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मुख्यमंत्री डॉ यादव ने दी पद्मसम्मानितों को बधाई

भोपाल मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने मध्य प्रदेश की तीन विभूतियो को आज राष्ट्रपति भवन में हुए गरिमामय समारोह में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी द्वारा पद्मसे सम्मानित किए जाने पर बधाई दी है। मध्यप्रदेश के हरचन्दन सिंह भट्टी,भोपाल को जनजातीय व लोककला,जगदीश जोशीला जी निमाड़ अंचल को निमाड़ी साहित्य और शिक्षा और डॉ. बुधेंद्र कुमार जैन,चित्रकूट को चिकित्सा क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए पद्मसे सम्मानित किया गया है। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश को गौरवान्वित करने वाली इन विभूतियों ने अपने परिश्रम, समर्पण और लगन से कला, साहित्य शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में अनुकरणीय प्रतिमान स्थापित किए हैं। इनका योगदान युवा पीढ़ी को प्रेरणा देने का कार्य करेगा।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 13

सोशल मीडिया पर झूठ की फैक्ट्री चलाने वाली जमात, टीवी चैनलों पर निरर्थक हल्ला-गुल्ला

सोशल मीडिया पर झूठ की फैक्ट्री चलाने वाली जमात टीवी चैनलों पर निरर्थक हल्ला-गुल्ला पाकिस्तान का झूठा प्रोपेगैंडा 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद सोशल मीडिया पर "झूठ और अफवाहों की फैक्ट्री चलाने वाले, प्रधानमंत्री मोदी, भाजपा और आरएसएस से घृणा करने वाले अंध-विरोधी-इकोसिस्टम" ने जैसे पोस्ट-प्रोडक्ट सोशल मीडिया पर परोसे, उसे देखकर कोई हैरानी अथवा अचरज नहीं हुआ। सिर्फ़ अफ़सोस हुआ कि इस इकोसिस्टम के महानुभाव अपनी ऊर्जा का अपव्यय करते हुए नकारात्मकता की ओर जा रहे हैं और गिरावट के नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। अफ़सोस इस बात का भी है कि इस जमात के लोग हमारे समाज के प्रबुद्धजन हैं और ख़ुद को "उदारवादी व सेक्युलर" मानते हैं। पिछले ग्यारह वर्षों से यह "छद्म उदारवादी-स्यूडो सेक्युलर" जमात असत्य और अफवाहों की फैक्ट्री चला रही है। अतः इनका असत्य भाष्य कोई नई बात नहीं है और न ही आख़िरी बात। वैसे इनके असत्य भाष्य का फ़ायदा अंततः भाजपा के खाते में ही जाता है। हमारे इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के मेनस्ट्रीम चैनल भारत पाकिस्तान के बीच की तनातनी को जिस हल्ले-गुल्ले और अत्यधिक आक्रामक अंदाज़ से दर्शकों को परोस रहे हैं, उससे भी कोई अच्छा दृश्य उत्पन्न नहीं हो रहा है। 7 से 10 मई के बीच युद्ध के चार दिनों में इन चैनलों के एंकरों ने टीआरपी हासिल करने के चक्कर में हल्ला मचाने की सारी हदें लाँघ दी थी। कोई कह रहा था कि भारतीय सेनाएँ पीओके में घुस चुकी हैं। कोई कह रहा था कि भारतीय नौसेना का युद्धक पोत कराची के पास पहुँच गया है। कोई कह रहा था कि लाहौर पर हमारा कब्ज़ा बिल्कुल नज़दीक है। कोई कह रहा था कि पाकिस्तान के अंदरूनी इलाकों में हमला करने के लिए हमारे फाइटर जेट उड़ान भर चुके हैं। सही ख़बर किसी चैनल के पास नहीं थी। आख़िर दूसरे दिन रक्षा मंत्रालय को सभी मीडिया चैनलों, डिजिटल प्लेटफॉर्म और व्यक्तियों को सख्त एडवाइज़री करना पड़ी। इस एडवाइजरी में कहा गया कि रक्षा अभियानों और सुरक्षा बलों की आवाजाही की लाइव कवरेज या रियल टाइम रिपोर्टिंग से परहेज करें। इसके बाद ही टीवी चैनलों के एंकरों पर थोड़ी-सी लगाम लगी। हमारा अनुभव तो यही है कि इस हल्ले गुल्ले का दर्शकों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता, उल्टे उन्हें कोफ्त ही होती है। पहलगाम के हमले के बाद हमारे विपक्ष ने बहुत ही जिम्मेदारी और संवेदनशीलता का परिचय दिया था और परंपरागत नेगेटिव बयानों से परहेज करते हुए हर क़दम पर सधे हुए बयान दिए थे। सारे विपक्षी नेताओं ने वक़्त की नज़ाकत को समझते हुए केन्द्र सरकार और सेना के हर कदम का समर्थन किया था। शशि थरूर ने तो दिल जीतने वाले बयान दिए हैं। वैसे भी शशि थरूर बहुत ही सुलझे हुए, सलीकेदार, शालीन, प्रबुद्ध राजनेता हैं। उनके बेहतरीन लेख और बयान शालीनता, बुद्धिमत्ता और ज्ञान से भरे होते हैं। उनकी पहली और संभवतः सबसे बड़ी ग़लती यही थी कि वे कांग्रेस के सबसे ताक़तवर परिवार की मर्ज़ी के ख़िलाफ़ राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में खड़े हो गए थे। उसके बाद से बड़ी ही ख़ामोशी से पार्टी में उनका क़द कम किया जाने लगा और आज वे कांग्रेस को अलविदा कहने की कगार पर खड़े हैं। पिछले 20 वर्षों से हम देख रहे हैं कि कांग्रेस ने बड़ी तादाद में अच्छे लोगों को खोया है। निःसंदेह पार्टी किसी भी बड़े-से-बड़े व्यक्ति से बड़ी होती है, मगर साल-दर-साल प्रतिभाशाली बुद्धिमान लोगों को खोते चले जाना क्या अच्छी बात है ? संवेदनहीन रवैया ख़ैर, विपक्ष के जिम्मेदाराना रवैये के ठीक विपरीत सोशल मीडिया के वीर-बहादुरों ने इन माध्यमों पर बेहद संवेदनहीन असत्य पोस्ट्स की झड़ी लगा दी है। दुनिया का कोई भी मसला हो, कोई भी विषय हो ये महानुभाव हर मामले के "विशेषज्ञ" हैं। 22 अप्रैल के बाद इन्हें हर दिन रंग बदलते देखकर रंग बदलने वाले प्राणी भी शर्मिंदा हो रहे हैं। इस दिन के बाद 7 मई तक कोई दिन ऐसा नहीं था, जब इन्होंने मोदी को न कोसा हो, कि वे जवाबी हमला क्यों नहीं कर रहे हैं। जब भारतीय सेनाओं ने प्रचंड हमला किया और पाकिस्तान मार खाने लगा, तो इन महानुभावों को युद्धविरोधी कविताएं, गीत, तराने याद आने लगे और इन 'तथाकथित-उदारवादियों' ने जंग के ख़िलाफ़ पोस्ट्स से सोशल मीडिया को भर दिया। Say no to war के स्लोगन हवा में लहराने लगे। इस मक़ाम पर एक सवाल जरूर पैदा होता है कि–ख़ुदा न ख़्वास्ता अगर हालात इसके उलट होते और भारत को नुक़सान उठाना पड़ रहा होता, तो इन महानुभावों की प्रतिक्रिया क्या होती? आसानी से अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि तब ये तराने और गीत सुनाई न पड़ते और न ही Say no to war का कोई स्लोगन दिखाई पड़ता। इसलिए कि इनकी सारी प्रतिक्रियाएं घोर सिलेक्टिव होती हैं। यह तो नहीं माना जा सकता कि ये सारे महानुभाव पाकिस्तान के हिमायती हैं, मगर मोदी और भाजपा का इनका अंध-विरोध जाने-अनजाने इन्हें पाक परस्ती के वृत्त में ले जाता है। इसकी सबसे बड़ी मिसाल, एक बार फिर, तब दिखाई पड़ी, जब जंग रोकने का ऐलान हुआ। तब इनका रंग पूरी तरह से बदल गया। पुनः ये 'तथाकथित उदारवादी' युद्ध पिपासु की मुद्रा में आ गए और मोदी को कोसने लगे कि पाकिस्तान को और ठोंका क्यों नहीं, पीओके क्यों नहीं लिया ? स्पष्ट है कि मोदी के क़दमों से ही इनका रंग तय होता है। न तो इस जमात के युद्ध विरोध में कोई सच्चाई है और न ही इनका सीज़फायर के फ़ैसले का विरोध सच्चा है। इस इकोसिस्टम, इस जमात के बारे में ज़्यादा कुछ लिखने की जरूरत नहीं है। पूरी दुनिया इन्हें अच्छी तरह जान चुकी है, पहचान चुकी है। इन महानुभावों को अगर इसमें ख़ुशी मिलती है, तो इन्हें इनकी ख़ुशी मुबारक। युद्ध के लिए आतुर लोग इस पर भी गौर करें रूस और यूक्रेन के बीच तीन वर्षों से युद्ध चल रहा है। कोई भी देश यह कहने की स्थिति में नहीं है कि उसने युद्ध जीत लिया है। एक नज़र नुक़सान पर डालें। एक मोटे अनुमान के मुताबिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रूस को 109 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है और तक़रीबन एक लाख से ज़्यादा रूसी सैनिक मारे गए हैं। युद्ध में हो रहे खर्च की भरपाई … Read more

8वें वेतन आयोग में बड़ा धमाका, Basic Salary में जबरदस्त उछाल, जाने 8वें वेतन आयोग की भूमिका और महत्व

नई दिल्ली 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) की तरफ से केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए एक बड़ा बदलाव आने वाला है। इस बार सैलरी स्ट्रक्चर में लेवल-1 से लेकर लेवल-6 तक के वेतन स्तरों को मर्ज करने का प्रस्ताव सामने आया है। इसका मतलब है कि आपके वेतन और प्रमोशन के मौके दोनों में अच्छी बढ़ोतरी हो सकती है। अगर ये बदलाव लागू होते हैं, तो कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में बढ़ोतरी के साथ-साथ करियर ग्रोथ भी तेजी से होगी। यह नई व्यवस्था संभवतः 1 जनवरी 2026 से लागू हो सकती है, जिससे लाखों सरकारी कर्मचारियों को फायदा मिलेगा। 8वें वेतन आयोग की भूमिका और महत्व केंद्र सरकार हर दस साल में वेतन आयोग बनाती है, जो सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतनमान, भत्ते और पेंशन में संशोधन की सिफारिशें करती है। 8वें वेतन आयोग को जनवरी 2025 में केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिली है और इसके सुझाव 1 जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना है। इससे देश भर के करीब 50 लाख कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनभोगियों को फायदा होगा। लेवल मर्जर: क्या है ये क्रांतिकारी प्रस्ताव?   सरकार के समक्ष एक अहम सुझाव आया है जिसमें वेतन संरचना के शुरुआती छह स्तरों (लेवल 1 से लेवल 6) को घटाकर केवल तीन स्तर (A, B, C) बनाए जाने की बात कही गई है। इसका मकसद है कर्मचारियों के वेतनमान में बढ़ोतरी के साथ ही उनके करियर ग्रोथ को तेज करना। प्रस्ताव के अनुसार: नया लेवल A: लेवल 1 और लेवल 2 को मिलाकर बनाया जाएगा। नया लेवल B: लेवल 3 और लेवल 4 को मर्ज किया जाएगा। नया लेवल C: लेवल 5 और लेवल 6 को एक साथ लाया जाएगा। इससे कर्मचारियों को क्या लाभ होगा? बेसिक सैलरी में उछाल: मर्जर के बाद नए स्तर का बेसिक वेतन आमतौर पर मर्ज किए गए दो स्तरों में से उच्चतम स्तर के बराबर या उससे अधिक होगा। उदाहरण के तौर पर, लेवल 1 की बेसिक सैलरी करीब ₹18,000 से बढ़कर लगभग ₹34,000 तक पहुंच सकती है। प्रमोशन की प्रक्रिया में तेजी: चूंकि लेवल्स की संख्या कम होगी, कर्मचारी तेजी से अगले स्तर तक पहुंच सकेंगे, जिससे उनका करियर ग्रोथ और वेतन वृद्धि भी तेज होगी। वेतन असमानताओं में कमी: अलग-अलग लेकिन समीपवर्ती स्तरों के वेतन में विसंगतियों को खत्म करके सैलरी संरचना को और ज्यादा तार्किक बनाया जाएगा। प्रशासनिक सादगी: कम स्तर होने से पे-रोल मैनेजमेंट और प्रशासनिक प्रक्रियाएं आसान होंगी। किन कर्मचारियों को मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा? सबसे अधिक लाभ उन कर्मचारियों को होगा जो वर्तमान में लेवल-1, लेवल-3 और लेवल-5 पर हैं क्योंकि उनका वेतन सीधे उच्च स्तर के साथ मर्ज होगा और वेतनमान में तुरंत सुधार आएगा। वहीं, लेवल-2, 4 और 6 के कर्मचारियों को भी बेहतर प्रमोशन अवसर मिलेंगे। चुनौतियां और आगे का रास्ता हालांकि यह प्रस्ताव कर्मचारियों के लिए बेहद सकारात्मक है, इसे लागू करने में वित्तीय बोझ, वरिष्ठता निर्धारण और जिम्मेदारियों के आवंटन जैसी चुनौतियां भी हैं। सरकार और वेतन आयोग इन पहलुओं पर गंभीर चर्चा कर रहे हैं, और अंतिम सिफारिशें जल्द ही सामने आएंगी। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 27

RCB की लखनऊ पर एक जीत से कई रिकॉर्ड्स ध्वस्त, रनचेज में बनाए ये 8 कीर्तिमान

नई दिल्ली इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल 2025) के आखिरी लीग मैच में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) ने लखनऊ सुपर जायंट्स (एलएसजी) को 6 विकेट से हराकर अंक तालिका में टॉप-2 में जगह बना ली है. इस मुकाबले में टॉस जीतकर आरसीबी ने पहले गेंदबाजी का फैसला लिया था. टिम डेविड और जोश हेजलवुड इस मुकाबले में नहीं खेल रहे थे. लखनऊ की टीम पहले बल्लेबाजी के लिए उतरी थी. लखनऊ ने पंत की नाबाद 118 रनों की तूफानी पारी के दम पर आरसीबी के सामने 228 रनों का लक्ष्य रखा थे. इसके जवाब में उतरी आरसीबी ने जितेश शर्मा की तूफानी 85 रनों की नाबाद पारी के दम पर ये टोटल 19वें ओवर में ही चेज कर लिया. ऐसी रही आरसीबी की पारी 228 रनों के जवाब में उतरी आरसीबी की शुरुआत बेहद शानदार रही. फिल साल्ट और विराट कोहली ने आक्रामक अंदाज में पारी का आगाज किया. लेकिन छठे ओवर में आरसीबी को पहला झटका लगा जब साल्ट 30 रन बनाकर आउट हो गए. लेकिन कोहली एक छोर पर टिके रहे. कोहली ने 27 गेंद में फिफ्टी लगाई. लेकिन 8वें ओवर में आरसीबी को दो झटके लगे, जब रजत पाटीदार और लिविंग्सटन एक ही ओवर में आउट हो गए. लेकिन 12वें ओवर में विराट कोहली 54 रन बनाकर आउट हो गए. कोहली ने 30 गेंद में 54 रन बनाए. लेकिन इसके बाद मयंक और जितेश शर्मा में शानदार साझेदारी हुई. दोनों ने ताबड़तोड़ अंदाज में बैटिंग की. एक समय आरसीबी को 30 गेंद में सिर्फ 51 रनों की दरकार थी. जितेश शर्मा ने 22 गेंद में तूफानी फिफ्टी जड़ी. इसके बाद जितेश ने शानदार अंदाज में बल्लेबाजी की. जितेश ने महज 33 गेंदों में 85 रनों की नाबाद पारी खेली. उन्होंने 8 चौके और 6 छक्के लगाए. वहीं, मयंक अग्रवाल ने 23 गेंदों में नाबाद 41 रनों की पारी खेली. इसकी बदौलत आरसीबी ने ये मैच जीत लिया. ऐसी रही लखनऊ की बल्लेबाजी पहले बल्लेबाजी के लिए उतरी लखनऊ की शुरुआत अच्छी नहीं रही. तीसरे ही ओवर में मैथ्यू ब्रिट्जके का विकेट गिर गया. उनके बल्ले से केवल 14 रन आए. लेकिन इसके बाद कप्तान ऋषभ पंत बल्लेबाजी के लिए आए और वो इस मैच में अलग ही लय में दिखे. पूरे सीजन पंत के बल्ले से रन  नहीं निकले थे. लेकिन इस मैच में पंत अलग ही लय में दिखे. उन्होंने हर गेंदबाज के खिलाफ रन बनाए. 7 ओवर में लखनऊ का स्कोर 68-1 था. 10वें ओवर में ऋषभ पंत ने 29 गेंद में फिफ्टी जड़कर लखनऊ का स्कोर 100 के पार पहुंचा दिया. इस दौरान तक लखनऊ ने 3 छक्के लगाए थे. वहीं, 14वें ओवर में मिचेल मार्श ने 31 गेंद में फिफ्टी जड़ी. यह इस सीजन उनकी छठी फिफ्टी रही. लेकिन लखनऊ को दूसरा झटका तब लगा जब 16वें ओवर में मिचेल मार्श 67 रन बनाकर 177 के स्कोर पर आउट हुए. भुवनेश्वर कुमार ने उनका विकेट झटका. ऋषभ पंत ने 18वें ओवर में 54 गेंदों में शतक जड़ दिया. उनकी इस पारी के दम पर लखनऊ का स्कोर 200 के पार पहुंच गया. पंत ने 100 रनों की पारी में 6 छक्के जड़े. पंत ने 61 गेंद में 118 रनों की पारी खेली और 8 छक्के और 11 चौके लगाए. इसके दम पर लखनऊ ने आरसीबी के सामने 228 रनों का लक्ष्य रखा है. अब जानिए अंक तालिका का हाल अंकतालिका में अब टॉप पर 19 अंकों के साथ पंजाब किंग्स की टीम है. वहीं, आरसीबी भी 19 अंकों के साथ दूसरे पायदान पर है. पंजाब का रन रेट अच्छा है. इसलिए वो पहले स्थान पर है. वहीं, गुजरात 18 अंकों के साथ तीसरे और मुंबई 16 अंकों के साथ चौथे पायदान पर है. बता दें कि आईपीएल में टॉप-2 में जगह बनाने वाली टीम को फाइनल खेलने के लिए दो मौके मिलते हैं. जानें प्लेऑफ में किसका मुकाबला किससे होगा 29 मई को आईपीएल का पहला क्वालिफायर खेला जाएगा. इस दिन टेबल की दो टॉप की टीमें यानी पंजाब किंग्स और आरसीबी के बीच टक्कर होगी. ये मैच चंडीगढ़ में होगा. जो टीम जीतेगी वह फाइनल में पहुंच जाएगी लेकिन हारने वाली टीम को एक और मौका मिलेगा. वहीं, 30 तारीख को तीसरे और चौथे पायदान की टीम में भिड़ंत होगी. जो हारेगी उसका सफर खत्म हो जाएगा. लेकिन जीतने वाली मैच क्वालिफायर-1 की हारने वाली टीम से एक और मैच खेलेगी. ये मैच 1 जून को अहमदाबाद खेला जाएगा.वहीं, क्वालिफायर-2 की विजेता टीम 3 जून को फाइनल खेलेगी. RCB की लखनऊ पर एक जीत से कई रिकॉर्ड्स ध्वस्त, रनचेज में बनाए ये 8 कीर्तिमान इस जीत के साथ RCB प्वाइंट्स टेबल में दूसरे स्थान पर रही और अब गुरुवार को लीग टॉपर पंजाब किंग्स से भिड़ेगी.  खास बात यह है कि RCB ने अब तक अपने सभी 7 बाहर (अवे) के मुकाबले जीतकर एक नया रिकॉर्ड कायम किया है.   लखनऊ ने पहले बल्लेबाजी करते हुए कप्तान ऋषभ पंत के नाबाद 118 रन (61 गेंद) और मिचेलल मार्श के तेजतर्रार 67 रन (37 गेंद) की बदौलत 3 विकेट पर 227 रन बनाए. पंत ने महज 54 गेंदों में अपना शतक पूरा किया. जवाब में RCB ने विस्फोटक शुरुआत की. विराट कोहली ने सिर्फ 30 गेंदों में 54 रन ठोके, जबकि मिड‍िल ऑर्डर में कप्तान जितेश शर्मा (85 रन, 33 गेंद) और मयंक अग्रवाल (41 रन, 23 गेंद) ने पांचवें विकेट के लिए 107 रनों की साझेदारी कर टीम को आठ गेंद शेष रहते ही जीत दिला दी. अब RCB का सामना क्वालिफायर-1 में पंजाब किंग्स से होगा, जबकि एलिमिनेटर में गुजरात टाइटन्स और मुंबई इंडियंस आमने-सामने होंगी. वैसे इससे पहले भी RCB ने 2009, 2011 और 2016 में फाइनल तक का सफर तय किया था. 2016 में तो कप्तान विराट कोहली के ऐतिहासिक फॉर्म ने टीम को फाइनल में पहुंचाया था, लेकिन खिताब हाथ नहीं लगा. तीनों मौकों पर टीम ने खिताब जीतने का सपना अधूरा छोड़ दिया. बहरहाल इस एक जीत से RCB की टीम ने टूर्नामेंट में रिकॉर्डों की झड़ी सी लगा दी, आइए उन पर एक नजर डाल लेते हैं … 1: तीसरी बार टॉप-2 में फिनिश: RCB लीग स्टेज में तीसरी बार टॉप-2 में रही है, इससे पहले 2011 … Read more

UPI सिस्टम में नए API नियम लागू करने जा रहा, जिनका सीधा असर ट्रांजैक्शन पर पड़ेगा, 31 जुलाई से बदलने जा रहे हैं ये नियम

नई दिल्ली अगर आप भी रोज़ाना यूपीआई ऐप्स जैसे Google Pay, PhonePe या Paytm से पेमेंट करते हैं, तो अब सतर्क हो जाइए। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) UPI सिस्टम में नए API नियम लागू करने जा रहा है, जिनका सीधा असर आपके रोज़मर्रा के ट्रांजैक्शन पर पड़ेगा। ये बदलाव न केवल आपकी सुविधा को सीमित करेंगे, बल्कि आपके बैलेंस चेक, ऑटोपे और ट्रांजैक्शन स्टेटस जैसे फीचर्स पर भी सीधी रोक लगाएंगे। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) का कहना है कि यह कदम सिस्टम पर बढ़ते लोड को कम करने और सेवाओं को सुचारू बनाए रखने के लिए जरूरी है। क्यों लाया गया ये नियम? NPCI का कहना है कि तेजी से बढ़ते डिजिटल ट्रांजैक्शन के कारण UPI सिस्टम पर जबरदस्त लोड पड़ रहा है, खासकर 'पीक ऑवर्स' यानी सबसे व्यस्त समय के दौरान। इस लोड को संतुलित करने और बेहतर सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए कुछ सामान्य फीचर्स जैसे बैलेंस चेक, ऑटोपे और ट्रांजैक्शन स्टेटस चेक को सीमित किया जाएगा। जानिए क्या-क्या बदलेगा बैलेंस चेक पर लिमिट 31 जुलाई 2025 से कोई भी यूज़र एक दिन में एक ऐप के जरिए अधिकतम 50 बार ही अपना बैंक बैलेंस चेक कर सकेगा। इसके अलावा, पीक ऑवर्स (सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे और शाम 5 बजे से रात 9:30 बजे तक) में बैलेंस चेक की सुविधा सीमित या बंद की जा सकती है।  ट्रांजैक्शन स्टेटस चेक पर कंट्रोल यदि कोई ट्रांजैक्शन पेंडिंग या फेल हो जाता है, तो उसकी स्थिति को बार-बार जांचने पर भी रोक होगी। एक ट्रांजैक्शन के स्टेटस को दो घंटे में अधिकतम तीन बार ही चेक किया जा सकेगा।  ऑटोपे फीचर भी नॉन-पीक समय में ही जो यूज़र OTT सब्सक्रिप्शन, SIP या किसी अन्य सर्विस के लिए UPI ऑटोपे का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें यह ध्यान रखना होगा कि ऑटोपे का ऑथराइजेशन और डेबिट प्रोसेसिंग केवल नॉन-पीक टाइम में ही होगी। हर ऑटोपे मैन्डेट के लिए अधिकतम तीन प्रयास (3 retries) की इजाजत होगी।  बैंक की जिम्मेदारी भी बढ़ी NPCI ने बैंकों को निर्देश दिए हैं कि हर सफल लेनदेन के बाद ग्राहकों को बैलेंस अलर्ट भेजा जाए, जिससे ग्राहक बार-बार बैलेंस चेक न करें। इसके अलावा, कुछ खास प्रकार की एरर की स्थिति में बैंक को ट्रांजैक्शन फेल मानकर सिस्टम से क्लियर करना होगा। क्यों जरूरी है ये बदलाव? इन नए निर्देशों का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि UPI जैसी अहम डिजिटल सुविधा सभी को फास्ट और भरोसेमंद ढंग से मिल सके। लगातार बढ़ती डिजिटल भीड़ और ट्रांजैक्शन की संख्या को ध्यान में रखते हुए, NPCI इस तरह की टेक्निकल सफाई ला रहा है ताकि नेटवर्क स्लोडाउन या फेल्योर जैसी समस्याओं से बचा जा सके। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 27

भारत सरकार का बड़ा फैसला- 1 जून 2025 से देश के निर्यातकों को टैक्स में बड़ी राहत

नई दिल्ली निर्यात को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए भारत सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। 1 जून 2025 से देश के निर्यातकों को टैक्स में बड़ी राहत मिलने जा रही है, जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय उत्पादों की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी। इस फैसले से विशेष आर्थिक क्षेत्रों (SEZ), निर्यात-उन्मुख इकाइयों (EOU) और एए धारकों को सीधा लाभ मिलेगा। निर्यातकों के लिए खुशखबरी – Tax छूट फिर से लागू वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा घोषित इस निर्णय के तहत, निर्यात उत्पादों पर मिलने वाली कर छूट की समयसीमा को आगे बढ़ा दिया गया है। इससे पहले यह लाभ 5 फरवरी 2025 तक सीमित था, लेकिन अब इसकी समयसीमा बढ़ाकर एक्सपोर्टर्स को राहत दी गई है। इस नीति के लागू होने से हर स्तर के निर्यातकों को बराबरी का मौका मिलेगा। RODTEP योजना फिर से बनी गेमचेंजर सरकार की RODTEP योजना, जो जनवरी 2021 में शुरू की गई थी, इस फैसले का आधार है। यह योजना खासतौर पर कोविड-19 के बाद व्यापारिक घाटों की भरपाई और एक्सपोर्ट को रफ्तार देने के लिए बनाई गई थी। RODTEP योजना WTO के दिशानिर्देशों के अनुरूप है और इसे डिजिटल प्लेटफॉर्म end-to-end system के जरिए पारदर्शी तरीके से लागू किया जा रहा है। 2025-26 के लिए ₹18,233 करोड़ का बजट आवंटन सरकार ने आने वाले वित्त वर्ष 2025-26 में इस योजना के लिए ₹18,233 करोड़ का बजट निर्धारित किया है। यह सहायता 10,780 घरेलू टैरिफ लाइनें और 10,795 स्पेशल कैटेगरी एचएस लाइनें कवर करेगी। इससे यह तय किया जा सकेगा कि विविध प्रकार के निर्यातकों को योजना का लाभ मिले। भारत के लिए निर्यात का सुनहरा मौका  एक रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक सप्लाई चेन नए सिरे से बन रही है, और भारत के पास इस समय निर्यात बढ़ाने का जबरदस्त अवसर है। भारत की "मिड-टेक", "लेबर-इंटेंसिव" और "कंज्यूमर फोकस्ड" इंडस्ट्रीज इस प्रोत्साहन से सीधा लाभ उठा सकती हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत अब केवल घरेलू मांग पर आधारित नहीं, बल्कि एक तेज़ी से उभरती हुई वैश्विक प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्था बन चुका है।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 32

नारी सशक्तिकरण देश और प्रदेश की समृद्धि का आधार, समाज में महिलाओं की भूमिका को मिला नया आयाम

भोपाल नारी सशक्तिकरण देश और प्रदेश की समृद्धि का आधार है। महिलाएँ आत्म-निर्भर बनती हैं, तो सम्पूर्ण समाज और देश-प्रदेश सशक्त और समृद्ध बनता है। केन्द्र एवं राज्य सरकार निरंतर महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में नवाचार कर रही है। इससे महिलाएँ आत्म-निर्भरता की राह पर अग्रसर हैं। नारी सशक्तिकरण की प्रतीक ये नायिकाएँ अपने परिवार का आर्थिक संबल बन रही हैं और साथ ही समाज के लिये प्रेरणा-स्रोत भी बन रही हैं। समाज में महिलाओं की भूमिका को नया आयाम मिल रहा है। ऐसी ही एक प्रेरणादायक कहानी है आगर-मालवा जिले के ज्योति स्व-सहायता समूह की महिला सदस्यों की, जिन्होंने टोल प्लॉजा संचालन जैसा कार्य जो पारम्परिक रूप से पुरुष प्रधान कार्य है, इसकी जिम्मेदारी सरकार ने महिला समूह को सौंपी हैं। महिला समूह ने अपनी कार्य-कुशलता से डेढ़ वर्ष के कार्यकाल में एक करोड़ 13 लाख रुपये से अधिक का शुल्क संग्रह कर कीर्तिमान स्थापित किया है और उन्होंने अपने समन्वय प्रबंधन क्षमता की मिसाल पेश की है। स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती राजूबाई ने इस ऐतिहासिक अवसर एवं विश्वास के लिये प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का आभार माना है। महिला समूह को मिली ऐतिहासिक जिम्मेदारी मध्यप्रदेश सरकार ने वर्ष 2023 में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक क्रांतिकारी निर्णय लेते हुए पहली बार महिला स्व-सहायता समूह को टोल प्लॉजा संचालन की जिम्मेदारी सौंपी थी। शाजापुर-दुपाड़ा-नलखेड़ा मार्ग पर चाचाखेड़ी गाँव में स्थित इस टोल प्लॉजा का पूरा प्रबंधन ज्योति महिला स्व-सहायता समूह को सौंपा गया। समूह की महिला सदस्य इस जिम्मेदारी को बखूबी निभा रही हैं। उन्होंने अपने समन्वय एवं प्रबंधन क्षमता, दृढ़ इच्छा-शक्ति और अनुशासित कार्यशैली से सरकार और आमजन का विश्वास जीता है। ज्योति महिला स्व-सहायता समूह को यह जिम्मेदारी 2 सितम्बर, 2023 को एक वर्ष के लिये सौंपी गयी थी। मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम ने समूह के उत्कृष्ट कार्य को देखते हुए टोल संचालन के अनुबंध को एक सितम्बर, 2025 तक के लिये बढ़ाया है। डेढ़ साल में 1.13 करोड़ रुपये का शुल्क संग्रह ज्योति महिला स्व-सहायता समूह द्वारा पहले कार्यकाल में टोल प्लॉजा के माध्यम से एक करोड़ 13 लाख 54 हजार रुपये से अधिक का शुल्क संग्रह किया गया है। इसमें से समूह को 30 प्रतिशत कमीशन के साथ समूह की 15 सदस्यों को प्रतिमाह 9 हजार रुपये की नियमित आमदनी भी हो रही है। नेतृत्व में प्रेरणा और कृतज्ञता ज्योति महिला स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती राजूबाई ने कहा कि इस पहल से वह और उनकी साथी सदस्य आर्थिक रूप से सशक्त बनी हैं। समूह की सफलता प्रदेश के स्व-सहायता महिला समूह के लिये एक प्रेरणा-स्रोत बन गयी है।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 36