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भोपाल
प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग श्री संदीप यादव ने निर्देश दिए हैं कि निजी पैथोलॉजी लैब का संचालन केवल योग्यताधारी पैथोलॉजिस्ट द्वारा ही सुनिश्चित किया जाए, जो मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान परिषद अधिनियम, 1987 की धारा 13 और 24 के तहत आवश्यक अर्हताओं को पूर्ण करते हों। कोई भी निजी प्रयोगशाला केवल तकनीशियन द्वारा संचालित नहीं की जा सकती। प्रयोगशाला तकनीशियन केवल उसी लैब में कार्य कर सकते हैं जो योग्यताधारी पैथोलॉजिस्ट द्वारा संचालित अथवा पर्यवेक्षित हो। प्रमुख सचिव श्री यादव ने प्रदेश के निजी पैथोलॉजी लैब और कलेक्शन सेंटर के संचालन में गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए समस्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिये हैं। ताकि आमजन को समुचित एवं गुणवत्तापूर्ण जांच रिपोर्ट उपलब्ध हों।

प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्री यादव ने निर्देश दिये हैं कि प्रदेश के सभी निजी पैथोलॉजिस्ट को 15 दिनों के भीतर उन पैथोलॉजी लैब्स की सूची और अपने उपस्थिति समय की जानकारी, जिसमें वे सेवाएं प्रदान कर रहे हैं, अपने जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को प्रस्तुत करनी होगी। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे समय-समय पर इन लैब्स का निरीक्षण करें और यह सुनिश्चित करें कि इनका संचालन योग्यताधारी पैथोलॉजिस्ट की निगरानी में हो रहा है। साथ ही, लैब्स में आवश्यक नैदानिक सेवाओं के उपकरण और अनुमतियाँ मौजूद हों।

उल्लेखनीय है कि योग्यताधारी निजी पैथोलॉजिस्ट यह सुनिश्चित करते हुए कि सभी जांचें उनकी सीधी निगरानी में हो रही हैं, केवल एक अतिरिक्त लैब में सेवाएं दे सकते हैं। ऐसे पैथोलॉजिस्ट, जो स्वयं की प्रयोगशाला नहीं चलाते हैं, वे जिले में अधिकतम दो लैब में ही विजिटिंग पैथोलॉजिस्ट के रूप में अपनी सेवाएं प्रदान कर सकते हैं।

 

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