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 भाेपाल
 शहर के कई क्षेत्रों में लोग जान जोखिम में डालकर घरों में रह रहे हैं। ऐसे लोगों को दुर्घटना से बचाने के लिए मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने नियमानुसार नोटिस जारी किए हैं। बता दें कि शहर में 848 मकान बिजली ट्रांसमिशन की 132 केवी क्षमता की एक्स्ट्रा हाईटेंशन लाइन की जद में हैं।

कंपनी ने ऐसे मकानों की छत और छज्जे तोड़ने के लिए नगर निगम प्रशासन और जिला प्रशासन को पत्र भी लिखा है। लाइन की जद में आ रहे निर्माण को तोड़ने के लिए एक माह की मोहलत दी गई है। गौरतलब है कि सोमवार को करोंद में एक महिला हाईटेंशन लाइन की चपेट में आकर झुलस गई थी। महिला की हालत गंभीर है।

सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथारिटी के नियमानुसार एवं इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 1956 के प्रविधानों के अनुसार 132 केवी टावर के 27 मीटर कारिडोर में कोई निर्माण कार्य नहीं किया जा सकता है। इसी तरह 132 केवी टावर में कम से कम 6.5 मीटर का वर्टिकल क्लीयरेंस होना चाहिए।
देवकी नगर में हुई थी बड़ी कार्रवाई

इस साल की शुरूआत में देवकी नगर में बड़ी कार्रवाई हुई थी। यहां 132 केवी क्षमता की एक्स्ट्रा हाईटेंशन लाइन की जद में आ रहे निर्माण को तोड़ा गया था। यहां पर अधिकारियों के कहने पर मकान की बाउंड्रीवाल को मकान मालिक ने ही तोड़ा था। अधिकारियों ने कहा कि हाईटेंशन लाइन के आसपास कई मकान हैं और मंदिर भी हैं। इस दौरान बड़ी दुर्घटना का भी खतरा है।

इनका कहना है

गोविंदपुरा, नारियलखेड़ा, देवकी नगर, करोंद, बैरागढ़, आनंद नगर और जैन कालोनी में ऐसे मकान चिह्नित किए गए हैं, जहां हाईटेंशन लाइन एकदम पास में है। शहर में पेट्रोलिंग और सर्वे करके सूची नगर निगम और जिला प्रशासन को सौंप दी गई है।

सुनील तिवारी, एमडी, मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी

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