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नई दिल्ली
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने मुंबई के न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर रोक लगा दी है। बैंक के ग्राहक अपना पैसा भी नहीं निकाल सकते। यही नहीं, केंद्रीय बैंक ने इस बैंक पर नए लोन देने, पैसा जमा करने, एफडी आदि पर भी रोक लगा दी है। रिजर्व बैंक का कहना है कि बैंक की स्थिति सुधरने तक ये प्रतिबंध लागू रहेंगे। रिजर्व बैंक के इस आदेश के बाद शुक्रवार को बैंकों की ब्रांच के बाहर ग्राहकों की भीड़ जमा हो गई।

रिजर्व बैंक को इस बैंक में कुछ गड़बड़ियों के बारे में पता चला है। इसके बाद ही केंद्रीय बैंक ने यह कदम उठाया। मार्च 2024 के आखिर तक इस बैंक में कुल 2436 करोड़ रुपये जमा थे। जिन लोगों का पैसा इस बैंक में जमा है, उन्हें डिपॉजिट इंश्योरेंस स्कीम के तहत 5 लाख रुपये तक का बीमा मिलेगा। मतलब, अगर बैंक डूब भी जाता है तो भी आपको 5 लाख रुपये तक वापस मिल जाएंगे।

इन चीजों पर लगाई रोक

RBI ने घोषणा की है कि 13 फरवरी 2025 से न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक कोई भी नया लोन नहीं देगा। पुराने लोन को भी रिन्यू नहीं करेगा। नए निवेश या नई जमा राशि भी स्वीकार नहीं करेगा। किसी भी तरह का पेमेंट भी नहीं कर पाएगा। यहां तक कि अपनी कोई भी संपत्ति भी नहीं बेच पाएगा। यह पाबंदी 13 फरवरी 2025 से शुरू होकर अगले छह महीने तक लागू रहेगी।

क्यों लगाई रिजर्व बैंक ने पाबंदी?

रिजर्व बैंक को पता चला है कि इस बैंक की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है। बैंक के पास पर्याप्त पैसा है या नहीं, इसको लेकर आरबीआई सवाल उठा रहा है। इसलिए लोगों को अपने सेविंग अकाउंट, करंट अकाउंट या किसी भी दूसरे खाते से पैसे निकालने से रोका गया है। रिजर्व बैंक ने कहा है कि ये पाबंदियां ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए लगाई गई हैं।

ग्राहक हुए परेशान

रिजर्व बैंक की पाबंदी की यह खबर शुक्रवार को आग की तरह फैल गई। इस बैंक के ग्राहक अपनी-अपनी ब्रांच पहुंच गए। इसमें ज्यादातर लोग बैंक से अपना पैसा निकालना चाहते हैं। लेकिन रिजर्व बैंक के बैन के कारण वे ऐसा नहीं कर पा रहे हैं।

सोशल मीडिया पर ऐसे कई फोटो और वीडियो सामने आ रहे हैं जिसमें बैंकों के बाहर ग्राहकों की भीड़ देखी जा रही है। बैंक का दरवाजा बंद है जिस कारण वे इसमें जा नहीं पा रहे हैं।

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