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पेरिस

फ्रांस के मायोट क्षेत्र में चक्रवात ‘चिडो’ के कारण सैकड़ों लोगों की मौत हो गई है। कई इलाकों पर तबाही का ऐसा मंजर पसरा हुआ है, मानो परमाणु हमले के बाद की तबाही हो। स्थानीय लोगों का हाल इतना बुरा है कि कई दिनों से पीने को पानी नहीं है, खाने को भोजन नहीं और कइयों के तो घर तूफान में उड़ गए। अधिकारियों का कहना है कि मरने वालों की संख्या हजारों में भी जा सकती है।

चक्रवात चिडो के कारण मायोट इलाके में 225 किमी/घंटा (140 मील प्रति घंटे) से अधिक की गति से हवाएं चलीं। इससे वे क्षेत्र नष्ट हो गए जहां बेसहारा लोग टिन की छत वाली झुग्गियों में रह रहे थे। इलाके के एक स्थानीय ममूदज़ौ ने बीबीसी से बातचीत में कहा, "हमें तीन दिनों से पानी नहीं मिला है।" एक अन्य ने कहा, "मेरे कुछ पड़ोसी भूखे और प्यासे हैं।"

मलबे से शवों को निकालने में लगेंगे कई दिन

बचावकर्मी मलबे में जीवित बचे लोगों की तलाश कर रहे हैं। बचाव कर्मियों का कहना है कि इलाके में तबाही इतनी ज्यादा है कि मलबे से शवों को निकालने में ही कई दिन लग सकते हैं। उन्होंने कहा कि मरने वालों की संख्या हज़ारों तक पहुंच सकती है। चक्रवात के कारण हवाई अड्डे सहित सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है, इलाके तबाह हो गए हैं और बिजली आपूर्ति ठप हो गई है।

फ्रांस ने 90 साल बाद देखी ऐसी तबाही

फ्रांस के एक टीवी चैनल मायोट लाएरे की रिपोर्ट के मुताबिक, यह 90 वर्षों में आया अब तक का सबसे भयंकर तूफान है। इस तबाही में सैकड़ों लोग मारे गए हैं, शायद संख्या लगभग एक हजार के करीब हो सकती है या फिर हजारों में भी पहुंच सकती है।”

फ्रांस के गृह मंत्रालय ने सोमवार को कम से कम 11 लोगों की मौत और 250 से अधिक लोगों के घायल होने की पुष्टि की थी लेकिन कहा कि यह संख्या काफी बढ़ने की आशंका है। अफ्रीका के तट से दूर दक्षिण-पूर्वी हिंद महासागर में स्थित मायोट, फ्रांस का सबसे गरीब द्वीप क्षेत्र और यूरोपीय संघ का सबसे गरीब क्षेत्र है।

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