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भोपाल समेत आसपास के पांच जिलों को मिलाकर 8791 वर्ग किमी का क्षेत्र तय किया जा रहा

भोपाल भोपाल (Bhopal) मेट्रोपॉलिटन रीजन (Bhopal Metropolitan Region) का प्राथमिक मैप तैयार कर लिया गया है। भोपाल समेत आसपास के पांच जिलों को मिलाकर 8791 वर्ग किमी का क्षेत्र (Mahanagar) तय किया जा रहा है। हेक्टेयर में ये आठ लाख 79 हजार 109.94 है। भोपाल जिले की आबादी के घनत्व 855 व्यक्ति प्रति हेक्टेयर के अनुसार इसमें 75 लाख की आबादी के लिए जगह तय (Development News) होगी। गौरतलब है कि इसकी डीपीआर के लिए बीडीए ने दस लाख रुपए के शुरुआती बजट के साथ कंसल्टेंट तय करने की प्रक्रिया शुरू कर दी की है। इस माह कंसल्टेंट तय हो जाएगा, इसके 14 माह में डीपीआर बनाना होगी। इन जिलों के ये क्षेत्र भोपाल मेट्रोपॉलिटन में रायसेन जिले के रायसेन, औबेदुल्लागंज। विदिशा जिले के विदिशा, ग्यारसपुर, गुलाबगंज। सीहोर जिले के सीहोर, इछावर, आष्टा, श्यामपुर, जावर। राजगढ़ जिले के नरसिंहगढ़, जीरापुर, ब्यावरा, पिछोर, खूजनेर। भोपाल जिले के हुजूर, बैरसिया, कोलार। टूरिस्ट सेंटर व सर्किट की प्लानिंग मेट्रोपॉलिटन रीजन में सेटेलाइट टाउन बनाकर नए आवासीय क्षेत्र विकसित किए जाएंगे। अतिरिक्त आबादी को इसमें बसाया जाएगा। शहरी क्षेत्र की बजाय रीजन के रूरल एरिया में विशेष आवासीय क्षेत्र बनाकर लोगों को बसाएंगे और कार्यस्थल पर आवाजाही के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बेहतर करेंगे। इतना ही नहीं, रीजन में नए टूरिस्ट सेंटर व सर्किट तय किए जाएंगे। इस तरह होगा विकास का खाका क्षेत्र विकास के आधार पर योजना क्षेत्रीय कनेक्टिविटी की योजना ग्रोथ सेंटर को चिन्हित करना सेटेलाइट टाउन के लिए क्षेत्र चिन्हित करना टूरिस्ट सेंटर व सर्किट भी तय होगा पर्यावरणीय विकास के लिए पूरा मैनेजमेंट तय करना बेहतर कृषि भूमि का संरक्षण प्लान कैपिटल इन्वेस्टमेंट प्लान होगा, जिसमें रोड, प्राकृतिक नाले, जनसुविधाएं व सेवाओं के साथ रीजन के आर्थिक विकास का पूरा मैप रहेगा। टूरिस्ट सेंटर व सर्किट की प्लानिंग भोपाल मेट्रोपॉलिटन रीजन का प्राथमिक मैप तैयार है। बेहतर प्लान के साथ रीजन तय करेंगे। भोपाल का स्वरूप बदलेगा, विकास की संभावनाएं बढ़ेगी। – संजीव सिंह, संभागायुक्त व प्रशासक बीडीए इंदौर में 5 जिलों के 1756 गांव होंगे शामिल इंदौर मेट्रोपॉलिटन एरिया में पांच जिले इंदौर, देवास, उज्जैन, धार और शाजापुर को शामिल किया जाएगा। जिसका कुल क्षेत्रफल 9 हजार किलोमीटर का होगा। इसमें भौगोलिक, आर्थिक, धार्मिक-सामाजिक स्थिति का आंकलन किया जाएगा कि कहां कौन सी इंडस्ट्री है, कैसे जरूरतें हैं। इस बात का पूरा ध्यान रखा जाएगा। इसके बाद रीजनल और इंवेस्टमेंट प्लान बनाया जाएगा। बता दें कि, इंदौर के पहले चरण के इंस्पेक्शन का काम पूरा हो चुका है। अब इसमें ऑथरिटी के द्वारा यह तय किया जाएगा कि इसमें कौन-कौन से जिले, तहसीलें और गांवों को शामिल किया जाएगा। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 7

इंदौर-खंडवा हाईवे पर टोल प्लाजा का काम जुलाई से शुरू होगा और एनएचएआई संचालन करेगा

 इंदौर इंदौर-खंडवा राजमार्ग का पहला टोल प्लाजा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने जनवरी से शुरू करने का फैसला किया है। यह प्लाजा तेजाजी नगर बायपास से 33 किमी पर बनाया जाएगा, जो बलवाड़ा के नजदीक गांव पडाली में होगा। मगर वाहन चालकों से 33 की बजाए 46 किमी की सड़क का टोल टैक्स वसूला जाएगा, क्योंकि इंदौर-चोरल की बीच तीन सुरंगें होंगी। इस वजह से राजमार्ग के इस हिस्से की दरें अधिक होंगी। फिलहाल टोल की दरों पर यातायात को लेकर आकलन करना बाकी है, जो अक्टूबर से प्रारंभ किया जाएगा। उसके आधार पर दरें निर्धारित की जाएंगी। अधिकारियों के मुताबिक दिसंबर से भारी वाहन भी राजमार्ग से गुजरेंगे। 216 किमी लंबे इंदौर-खंडवा-एदलाबाद राजमार्ग का काम जनवरी 2025 में खत्म होना था, लेकिन काम धीमा होने से एनएचएआई ने प्रोजेक्ट की डेडलाइन बढ़ाई है। फरवरी 2026 तक मेघा इंजीनियरिंग को यह काम पूरा करना है। मगर तलाई (300), भेरूघाट (500) और चोरल (300) मीटर की तीन सुरंग है। इनका 35-40 फीसद काम बाकी है। एनएचएआइ ने एजेंसी को दिसंबर तक काम पूरा करने पर जोर दिया है। खंडवा तक रहेंगे दो टोल राजमार्ग पर दो से तीन टोल रहेंगे। इंदौर से बलवाड़ा के बीच पहला टोल रखा जाएगा, जबकि धनगांव में दूसरा प्लाजा अगले कुछ दिनों में शुरू हो जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक प्रत्येक 50-55 किमी की दूरी पर टोल प्लाजा रहेंगे। इंदौर-बलवाड़ा वाले हिस्से में टैक्स थोड़ा अधिक होगा, क्योंकि इस हिस्से में तीन सुरंग है। इनकी लंबाई 1300 मीटर रखी है। अधिकारियों के मुताबिक सुरंग की लंबाई की तुलना में दस गुना टैक्स लगाया जाता है। जैसे 1300 मीटर सुरंग की लंबाई है तो 13 किमी सड़क का टोल टैक्स लगाया जाएगा। इस आधार पर इंदौर से बलवाड़ा के बीच 33 किमी का सफर तय करने पर 46 किमी का टैक्स देना होगा। एनएचएआई करेगी संचालित राजमार्ग का प्रोजेक्ट लगभग 900 करोड़ रुपये का है। नए नियमों के मुताबिक एजेंसी की बजाए एनएचएआई ही टोल का संचालन करेगा। टोल टैक्स से आने वाली राशि का कुछ हिस्सा एजेंसी को दिया जाएगा। ऐसा इसलिए किया जाएगा, क्योंकि निर्माण कार्य के दौरान 60 फीसद राशि एजेंसी लगाती है। अक्टूबर से करेंगे आकलन इंदौर-बलवाड़ा के बीच बनने वाले टोल प्लाजा से वाहन गुजरने का आकलन अक्टूबर से किया जाएगा। तब तक राजमार्ग का हिस्सा भारी वाहनों के लिए भी खोल दिया जाएगा। यातायात के दवाब को देखने के बाद टोल की दरें तय होंगी। कार, हल्के-भारी वाहन, कंटेनर-ट्रक, बस की राशि निर्धारित करेंगे। थोड़ा ज्यादा देना होगा टैक्स     इंदौर-खंडवा राजमार्ग पर पहला टोल प्लाजा बलवाड़ा के पास बनेगा। इसके लिए थोड़ी अधिक टैक्स राशि चुकानी होगी, क्योंकि इस हिस्से में तीन सुरंगें आ रही हैं। इन्हें बनाने में खर्च अधिक आता है। इसके लिए टैक्स भी अधिक वसूला जाएगा। सुरंग की लंबाई के आधार पर दस गुना टैक्स लगता है। जुलाई से टोल प्लाजा का काम शुरू होगा। अक्टूबर से दरें निर्धारित की जाएंगी। – सुमेश बांझल, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, एनएचएआई   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 4

ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे नवंबर से शुरू होगा निर्माण, मप्र, उप्र और राजस्थान को मिलेगा लाभ, 220 करोड़ स्वीकृत

ग्वालियर  ग्वालियर से आगरा के बीच 4,263 करोड़ रुपये की राशि से प्रस्तावित 88.4 किमी. लंबे ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए जीआर इंफ्रा से अनुबंध होने के बाद अब नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) को निर्माण के लिए जमीन उपलब्ध करानी है। अधिग्रहण के काम में तेजी लाने, मुआवजा वितरण करने के लिए 220 करोड़ रुपये की स्वीकृति भी मिल गई है। इस परियोजना के लिए उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के 14 गांव, राजस्थान के धौलपुर के 30 गांव, मध्य प्रदेश के मुरैना और ग्वालियर सहित कुल 100 गांवों में भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है। 88.400 किमी. सड़क सिक्सलेन बनेगी इसके बाद नवंबर माह से ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। हालांकि मुआवजा वितरण में किसानों की ओर से आपत्तियां लगाई गई हैं, लेकिन एनएचएआई के अधिकारी इनका भी निराकरण करने का दावा कर रहे हैं। इस परियोजना में ग्वालियर से राजस्थान के बीच 88.400 किमी. सड़क सिक्सलेन होगी। एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए दोतरफा तैयारियां चल रही हैं, क्योंकि कंपनी को अब छह माह के अंदर निर्माण कार्य के लिए राशि की व्यवस्था करनी है, तो वहीं एनएचएआई को जमीन उपलब्ध करानी है। इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत कंपनी को वर्तमान ग्वालियर-आगरा फोरलेन हाईवे की मरम्मत को प्राथमिकता से करना होगा। ग्वालियर से सीधे आगरा पहुंचाएगा एक्सप्रेस-वे कंपनी को इस पूरे हाईवे का पुनरुद्धार करना है, ताकि जिन वाहनों को ग्वालियर से सीधे आगरा जाना है, वह एक्सप्रेस-वे का सहारा लें। वहीं जिन वाहनों को मुरैना, धौलपुर की ओर जाना है, वे वर्तमान फोरलेन का सहारा ले सकें। कंपनी को वर्तमान हाईवे की मरम्मत के लिए सिर्फ एक साल का समय दिया जाएगा, यानी नवंबर 2026 तक कंपनी को इसकी मरम्मत का काम पूरा करना होगा। मिल चुकी हैं सारी अनुमतियां इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए एनएचएआई द्वारा सरकारी एजेंसियों से सभी अनुमतियां प्राप्त कर ली गई हैं। रेलवे, पर्यावरण, प्रदूषण नियंत्रण, वन विभाग और तीनों राज्यों के राजस्व विभाग से अनुमतियां प्राप्त होने के बाद कार्य में तेजी आई है। अब सिर्फ निजी भूमि के अधिग्रहण के लिए प्रक्रिया बाकी रह गई है। चूंकि एनएचएआई को अब राशि स्वीकृत हो चुकी है, ऐसे में अब मुआवजा वितरण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। अधिग्रहण प्रक्रिया अंतिम चरण में     ग्वालियर-आगरा सिक्सलेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इसके लिए लगभग 220 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत हो गई है। जल्द ही मुआवजा वितरण शुरू किया जाएगा। – प्रशांत मीणा, मैनेजर एनएचएआई।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 4

भविष्य में रतलाम में आर्थिक गतिविधियां उड़ान भरने की संभावना, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रसे-वे और इंडस्ट्रियल कॉरिडोर से तस्वीर बदलेगी

रतलाम  भविष्य में रतलाम में आर्थिक गतिविधियां उड़ान भरने की संभावना है. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रसे-वे और इंडस्ट्रियल कॉरिडोर रतलाम की तस्वीर बदलने जा रहे हैं. इसी को देखते हुए रतलाम के बंजली हवाई पट्टी को विस्तारित करने पर जोर है. यहां से बिजनेस जेट्स और कॉमर्शियल फ्लाइट्स उड़ान भरेंगी. मध्य प्रदेश सरकार बंजली हवाई पट्टी पर बिजनेस जेट्स उतारने की तैयारी कर रही है. इसके लिए रविवार को भोपाल से टेक्निकल टीम विशेष विमान से रतलाम पहुंची. टेक्निकल टीम ने किया हवाई पट्टी का निरक्षण टेक्निकल टीम ने बंजली हवाई पट्टी का निरीक्षण किया. हवाई पट्टी को बिजनेस जेट्स की आवाजाही के लिए तैयार करने के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश तकनीकी टीम ने लोक निर्माण विभाग और अन्य सबंधित विभागों को दिए. रतलाम जिले से गुजर रहे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे और यहां बन रहे इंडस्ट्रियल कॉरिडोर को देखते हुए रतलाम की इस एयर स्ट्रिप पर कॉमर्शियल उड़ानें भी शुरू हो सकेंगी. भोपाल से पहुंची टीम के सीनियर पायलट कैप्टन विश्वास राय ने कहा "निरीक्षण का लक्ष्य हवाई पट्टी के विस्तार और कॉमर्शियल उड़ानों की संभावना को तलाशना है." रतलाम हवाई पट्टी का विस्तार दो भागों में योजना के अनुसार रतलाम एयर स्ट्रिप की सतह को व्यवस्थित किया जाएगा. दो भागों में एयर स्ट्रिप का विस्तार किया जाएगा. इसके लिए सरकारी भूमि को चिह्नित कर लोक निर्माण और राजस्व विभाग की मदद से हवाई पट्टी के विस्तार की योजना को अमल मे लाया जाएगा. गौरतलब है कि दिल्ली-मुंबई 8 लेन एस्कप्रेस-वे पर रतलाम के पास करीब 1500 हेक्टेयर में नया इंडस्ट्रियल कॉरिडोर आकार ले रहा है. ऐसे में रतलाम हवाई पट्टी पर, विमानों का आवागमन बढ़ जाएगा. Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 4

प्रदेश में अब एक जैसी प्रकृति के विभागों के लिए एक साथ होंगी भर्तियां, भर्ती प्रक्रिया में आएगी पारदर्शिता

 भोपाल मध्य प्रदेश के युवाओं के लिए यह बड़ी खबर है. अब सरकारी नौकरी की तैयारी करने वालों को अलग-अलग विभागों की अलग-अलग परीक्षाओं से जूझना नहीं पड़ेगा. दरअसल, राज्य सरकार भर्ती प्रक्रिया को आसान और पारदर्शी बनाने के लिए नियमों में बड़ा बदलाव करने जा रही है. सभी विभागों में भर्ती के एक जैसे नियम बनाए जाएंगे, ताकि युवाओं को नियम समझने में कोई परेशानी न हो.। इसके लिए आदर्श भर्ती नियमावली बनाई जा रही है। शासन ने इसकी जिम्मेदारी सामान्य प्रशासन विभाग को दी है। इसके बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों से इस बारे में सुझाव मांगे हैं। दरअसल, प्रदेश में विभिन्न विभागों में अगले दो-तीन साल में करीब ढाई लाख पदों पर भर्तियां होनी हैं। इसके लिए ही सभी विभागों के भर्ती नियम एक जैसे करने का निर्णय लिया गया है, ताकि कोई नियमसंगत समस्या खड़ी न हो। ऐसा इसलिए, क्योंकि अब तक कई विभागों में भर्ती के कुछ नियमों में भिन्नता है। 2.5 लाख पदों पर होंगी भर्तियां बता दें कि राज्य के अलग-अलग विभागों में आने वाले 2-3 सालों में करीब 2.5 लाख पदों पर भर्तियां की जाएंगी। इसलिए राज्य सरकार द्वारा सभी विभागों में कर्मचारियों के भर्ती नियम एक समान बनाने का फैसला किया गया है। दरअसल, अब तक कई विभागों में भर्ती के कुछ नियम काफी अलग हैं। इसकी वजह से प्रदेश लोक सेवा आयोग और कर्मचारी चयन मंडल भर्ती नियम तैयार करते हैं और अलग-अलग विज्ञापन निकालते हैं। कुछ नियम अलग-अलग हैं मसलन, वन विभाग, शिक्षा विभाग और नगर तथा ग्राम निवेश सेवा भर्ती के कुछ नियम अलग-अलग हैं। इनके आधार पर राज्य लोक सेवा आयोग और कर्मचारी चयन मंडल भर्ती नियम तैयार करके अलग-अलग विज्ञापन निकालते हैं। नियम अलग होने से इन चयन एजेंसियों को विभागवार भर्ती करने में परेशानी होती है और समय भी अधिक लगता है। चूंकि, अब प्रदेश में बड़े पैमाने पर भर्तियां होनी हैं, इसलिए यह निर्णय लिया गया है कि सभी विभागों के भर्ती नियमों में एकरूपता रहे ताकि भर्ती विज्ञापन जारी करने में विलंब न हो। एक जैसी प्रकृति के विभागों के लिए भर्ती एक साथ करवा दी जाएंगी। रिपोर्ट के आधार पर भर्ती नियमों को देंगे अंतिम रूप इससे समय और संसाधन की बचत होगी। इसे देखते हुए सामान्य प्रशासन विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। सेवानिवृत्त अधिकारियों की एक समिति भी बनाई गई है, जो नियमों का अध्ययन करके रिपोर्ट देगी। इस रिपोर्ट के आधार पर भर्ती नियमों को अंतिम रूप दिया जाएगा। सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, नियमों की समानता सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए लागू की जाएगी। क्या है राज्य सरकार का प्लान? विभागों के कर्मचारियों के भर्ती नियम अलग होने के कारण राज्य की चयन एजेंसियों को भर्ती करने में परेशानी होती है। इसके अलावा, भर्ती के प्रोसेस पर भी काफी समय लगता है। प्रदेश में आने वाले सालों में पैमाने पर विभाग में भर्तियां होने वाली हैं। अगर पुराने नियम से भर्ती हुई तो उसमें काफी समय लगेगा। समय और संसाधन की बचत के लिए प्रदेश में एक नई भर्ती नियमावली बनाई जा रही है। सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, नियमों की समानता सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए लागू की जाएगी। ये नियम हो सकते हैं एक समान     उम्र संबंधी।     पात्रता के मानक।     आरक्षण संबंधित मानक।     महिला अभ्यर्थियों को आरक्षण मानक।     परिवीक्षा अवधि। चयन भर्तियों में किया जा चुके हैं बदलाव बता दें कि हाल ही में राज्य लोक सेवा आयोग और कर्मचारी चयन मंडल की परीक्षाओं को लेकर कुछ बदलाव किए गए हैं। इनके अंतर्गत अब वर्ष में केवल एक बार होंगी। इससे अभ्यर्थियों को बार-बार परीक्षा और फीस नहीं देनी होगी। जनवरी 2026 से नई व्यवस्था लागू करने की तैयारी है। इससे भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी और समय पर होगी। यह कदम अभ्यर्थियों के हित में माना जा रहा है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 4