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 वॉशिंगटन
अमेरिका अब रूस और यूक्रेन के बीच शांति समझौते के हिस्से के रूप में क्रीमिया पर रूस के नियंत्रण को मान्यता देने को तैयार हो सकता है. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है. यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दोनों देशों के बीच सीजफायर स्थापित करने के लिए बातचीत कर रहे हैं.

2014 में रूस ने क्रीमिया पर सैन्य कार्रवाई कर कब्जा कर लिया था और वहां एक विवादास्पद जनमत संग्रह कराया था. इस जबरन अधिग्रहण को अमेरिका समेत ज्यादातर देशों ने खारिज कर दिया था. क्रीमिया को रूस का हिस्सा मान लेना, अंतरराष्ट्रीय नियमों से हटकर होगा, जो बलपूर्वक क्षेत्र कब्जा करने को अमान्य मानते हैं.

वार्ता की धीमी गति से अमेरिका नाखुश

राष्ट्रपति ट्रंप और विदेश मंत्री मार्को रुबियो शांति वार्ता की धीमी प्रगति से नाराज बताए जा रहे हैं. शुक्रवार को दोनों नेताओं ने संकेत दिया कि अगर जल्द ही कोई परिणाम नहीं निकला, तो अमेरिका वार्ता से अलग हो सकता है.

वार्ता को लेकर ट्रंप ने मीडिया से बात करते हुए कहा, 'यह मामला जितना लंबा खिंचेगा, हमारे इसमें शामिल रहने का औचित्य उतना ही कमजोर होता जाएगा.' उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि दोनों पक्ष जल्द समाधान की दिशा में नहीं बढ़ते हैं, तो अमेरिका पीछे हट जाएगा.

जेलेंस्की बोले- किसी भी हाल में रूस को नहीं देंगे जमीन

यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोदिमीर जेलेंस्की ने किसी भी तरह से रूस को यूक्रेनी जमीन सौंपने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. उन्होंने बार-बार कहा है कि क्रीमिया समेत किसी भी क्षेत्र को रूस का हिस्सा मानना अस्वीकार्य है.

गुरुवार को कीव में बोलते हुए उन्होंने अमेरिकी दूत स्टीव विटकॉफ पर रूस समर्थक रुख अपनाने का आरोप लगाते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी. जेलेंस्की ने कहा, 'हम कभी भी यूक्रेनी जमीन को रूसी नहीं मान सकते. जब तक सीजफायर नहीं होता, हमारी जमीन पर कोई बातचीत नहीं हो सकती.'

 

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