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Bharatiya Kisan Sangh will surround Vallabh Bhawan in Bhopal today; electricity and crop rates are the main issues

भोपाल में प्रदर्शन को लेकर भारतीय किसान संघ गांव-गांव जाकर बैठकें भी कर चुका है।

भोपाल। बिजली और फसल के रेट जैसे कई मुद्दों पर हजारों किसान बुधवार को भोपाल में बड़ा प्रदर्शन करेंगे। भारतीय किसान संघ के बैनर तले ये प्रदर्शन होगा। लिंक रोड नंबर-1 पर पहले धरना, फिर अन्नदाता अधिकार रैली और वल्लभ भवन का घेराव किया जाएगा।

प्रदर्शन को लेकर प्रशासन अलर्ट मोड पर है। इधर, किसान संघ ने सख्त चेतावनी दी है कि बाहर से आने वाले किसानों को पुलिस नहीं रोकें। वर्ना, वे वहीं पर धरना प्रदर्शन शुरू कर देंगे।

भारतीय किसान संघ ने मध्यप्रदेश सरकार के खिलाफ विरोध का बिगुल फूंका है। लिंक रोड नंबर-1 स्थित भाकिसं कार्यालय के सामने सुबह 11 बजे बाद धरना शुरू होगा। दोपहर 3 बजे से रैली के रूप में किसान वल्लभ भवन पहुंचेंगे और घेराव करेंगे।

संघ के मध्य भारत प्रांत अध्यक्ष सर्वज्ञ दीवान ने कहा, प्रदेश में किसान राजस्व विभाग के फौती नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, बटांकन, नक्शा सुधार जैसे कार्यों में की जा रही लूट से परेशान हो गया है। निरंकुश अफसरशाही के खिलाफ प्रदेश का किसान खेतों से निकलकर राजधानी की सड़कों पर 5 फरवरी को अपने अधिकार के लिए अन्नदाता अधिकार रैली और वल्लभ भवन घेराव कार्यक्रम में शामिल होगा।

ज्ञापन देने के बावजूद नहीं चेती सरकार

भाकिसं के पदाधिकारियों का कहना है कि किसान संघ ने किसानों की समस्याओं को लेकर तहसील व जिला स्तर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपे, लेकिन आज तक किसानों की किसी भी समस्या पर प्रशासन ने कोई ध्यान नहीं दिया है। इसलिए किसान अपनी समस्याओं को सुनाने और निदान के लिए सरकार के दरवाजे पर आने के लिए मजबूर है।

ये हैं किसानों की प्रमुख मांगें

फौती नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, बटांकन, ऑनलाइन रिकॉर्ड और नक्शा सुधारा जाए।

हॉर्स पावर क्षमता वृद्धि वापस ली जाए। जले ट्रांसफॉर्मर और लाइनें समय सीमा में बदली जाए।

डीएपी, यूरिया खाद सहकारिता के माध्यम से नगद वितरण समय पर किया जाए।

सभी मंडियों में फ्लेट कांटों से तुलाई अनिवार्य हो। मंडी परिसर में ही भुगतान हो।

नकली दूध बनाने वालों पर सख्त कार्रवाई हो।

प्रदेश में गो-अभयारण्य खोले जाएं।

प्रस्तावित और स्वीकृत नहरों के कार्य जल्द पूरा हो।

सभी फसलों को एमएसपी से नीचे नहीं खरीदा जाए।

किसानों के झूठे प्रकरण वापिस हों।

पूसा बासमती धान को जीआई टैग दिलाया जाए।

धान 3100 रुपए व गेहूं 2700 रुपए प्रति क्विंटल खरीदा जाए।

गांव-गांव में किसानों की हुई बैठकें

अन्नदाता अधिकार रैली और वल्लभ भवन के घेराव में किसानों को शामिल करने के लिए किसान संघ के ग्राम समिति से लेकर प्रांत स्तर तक के पदाधिकारियों ने गांव-गांव बैठकें कीं। जिसमें किसानों की विभिन्न समस्याओं की चर्चा कर भोपाल आने के लिए आमंत्रित किया गया।

बढ़े हुए बिजली बिलों से किसान त्रस्त

किसानों का कहना है कि बिजली विभाग के द्वारा कृषि विद्युत कनेक्शन में हॉर्स पावर भार वृद्धि करने के कारण किसानों को बढ़े हुए बिजली के बिल भेजे जा रहे हैं। जिससे वे नाराज हैं। किसान बिजली कंपनियों द्वारा बिना जांच के भार वृद्धि करने के कारण आंदोलन के मूड में हैं और उसने सरकार के खिलाफ खुला मोर्चा खोल दिया है।

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