Attack of inflation: Non-availability of green vegetables and crisis of potatoes, onions and tomatoes
भोपाल ! Attack of inflation: Non-availability देश में महंगाई की मार से आम जनता की मुश्किलें दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं। पहले हरी सब्जियों की बढ़ती कीमतों ने रसोई का बजट बिगाड़ा, और अब आलू, प्याज और टमाटर जैसी जरूरी सब्जियों पर भी महंगाई का प्रहार हो रहा है। टमाटर, प्याज और आलू की कीमतें इतनी तेजी से बढ़ी हैं कि आम लोगों ने इन्हें खरीदना कम कर दिया है, या फिर पूरी तरह से परहेज करना शुरू कर दिया है।
खुदरा बाजार में आलू की कीमतें 40 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई हैं, जो सामान्य तौर पर 20 से 25 रुपए के आसपास रहती थी। वहीं, टमाटर की कीमतें 100 रुपए प्रति किलो के पार जा चुकी हैं, जो घर के बजट पर भारी असर डाल रही हैं। प्याज की कीमतें भी आसमान छू रही हैं, और बाजार में 60-80 रुपए प्रति किलो तक बिक रहे हैं। ये तीन मुख्य सब्जियां, जो रोज़मर्रा के भोजन का अभिन्न हिस्सा मानी जाती हैं, अब लोगों की थालियों से गायब होती जा रही हैं।
हरी सब्जियों की बात करें तो उनकी कीमतें पहले से ही लोगों की पहुंच से बाहर हो चुकी हैं। लौकी, टिंडा, करेला, और पालक जैसी सब्जियां, जो आमतौर पर घर-घर में रोजाना इस्तेमाल होती थीं, अब दुर्लभ होती जा रही हैं। सब्जियों की यह बढ़ती कीमतें किसानों की लागत में इजाफे, खराब मौसम, और आपूर्ति श्रृंखला में आई बाधाओं का परिणाम मानी जा रही हैं।
Read More : https://mysecretnews.com/madhyapradesh-is-creating-a-new-identity/
टमाटर का सबसे उत्पादक है भारत
रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, टमाटर, प्याज और आलू के प्रोडक्शन में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. बीते साल टमाटर का प्रोडक्शन 20.4 मिलियन मीट्रिक टन रहा था वहीं प्याज का उत्पादन 30.2 MMT और आलू 60.1 MMT होने का अनुमान है. दुनिया में भारत टमाटर का सबसे बड़ा और आलू का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है. भारत ने इस मामले में चीन को भी पीछे छोड़ दिया है.
इन सब्जियों की कीमतों में आई इस तेजी का असर न केवल गरीब और मध्यम वर्ग पर पड़ा है, बल्कि होटल, रेस्तरां और छोटे भोजनालयों पर भी इसका सीधा प्रभाव पड़ा है। भोजनालयों में खाने के दाम बढ़ाए जा रहे हैं, क्योंकि सब्जियों की लागत में बढ़ोतरी हो रही है। साथ ही, सब्जियों की कमी के कारण खाने में कटौती और सस्ती सब्जियों का उपयोग बढ़ा है।
सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बावजूद कीमतों में स्थिरता नहीं आ रही है, और जनता को महंगाई के इस दबाव से निपटने के लिए वैकल्पिक तरीकों की तलाश करनी पड़ रही है। अब सवाल यह है कि कब तक जनता को इस महंगाई की मार झेलनी पड़ेगी और क्या आने वाले समय में राहत की कोई उम्मीद है?
महंगाई के इस दौर में आम लोगों के लिए यह चुनौती बन गई है कि वे कैसे अपने परिवार के लिए पोषणयुक्त और किफायती भोजन की व्यवस्था कर सकें।
“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है। और पढ़ें
детские угги – лучший подарок для вашего ребёнка этой зимой. Тепло, уют и надёжность гарантированы.