धूप में किसानों की संघर्ष गाथा: घंटों धूप में खड़े किसान, फिर भी खाली हाथ
Farmers stand in line for hours in the sun, yet return empty-handed गुना। जिले में लगातार दूसरे दिन भी खाद वितरण केंद्रों पर अव्यवस्था का माहौल देखने को मिला। एमपी एग्रो वितरण केंद्र पर सुबह से ही किसानों की लंबी कतारें लगी रहीं। किसान तेज धूप में घंटों खड़े रहे लेकिन उन्हें न तो समय पर खाद मिल पाया और न ही पानी व छांव जैसी बुनियादी सुविधाएं। भीड़ और धक्का-मुक्की में कई बुजुर्ग किसान घायल हो गए, जबकि तेज धूप के कारण कई किसानों की तबीयत बिगड़ गई। किसानों का कहना है कि उन्हें गुरुवार दोपहर तक टोकन मिल गए थे लेकिन उसके बावजूद खाद का वितरण आज तक नहीं हो सका। किसानों ने बताया कि वे सुबह 4 बजे से लाइन में लगे हैं, फिर भी नंबर नहीं आ रहा। पांच कट्टे खाद लेने के लिए उन्हें लगातार तीन दिन से परेशान होना पड़ रहा है। एक किताब पर सिर्फ पांच कट्टे ही दिए जा रहे हैं, जिससे उनकी जरूरत पूरी नहीं हो रही। किसानों ने यह भी आरोप लगाया कि प्रशासन ने पानी और छांव जैसी व्यवस्थाओं पर ध्यान ही नहीं दिया।किसानों की पीड़ा यह है कि वे खेती-किसानी छोडक़र केवल खाद के लिए केंद्रों के चक्कर काट रहे हैं। कई किसानों का कहना है कि यदि समय पर खाद नहीं मिला तो उनकी रबी की फसल प्रभावित हो जाएगी। वहीं इस पूरे मामले में कृषि विभाग का कहना है कि खाद वितरण को लेकर पर्याप्त व्यवस्था की गई है। कृषि विभाग के उप संचालक संजीव शर्मा ने बताया कि जिले की 39 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों को कुल 975 मीट्रिक टन डीएपी खाद का आवंटन किया गया है। उनका कहना है कि सोसायटी के सदस्य बनने वाले किसानों को आसानी से खाद मिल जाती है, लेकिन कई किसान सदस्यता नहीं ले रहे, जिसकी वजह से उन्हें परेशानी हो रही है। शर्मा ने यह भी कहा कि एमपी एग्रो से लगातार खाद वितरण कराया जा रहा है और टोकन प्रणाली लागू है, फिर भी किसान धूप में लाइन लगाने की जिद कर रहे हैं।हालांकि किसानों का तर्क है कि टोकन मिलने के बावजूद कई बार वितरण में देरी हो जाती है और जानकारी का अभाव रहता है। ऐसे में उन्हें मजबूरन केंद्र पर लाइन में लगना पड़ता है। खाद वितरण में हो रही इस अव्यवस्था से किसानों की नाराजगी बढ़ती जा रही है। प्रशासन यदि जल्द ही पानी, छांव और टोकन व्यवस्था को सुचारू नहीं करता तो हालात और बिगड़ सकते हैं। किसान पहले से खरीफ की फसल खराब होने से परेशान हैं और अब रबी की तैयारी में भी उन्हें ऐसी दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं। इससे उनकी मेहनत और भविष्य दोनों पर संकट मंडराता दिखाई दे रहा है। इनका कहना हैहमने सभी सोसायटियों में खाद भिजवा दी है। दिक्कत क्या है किसान सोसायटियों के सदस्य नहीं बन रहे हैं। जिसकी सदस्यता 500-500 रुपए है। यदि सोसायटी के सदस्य बन जाएं तो सोसायटियों से आसानी से खाद मिल जाएगी। एमपी एग्रो से भी खाद हम बंटवा रहे हैं। कल और आज भी टोकन बांटे गए थे। इसलिए भीड़ ज्यादा हो गई थी। किसान भी मानते नहीं है। जब टोकन से खाद का वितरण हो रहा है तो क्यों धूप में लाईन लगा के खड़े हैं। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित, गुना के अंतर्गत आने वाली 39 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों नेगमा, मुरादपुर, छीपोन, नानाखेड़ी, बजरंगढ़, मावन, ढोलबाज, झागर, बडख़ेड़ा, गिर्द, करोद, पगारा, चकदेवपुर, म्याना, खांकर, धमनार, मगराना, मारकीमहू, भदौरा, टकनेरा, विशनबाड़ा, चीमरामपुर, हमीरपुरपाठी, कपासी, रामपुर, खजूरी, मूडराखुर्द, मक्सूदनगढ़, उकावद, नसीरपुर, डोंगर, लहरचा, चकपटोदी, देदला, सोनाहेड़ा, लखनवास, करमोदिया, केकडिय़ाखुर्द, तुलसीखेड़ी एवं सीगनपुर को कुल 975 मीट्रिक टन डीएपी खाद का आवंटन किया गया है। – संजीव शर्मा, उप संचालक कृषि विभाग Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है। और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र mysecretnews.com recent visitors 25