नई दिल्ली.
फ्रांस की दिग्गज एनर्जी कंपनी टोटलएनर्जीज ने बड़ा ऐलान किया है। सोमवार को उसने कहा कि वह अडानी समूह की कंपनियों में अपने निवेश के तहत कोई नया पैसा नहीं लगाएगी। ऐसा तब तक रहेगा जब तक गौतम अडानी पर लगे रिश्वतखोरी के आरोप साफ नहीं हो जाते। एनर्जी कंपनी ने कहा कि उसे भ्रष्टाचार की जांच के बारे में पता नहीं था। टोटलएनर्जीज अरबपति गौतम अडानी के व्यापारिक साम्राज्य में सबसे बड़े विदेशी निवेशकों में से एक है। इसने पहले समूह की रिन्यूएबल एनर्जी वेंचर अडानी ग्रीन एनर्जी (AEGL) और सिटी गैस यूनिट अडानी टोटल गैस (ATGL) में हिस्सेदारी ली थी।
फ्रांसीसी फर्म ने बताया है कि उसे अमेरिकी अधिकारियों की ओर से गौतम अडानी और दो अन्य अधिकारियों पर आरोपों के बारे में पता चला है। इन पर AEGL के लिए सोलर पावर सप्लाई कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने की खातिर भारतीय अधिकारियों को 26.5 करोड़ डॉलर की रिश्वत देने के आरोप लगे हैं। टोटलएनर्जीज ने कहा, 'जब तक अडानी समूह के व्यक्तियों के खिलाफ आरोप और उनके नतीजे साफ नहीं होते टोटलएनर्जीज अडानी ग्रुप कंपनियों में अपने निवेश के हिस्से के रूप में कोई नया वित्तीय योगदान नहीं करेगी।' अडानी समूह ने अमेरिकी अदालत में लगाए गए आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया है। ग्रुप ने कहा है कि वह सभी आरोपों के लिए कानूनी सहारा लेगा।
अडानी ग्रुप कंपनियों में बड़ी हिस्सेदार है टोटलएनर्जीज
टोटलएनर्जीज के पास अडानी ग्रीन एनर्जी में 19.75 फीसदी हिस्सेदारी है। यह गौतम अडानी के नेतृत्व वाले भारतीय समूह की रिन्यूएबल एनर्जी इकाई है। इसके पास तीन संयुक्त उद्यम कंपनियों में 50 फीसदी हिस्सेदारी भी है जो AEGL के साथ सौर और पवन ऊर्जा से बिजली उत्पादन करती हैं। फ्रांसीसी फर्म के पास अडानी टोटल गैस में 37.4 फीसदी हिस्सेदारी भी है, जो ऑटोमोबाइल को CNG बेचती है और खाना पकाने के लिए घरों में पाइप्ड प्राकृतिक गैस की सप्लाई करती है।
पहले भी फ्रांसीसी कंपनी निवेश पर लगा चुकी है रोक
फ्रांसीसी दिग्गज ने बयान में कहा, 'अपनी आचार संहिता के अनुसार, टोटलएनर्जीज किसी भी रूप में भ्रष्टाचार को अस्वीकार करती है।' जनवरी 2021 में टोटलएनर्जीज ने सूचीबद्ध कंपनी AEGL में अल्पसंख्यक हिस्सेदारी हासिल की थी। अब वह इसकी 19.75 फीसदी हिस्सेदार है। भारत में नवीकरणीय ऊर्जा में अपने विकास को बढ़ाने की अपनी रणनीति के हिस्से के रूप में संपत्तियों के पोर्टफोलियो तक सीधी पहुंच के जरिये इसने नवीकरणीय संपत्तियों का संचालन करने वाले तीन संयुक्त उद्यमों में भी 50 फीसदी हिस्सेदारी हासिल कर ली है।
फ्रांसीसी ऊर्जा दिग्गज ने पिछले साल फरवरी में अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग के आरोपों के बाद अडानी समूह के 50 अरब डॉलर के हाइड्रोजन प्रोजेक्ट में निवेश रोक दिया था। जहां फ्रांसीसी एनर्जी दिग्गज को अडानी समूह के हाइड्रोजन उद्यम में 25 फीसदी हिस्सेदारी लेनी थी, वहीं साझेदारी की घोषणा जून 2022 में की गई थी।

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