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न्यूयॉर्क
 अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी इकॉनमी है। दुनियाभर से लोग बेहतर जिंदगी की तलाश में अमेरिका का रुख करते हैं। लेकिन पिछले कुछ समय से अमेरिका पर कर्ज बढ़ता जा रहा है। इस देश के लोग महंगाई से परेशान हैं और उनके लिए एक नौकरी से गुजारा करना मुश्किल हो रहा है। कई साल से लोगों की सैलरी नहीं बढ़ी है जबकि इस दौरान महंगाई में काफी ज्यादा इजाफा हो चुका है। सितंबर में वहां मल्टीपल जॉब यानी एक से ज्यादा नौकरी करने वाले लोगों की संख्या रेकॉर्ड 86.6 लाख पहुंच चुकी है। यह संख्या महामारी के पहले के मुकाबले 300,000 और 2008 के पीक के मुकाबले 600,000 अधिक है।

इतना ही नहीं अमेरिका में पार्ट-टाइम जॉब्स की संख्या में पिछले तीन साल में 30 लाख की तेजी आई है। यह तीन साल के रेकॉर्ड 2.82 करोड़ के करीब पहुंच गई है। चिंता की बात यह है कि पिछले साल नवंबर से फुल टाइम एम्प्लॉयमेंट में 10 लाख से ज्यादा गिरावट आई है। अमेरिका में महंगाई चरम पर है। लोगों के लिए अपने परिवार का पेट भरना मुश्किल हो रहा है। यही वजह है कि उन्हें एक से ज्यादा जगह नौकरी करनी पड़ रही है। वास्तविकता यह है कि महंगाई दर में कमी के बावजूद देश में कीमतों में गिरावट नहीं आई है। जानकारों का कहना है कि हाल-फिलहाल अमेरिकी लोगों को महंगाई से मुक्ति मिलने की उम्मीद नहीं है।

अमेरिका का कर्ज

अमेरिका का कर्ज 35 ट्रिलियन डॉलर के पार पहुंच चुका है। यह देश की जीडीपी का करीब 127% है। अमेरिका की जीडीपी का साइज 28.6 ट्रिलियन डॉलर है। पिछले एक साल में अमेरिका के कर्ज में 2.2 ट्रिलियन डॉलर की तेजी आई है जबकि इस दौरान देश की इकॉनमी 1.6 ट्रिलियन डॉलर बढ़ी है। जुलाई 2024 के आंकड़ों के मुताबिक अमेरिका के प्रत्येक नागरिक पर 1,04,507 डॉलर का कर्ज है। हालत यह हो गई है कि अमेरिका को रोजाना दो अरब डॉलर ब्याज के भुगतान में खर्च करने पड़ रहे हैं। अगले दशक में देश का कर्ज 54 ट्रिलियन डॉलर पहुंचने का अनुमान है।

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