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नोएडा
नोएडा पुलिस ने विदेशी नागरिकों के साथ अमेजन पार्सल, टैक सपोर्ट और पे-डे लोन प्रक्रिया के नाम पर फर्जी मैसेज लिंक एवं कॉल के माध्यम से लाखों रुपये की ठगी करने वाले गैंग का पर्दाफाश करते हुए 9 महिलाओं समेत 76 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। थाना सेक्टर-63 पुलिस और सीआरटी टीम नोएडा ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए इंस्टा सॉल्यूशन नाम से कॉल सेंटर संचालित कर विदेशी नागरिकों से ठगी करने वाले गैंग का पर्दाफाश करते हुए उनके कब्जे से 58 लैपटॉप, 1 एप्पल मैक बुक, 45 लैपटॉप चार्जर, 2 राउटर, 45 हेडफोन, 24 मोबाइल फोन व अन्य सामान बरामद किए हैं।

डीसीपी सेंट्रल शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि थाना सेक्टर-63 पुलिस और सीआरटी टीम नोएडा ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए लोकल इंटेलीजेंस एवं गोपनीय सूचना के आधार पर इंस्टा सॉल्यूशन नाम से कॉल सेंटर संचालित कर विदेशी नागरिकों के साथ धोखाधड़ी करने वाले कॉल सेंटर में छापेमारी कर 76 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

उन्होंने बताया है कि पूछताछ में आरोपियों ने बताया है कि ये लोग साथ मिलकर विदेशो में बैठे लोगों को अमेजन सपोर्ट, माइक्रोसॉफ्ट, टेक सपोर्ट एवं पे-डे के नाम पर ठगी करते हैं। इस कॉल सेंटर को कुरूनाल रे, सौरभ, सादिक, साजिद अली द्वारा मिलकर चलाया जा रहा था। ये लोग स्काइप एप्प के माध्यम से ग्राहकों का व्यक्तिगत डाटा खरीदते हैं, जिसका पेमेंट यूएसडीटी में यूएस के लोगों को करते हैं, जो डिजिटल करेंसी में होता है। उसके बाद यूएस में जिन लोगों के कम्प्यूटरों में सीएक्स भेजा जाता है तो उनके कंप्यूटर में खराबी आने के कारण उसकी स्क्रीन नीले रंग की हो जाती है

इसके बाद स्क्रीन पर एक नंबर दिखाई देता है। जिस नंबर पर पीड़ित कॉल करता है वह कॉल इनके सिस्टम पर आती है, जिस पर ये लोग अपने आप को माइक्रोसॉफ्ट का अधिकारी बताकर उनकी समस्या का समाधान करने के लिए 99 डॉलर या इससे अधिक का पेमेंट मांगते हैं। पेमेंट के बाद पीड़ित को एक कमांड बताते है जिससे उसका कम्प्यूटर ठीक हो जाता है। इसी प्रक्रिया में ये लोग व्यक्ति को धोखा देकर पैसे लेने के लिए बात करते हैं।

इस गैंग के आरोपियों ने बताया है कि अमेजन प्रोसेस में ये स्काइप ऐप से डाटा लेते हैं। जिसमें यूएस के नागरिकों की जानकारी होती है और उसका किसी ना किसी साइट पर लोन का आवेदन होता है। जिसका फायदा उठाकर हमारे द्वारा हमारे फोन से उनके लोन के संबंध में एक मैसेज भेजा जाता है। मैसेज में नाम व मोबाइल नंबर आवश्यकतानुसार चेंज करते है। जिस व्यक्ति को लोन की जरूरत होती है वह या तो हमे यस का मैसेज भेजता है या हमारे द्वारा दिए गये नम्बर पर काल करता है। फिर हम उससे लोन कराने के लिए 100-500 डॉलर की मांग करते है। अगर उसके पास पैसा होता है तो हम उससे पैसा एप्पल ई-बे, वालमार्ट गिफ्ट कार्ड के माध्यम से प्राप्त कर लेते हैं। यदि उसके पास पैसा नही होता तो उसको ये फर्जी चेक भेजते हैं और वह व्यक्ति उस चेक का फोटो लेकर अपने अकाउंट में लगा देता है। यदि बैंक उसको पैसा पे करता है तो पेमेंट उसके अकाउंट में आ जाता है। जिस पैसे को हम गिफ्ट कार्ड के माध्यम से ले लेते हैं। अगर बैंक उस चेक को पकड़ लेता है तो उसका बैंक अकाउंट फ्रीज हो जाता है।

अमेजन प्रोसेस में भी ये लोग स्काइप के माध्यम से प्राप्त डाटा जुटाकर विदेशी ग्राहकों को एक वॉयस नोट भेजते हैं जिसमें ग्राहकों को बताया जाता है कि आपका पार्सल रेडी टू डिलीवर है। यदि आपके द्वारा ये पार्सल नही मंगाया गया है तो आपका अकाउंट चोरी हो गया है। इसके बाद ग्राहक डर जाता है। फिर ये ग्राहक से उसका नया अमेजन अकाउंट बनाने के नाम पर डॉलर की मांग कर लेते है। ये लोग अधिकतर विदेशी नागरिकों को अपना शिकार बनाते थे ताकि कोई शिकायत न कर सके। डीसीपी ने बताया है कि मुख्य आरोपी कुरूनाल रे, सादिक, सौरभ राजपूत पहले भी इसी प्रकार की ठगी करने के कारण गुजरात पुलिस द्वारा जेल भेजे जा चुके हैं।

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