नई दिल्ली
एक नई रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 में भारत का चालू खाता घाटा (सीएडी) सकल घरेलू उत्पाद के 1.2-1.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) की रिपोर्ट के अनुसार, सेवा निर्यात में तेजी और मजबूत रेमिटेंस (श्रमिक या प्रवासी हस्तांतरण) के सपोर्ट से उच्च व्यापार घाटे के बावजूद, देश का सीएडी वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद के 1.2 प्रतिशत पर सिमट गया।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) के प्रवाह के कारण पूंजी खाता अधिशेष में वृद्धि हुई, जबकि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश फ्लो (एफडीआई) अधिक दर्ज किया गया। जिसकी वजह से भुगतान संतुलन (बीओपी) अधिशेष वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही के 2.5 बिलियन डॉलर की तुलना में 18.6 बिलियन डॉलर अधिक दर्ज किया गया। बैंक ऑफ बड़ौदा की अर्थशास्त्री अदिति गुप्ता ने कहा, "पिछले कुछ महीनों में भारत के एक्सटर्नल सेक्टर आउटलुक में कोई खास बदलाव नहीं आया है। नवंबर 2024 में व्यापार घाटे में तेज उछाल ने कुछ चिंताएं पैदा की हैं, लेकिन यह एक बार की बात हो सकती है, क्योंकि घाटा लगभग पूरी तरह से सोने के आयात में उछाल के कारण हुआ है।"
कुल मिलाकर, भारत के भुगतान संतुलन को एफपीआई, ईसीबी और एनआरआई डिपोजिट्स से मजबूत प्रवाह का समर्थन मिला। इसके अलावा, व्यापारिक आयात में वृद्धि माल निर्यात में वृद्धि से आगे निकल रही है, जिसके कारण वित्त वर्ष 2014-15 के आधार पर व्यापार घाटा बढ़ गया है।
गुप्ता ने कहा, "सकारात्मक पक्ष यह है कि सेवा निर्यात लचीला रहा है।" उन्होंने कहा, "तेल की कम कीमतों के बावजूद रेमिटेंस भी लचीला रहा है। आने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा लागू की जा रही संरक्षणवादी व्यापार नीति के बढ़ते खतरे एक्सटर्नल सेक्टर आउटलुक के लिए एक प्रमुख खतरा होंगे।" रिपोर्ट में कहा गया है कि, "हमें उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2025 में चालू खाता घाटा सकल घरेलू उत्पाद के 1.2-1.5 प्रतिशत के प्रबंधकीय दायरे में रहेगा।"

“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है। और पढ़ें