद आम भारतीयों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की. हवाई हमले के लिए ड्रोन भेजे और मिसाइल गिराने की जुर्रत की. लेकिन इन तमाम कोशिशों के बीच भारत की सेना और उनके हथियार डिफेंस की दीवार बनकर खड़े हैं. चलिए आपको मिलाते हैं पाकिस्तान जैसे हर विरोधी के लिए भारत के अस्त्र- पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्च सिस्टम (Pinaka multi-barrel rocket launcher) से. आपको बताएंगे कि भारत के जखीरे में यह अस्त्र खास क्यों है, यह क्या करता है. गौरतलब है कि भारतीय सेना ने हाल ही में राजस्थान के पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में अपने स्वदेशी रूप से विकसित पिनाका सिस्टम की लाइव फायरिंग ड्रिल का आयोजन किया. इसे ऑपरेशन सिंदूर के पहले पाकिस्तान के खिलाफ भारत की तैयारियों का संदेश माना जा रहा था. पिनाका रॉकेट लॉन्चर: 44 सेकेंड में 72 रॉकेट लॉन्च आपके मन में यह सवाल आ सकता है कि पिनाका का नाम आखिर पिनाका क्यों है. पिनाका दरअसल भगवान शिव का पौराणिक धनुष का नाम है इसी पर इस मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्च सिस्टम का नाम रखा गया है. मल्टी बैरल सिस्टम होने का मतलब है कि इससे एक साथ कई रॉकेट को लॉन्च किया जा सकता है. यह भारत के तोपखाने की शक्ति का एक मुख्य घटक है. इसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन यानी DRDO ने डिजाइन किया है, और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स और लार्सन एंड टुब्रो जैसी भारतीय रक्षा कंपनियों ने इसे बनाया है. इसे पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत बनाया गया है. यह डिफेंस सिस्टम में पहला पिनाक के रॉकेट में GPS भी लगा होता है और यह इसमें गाइडेड सिस्टम पहले से लगा होता है. विशेषज्ञों ने कहा कि पिनाका रॉकेट मैक 4.7 (5,800 किमी/घंटा) की गति तक पहुंच सकते हैं, जिससे उन्हें रोकना बेहद चुनौतीपूर्ण हो जाता है. भारतीय सेना में चार पिनाका रेजिमेंट सेवा में हैं और छह और ऑर्डर पर हैं. किसी जंग की स्थिति में इसका सबसे बड़ा काम यही होता है कि यह दुश्मन के महत्वपूर्ण और संवेदनशील क्षेत्र में टारगेट पर बहुत कम समय में बड़े हमला करे. जनवरी में ही सरकार ने पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम के लिए गोला-बारूद के 10,200 करोड़ रुपये के ऑर्डर को मंजूरी दे दी. भारत ने पहले ही आर्मेनिया को इसका निर्यात किया है और फ्रांस के साथ भी डील करने की बात चल रही थी. Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 12

भारतीय सेना के बेड़े में शामिल है ये खतरनाक टैंक और जहाज, जान लीजिए क्या है खासियत

नई दिल्ली India के पास कौन कौन से टैंक हैं और उनकी क्या ख़ासियत है? हम जानेंगे कि भारत के पास कौन से प्रमुख टैंक हैं? उनकी क्या विशेषताएं हैं और ये टैंक देशी हैं या विदेशी. भारत के पास तीन प्रमुख टैंक हैं. ये T-72, T-90 और अर्जुन टैंक हैं. भारत के कई टैंक, इन टैंकों के नए संस्करण हैं. इसके अलावा और भी कई टैंक हैं. T-72 से शुरू करते हैं. T-72 टैंक T-72 सोवियत ज़माने का टैंक है. माने रूसी टैंक. 1971 में इसका प्रोडक्शन शुरू हुआ था. इसे लियोनिद कार्तसेव और वलेरी वेनेदिक्तोव ने सबसे पहली बार डिजाइन किया था. इसका सेकेंड जेनरेशन T-72A टैंक 1979 में आया. थर्ड जेनरेशन टैंक 2010 में T-72B3 के नाम से आया. T-72 ब्रिज लेयर टैंक. T-72 को लाइटवेट टैंक में गिना जाता है. इसका वजन करीब 41 टन होता है. ये टैंक 5 मीटर की गहराई वाली नदियों से होकर गुजर सकते हैं. अगर पानी में इंजन बंद भी होता है, तो वह 6 सेकेंड्स में रीस्टार्ट हो जाता है. इस टैंक में न्यूक्लियर, बायोलॉजिकल और केमिकल (NBC) सुरक्षा प्रणाली है. भारत के पास करीब 2400 T-72 टैंक हैं. भारत ने T-72 से 3 प्रमुख टैंक बनाए हैं भारत ने टी-72 टैंक से अपने 3 प्रमुख टैंक बनाए हैं. अजेय MK1, अजेय MK2, कॉम्बैट इमप्रूव्ड अजेय हैं. अजेय MK1, T-72M1 का भारतीय वर्जन है. ऐसे ही अजेय MK2, T-72M1 का ही एक वर्जन है. यह एक्सप्लोसिव रिएक्टिव आर्मर के साथ आता है. ये दुश्मन टैंक के साथ ही गर्मी आदि से सुरक्षित रखते हैं. कॉम्बैट इमप्रूव्ड अजेय टैंक T-72 टैंक के सबसे आधुनिक संस्करणों में से है. भारत पहले इस टैंक पर बहुत फोकस नहीं कर रहा था, क्योंकि भारत की नज़रें देशी अर्जुन टैंक पर अधिक थी. लेकिन अर्जुन टैंक में अधिक वक्त लगने के कारण भारत ने इस पर काम करना मुनासिब समझा. इस टैंक में इज़रायल, पोलैंड, जर्मनी, साउथ अफ्रीका आदि देशों के टूल लगे हुए हैं, जो इस टैंक को सुपर टैंक बनाते हैं. Combat Improved Ajeya   T-90 टैंक T-90 टैंक भी रूसी टैंक है. यह थर्ड जेनरेशन रूसी बैटल टैंक है. यह T-72B और T-80U का मॉडर्न वर्जन है. इस टैंक को पहले T-72BU के नाम से जाना जाता था, लेकिन बाद में इसे T-90 नाम दे दिया गया. अभी चीन के साथ तनाव को लेकर भारत ने लद्दाख के देपसांग इलाके में T-90 टैंक तैनात किए थे. T90 Tank इसका वजन करीब 46 टन है. यह डीजल इंजन पर चलता है. इसमें अधिकतम 1600 लीटर फ्यूल डाला जा सकता है. T-90 टैंक को सामान्य रास्ते पर 60 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चलाया जा सकता है. जबकि उबड़खाबड़ रास्ते पर इसकी अधिकतम रफ्तार 50 किलोमीटर प्रतिघंटे के करीब होती है. इस टैंक में 125 मिलीमीटर की मोटाई वाली स्मूदबोर टैंक गन होती है. इसके जरिए कई तरह के गोले और मिसाइलें दागी जा सकती हैं. इस टैंक से एक राउंड में सात मिसाइल छोड़ी जा सकती हैं. इसमें मिसाइल ऑटोमैटिक लोड होती है. इस टैंक से एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल भी दागे जा सकते हैं. इससे 2 किलोमीटर तक की रेंज में हैलीकॉप्टर को भी मार गिरा सकते हैं. T-90 भीष्म टैंक साल 2001 में भारत ने पहली बार रूस से T-90 टैंक खरीदने का सौदा किया था. भारत ने रूस को 310 T-90 टैंक का ऑर्डर दिया. इनमें से 124 रूस से बनकर आए, जबकि बाकी को भारत में असेंबल किया गया. जिन T-90 टैंकों को भारत में असेंबल किया गया उन्हें ‘भीष्म’ नाम दिया गया. भीष्म को और अधिक आधुनिक बनाने के लिए रूस के साथ ही फ्रांस की भी मदद ली जाती रही है. T90 Bhishma Tank पहले 10 भीष्म टैंक अगस्त 2009 में सेना में शामिल हुए. भारत ने सैकड़ों और भीष्म टैंक को शामिल करने का प्लान किया हुआ है. अभी भारत के पास 2000 के करीब T-90 सीरीज़ के टैंक है. अर्जुन टैंक अर्जुन टैंक को कतई देशी टैंक कह सकते हैं. इसे डिफेंस रिसर्च एंड डेवेलपमेंट आर्गेनाइजेशन (DRDO) और कॉम्बैट व्हीकल्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (CVRDE) द्वारा विकसित किया गया है. इसकी अधिकतम स्पीड 70 किलोमीटर प्रति घंटे की है. उबड़खाबड़ रास्ते पर इसकी अधिकतम स्पीड 40 किलोमाटर प्रति घंटे की है. इस टैंक का वजन 58.5 टन है. इसमें कई अत्याधुनिक फीचर्स दिए गए हैं. जैसे कि थर्मल इमेजिंग के साथ नाइट विजन, डिजिटल बैलिस्टिक कंप्यूटर, एंटी एयरक्राफ्ट मशीन गन, हाई परफॉरमेंस इंजन. यह टैंक प्रति मिनट 6-8 राउंड फायर कर सकता है. भारत के पास अर्जुन टैंक के सभी मॉडल को मिलाकर करीब 370 टैंक हैं. अर्जुन टैंक को कई बार T-90 टैंकों के साथ तुलना किया गया और रिपोर्ट्स के मुताबिक़ अर्जुन टैंक का प्रदर्शन अच्छा रहा. शुरुआत में अर्जुन टैंक को बनाने के लिए भी कई पार्ट्स बाहरी देशों से मंगवाए गए, लेकिन बाद में इसे धीरे-धीरे कम किया जाता गया. Mbt Arjun Tank अर्जुन MBT MK1 हाल ही में पीएम मोदी ने सेना को अर्जुन टैंक का एक उन्नत संस्करण सेना को सौंपा है. इस टैंक को भी CVRDE और DRDO द्वारा विकसित किया गया है. DRDO के मुताबिक़ अर्जुन एमबीटी एमके 1ए, अर्जुन एमबीटी एमके 1 का उन्नत संस्करण है. इसमें 14 प्रमुख अपग्रेड किए गए हैं. यह टैंक बेहतर गोलाबारी, उच्च गतिशीलता, उत्कृष्ट सुरक्षा और चालक दल के नज़रिए से बेहतरीन बताया गया है. DRDO के सेक्रेटरी सतीश रेड्डी ने बताया था कि इस टैंक में 71 अतिरिक्त फीचर दिए हैं. उन्होंने बताया था कि 118 टैंकों का आर्डर 8500 करोड़ रुपए का है. लाइट टैंक में भारत थोड़ा पीछे चल रहा भारत के पास अभी कोई लाइट टैंक नहीं है. लाइट टैंक से मतलब है 20 से 30 टन के टैंक. लाइट टैंक होने से उनका पहाड़ी इलाकों में इस्तेमाल आसान हो जाता है. चीन के पास इस तरह के टैंक हैं. पिछले 10 साल से भारतीय सेना इस तरह के टैंक की तलाश में है, लेकिन अभी तक खरीद नहीं हो पाई है और न ही भारत ने अभी तक ऐसा कोई टैंक बनाया है. लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक़ इस दिशा में काम ज़ारी है. Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको … Read more

अब विराट ने टेस्ट से संन्यास लेने का बनाया मन, जानें BCCI की तरफ से क्या मिली सलाह

मुंबई भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का मन बना लिया है और इस बारे में उन्होंने BCCI को भी सूचित कर दिया है. ऐसे में उनके इंग्लैंड दौरे पर टीम का हिस्सा बनने की संभावना बेहद कम है. हालांकि, बोर्ड के एक टॉप लेवल के अध‍िकारी ने कोहली से इस फैसले पर दोबारा सोचने की अपील की है. अब यह देखना होगा कि चयन समिति जब इंग्लैंड दौरे के लिए टीम का ऐलान करेगी, तब कोहली के भविष्य को लेकर क्या फैसला लिया जाता है. विराट से पहले हिटमैन रोहित शर्मा ने बुधवार (7 मई को) को टेस्ट क्रिकेट से र‍िटायरमेंट का ऐलान किया था. 7 मई को उन्होंने एक इंस्टाग्राम स्टोरी शेयर की और रेडबॉल क्रिकेट को अलव‍िदा कह दिया. हालांकि वो वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में मैच खेलना जारी रखेंगे, जो उनका मजबूत पक्ष रहा है. 38 साल के रोहित शर्मा ने पिछले साल वेस्टइंडीज में टी20 वर्ल्ड वर्ल्ड कप जीतने के बाद टी-20 फॉर्मेट से से संन्यास ले लिया था. रोह‍ित की तरह कोहली ने भी टी20 वर्ल्ड कप 2024 जीतने के बाद क्रिकेट के सबसे छोटे फॉर्मेट को अलव‍िदा कह दिया था. ऐसे में ROKO (रोहित और कोहली) की जोड़ी क्रिकेट फैन्स को वनडे में खेलती हुई द‍िखेगी. वहीं दोनों वर्तमान में आईपीएल क्रिकेट में खेलते हुए द‍िखे थे. ज‍िसे फ‍िलहाल भारत-पाक‍िस्तान के तनाव के कारण स्थग‍ित कर दिया गया था.   ऑस्ट्रेल‍ियाई दौरे पर फुस्स रहे थे कोहली 36 साल के व‍िराट कोहली टेस्ट क्रिकेट में ऑस्ट्रेल‍ियाई दौरे पर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में खेलते हुए नजर आए थे. जहां भारत को 5 मैचों की सीरीज में 1-3 से हार का सामना करना पड़ा था. व‍िराट कोहली ने सीरीज के पहले मैच यानी पर्थ टेस्ट में शतक जरूर जड़ा, लेकिन इसके बाद वो संघर्ष करते हुए दिखे थे. कोहली ने तब उस सीरीज के 5 मुकाबलों की 9 पार‍ियों में 23.75 के एवरेज से महज 190 रन बनाए थे. इसमें पर्थ में जड़ा गया 100 रनों का नॉट आउट शतक शामिल था. 2011 में हुआ था कोहली का टेस्ट डेब्यू विराट कोहली का टेस्ट डेब्यू जून 2011 में वेस्टइंडीज के ख‍िलाफ किंग्सटन में हुआ था. कोहली ने तब पहली पारी में 4 और दूसरी पारी में 15 रन बनाए थे. वहीं उनका आख‍िरी टेस्ट ऑस्ट्रेल‍िया के ख‍िलाफ स‍िडनी में था, जो जनवरी 2025 में खेला गया था. इस आख‍िरी टेस्ट में कोहली ने पहली पारी में 17 तो दूसरी पारी में 6 रन बनाए थे. विराट कोहली का क्रिकेट कर‍ियर 123 टेस्ट, 210 पारी, 9230 रन, 46.85 एवरेज, 30 शतक, 31 अर्धशतक 302 वनडे, 290 पारी, 14181 रन, 57.88 एवरेज, 51 शतक, 74 अर्धशतक, 5 विकेट 125 टी20, 117 पारी, 4188 रन, 48.69 एवरेज, 1 शतक, 38 अर्धशतक, 4 विकेट आईपीएल 2025 में कोहली का प्रदर्शन किंग कोहली फ‍िलहाल आईपीएल में व्यस्त थे, जहां उनके बल्ले से रनों की जड़ी लगी थी. उन्होंने अब तक हुए 11 मैचों में 505 रन बनाए हैं. इस दौरान कोहली का एवरेज 63.12 और स्ट्राइक रेट 143.46 का रहा. कुछ ही दिनों में होगा इंग्लैंड दौरे के ल‍िए टीम का फैसला भारत के चयनकर्ता कुछ दिनों में इंग्लैंड में अगले महीने होने वाली पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए टीम चुनने के लिए मिलने वाले हैं. यह जानकारी मिली है कि कोहली इस साल की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बाद से अपने टेस्ट भविष्य पर विचार कर रहे थे, जब उन्होंने पहले टेस्ट में शतक लगाने के बाद खराब प्रदर्शन किया था. Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 20