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अधिक पानी पीना हृदय रोगियों के लिए हो सकता है खतरनाक

दिल फेल होना पर शारीरिक उपचार की जरूरत के अनुसार दिल को पंप नहीं कर पाता है, कारण से रोगी को थकान, सांस लेने में तकलीफ या थकान होना, सांस लेने में तकलीफ, खांसी या घरघराहट, दिल की दृष्टि तेज या उल्टी होना और मिटली जैसी परेशानियाँ हो सकती हैं। कोरोनरी हृदय रोग, हाइपरटेंशन, मायोकार्डियल इन्फार्क्शन, कोरोनरी आर्टरी डिजीज, दिल में सूजन या हृदय की तीव्रता की तीव्रता और हृदय को हार्ट फेल का मुख्य कारण माना जाता है। हार्ट फेलियर का इलाज और इलाज आसान हो गया है। एलवीडी (लेफ्ट वेंट्रिकुलर एसिस्टेड) ​​थेरेपी से हार्ट फेलियर का इलाज होता है। लेफ्ट वेंट्रिकुलर एसिस्टेड लिमिटेड एक मेडिकल मेडिकल है, जिसका उपयोग हार्ट फेलियर की खोज के लिए किया जाता है। यह हृदय के बाईं ओर मौजूद वेंट्रिकल से लेकर पूरे शरीर में रक्त पंप करता है। इस थेरेपी ने लाभार्थियों की जीविका की गुणवत्ता और उनके जीवित रहने की संभावनाओं को बढ़ाने का काम किया है। व्युत्पत्ति और लाइफ स्टाइल जरूरी है तो साइंस ने हार्ट फेलियर के पैमाने और कमाई को आसान बना दिया है। लेकिन पोषण और जीवविज्ञान पर ध्यान देने से इसका प्रभाव कम हो सकता है। दिल्ली के शालीमार बाग में स्थित फोर्टिस हॉस्पिटल के इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी और इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी के तंबाकूजी और सीनियर डॉ. नित्यानंद त्रिपल के अनुसार हार्ट फेलियर के शिष्यों को दर्शन और जीवन शैली का ध्यान रखना चाहिए। कम नमक के घटक में प्रचुर मात्रा में नमक लेने के कारण शरीर में पानी जमा हो सकता है, जिससे सूजन, सांस फूलने जैसे लक्षण पैदा होते हैं। इसलिए हार्ट फेलियर के मरीज को प्रतिदिन 1,500 से 2,000 तक का ऑक्सीजन का सेवन नहीं करना चाहिए। तरल पदार्थ का कम सेवन हार्ट फेलियर के कारण शरीर में पानी जमा हो सकता है। इससे बचने के लिए डॉक्टर हर रोज 1-1.5 लीटर से अधिक तंबाकू का सेवन न करने की सलाह देते हैं। इसमें पानी, साबूदाना, चॉकलेट आदि सभी ड्रिंक शामिल हैं। वैज्ञानिक और वैज्ञानिक साइंटिस्ट दिल के लिए स्वास्थ्यवर्धक है। इसलिए खाने में फल, स्ट्रॉबेरी, साबुत अनाज, लीन प्रोटीन और स्ट्रेंथ फल जैसे नट्स, सीड्स और मछलियों का सेवन करें। इनका कागजात बनाना भी जरूरी है। लाइफ़स्टाइल में वाॅलिंग, कॉमर्स और फ़्लोरिडा एरोबिक्स से हार्ट मसल्स मजबूत होते हैं। पशु चिकित्सक नियंत्रण से दिल पर बैकअप वाला कम होता है। क्रोनिक स्ट्रेस से हार्ट फेलियर के लक्षण हो सकते हैं। इसलिए ध्यान, प्राणायाम और योग जैसे तकनीशियनों की मदद लें। धूम्रपान और शराब का सेवन न करें। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 47

अमेज़न सेल 2024: बेस्ट नेकबैंड ब्लूटूथ इयरफ़ोन पर 80% तक की छूट

Amazon ग्रेट इंडेन फेस्टिवल सेल 2024 से आज हम आपके लिए हैं शानदार नेकबैंड ईयरफोन की शानदार रेंज की जानकारी। ये सभी बेस्ट नेकबैंड ईयरफोन्स अलग-अलग आर्किटेक्चर के साथ आ रहे हैं। इन डिस्प्ले नेकबैंड में हाई साउंड के क्वालिटी के साथ ही डीप बेस भी है, जिससे आपका म्यूजिक और अन्य एंटरटेनमेंट का एक्सपीरियंस भी कई गुना बेहतर हो सकता है। इन नेकबैंड में 60 घंटे तक की प्लेटाइम भी देखी जा सकती है, जिसे आप देर तक इस्तेमाल कर सकते हैं। Amazon की सबसे बड़ी Sale में इन कास्टाल नेकबैंड पर 77% तक की भारी छूट भी मिल रही है। यदि आप बचत वाली इस डील का फ़ायदा उठाना चाहते हैं, तो इस लेख में मिल रही सूची आपके लिए काफी बढ़िया हो सकती है। ये सभी नेकबैंड टॉप नेटवर्क और काफी बेस्ट माने जाते हैं। वनप्लस बुलेट्स Z2 ब्लूटूथ वायरलेस इन ईयर ईयरफोन्स: इस दिलचस्प वाले वनप्लस बुलेट्स Z2 नेकबैंड का डिजाइन एर्गोनोमिक है। इस साल में नेकबैंड की शानदार क्वालिटी साउंड और बॉम्बास्टिक बेस भी काफी दमदार है। यह नेकबैंड 12.4mm के ड्राइवर के साथ आ रहा है। इसमें कुल 30 तक का प्लेटाइम भी है। सिर्फ 10 मिनट तक चार्ज करके आप इस नेकबैंड को 20 घंटे तक इस्तेमाल कर सकते हैं। यह अमैसिलिव रंग संयोजन में भी उपलब्ध है। boAt Rockerz 210 ANC ब्लूटूथ इन ईयर नेकबैंड: यह टॉप डेमोक्रेसी रेटिंग वाला काफी अच्छा boAt Rockerz 210 नेकबैंड है। यह नेकबैंड की खासियत भी सीमलेस है। इसका स्पैटिऑल ऑडियंस और कैमल का 30dB ANC सपोर्ट आपके एंड्रॉइड फ्री कॉलिंग के एक्सपीरियंस को काफी शानदार बना सकता है। यह 13mm ड्राइवर वाला काफी अच्छा नेकबैंड है। इस नेकबैंड में ड्यूल पेअरिंग और फास्ट पेयर का सपोर्ट भी मिल रहा है। इस नेकबैंड की मदद से आप गेमिंग का भी भरपूर मजा ले सकते हैं। रियलमी बड्स वायरलेस 3 नियो इन ईयर ब्लूटूथ नेकबैंड: यह टॉप ब्रांडेड और बेस्ट रियलमी बड्स वायरलेस नेकबैंड है। इस नेकबैंड में मिल रहा 13.4mm का ड्राइवर शानदार साउंड के साथ ही डीपी बेस क्वालिटी भी देता है। यह फास्ट बैकअप भी सपोर्ट करता है, जिससे आप इस नेकबैंड को कम समय में चार्ज करके देर तक इस्तेमाल भी कर सकते हैं। यह नेकबैंड म्यूजिक के साथ-साथ फ्री कॉल्स के लिए भी सुइटेबल माना जाता है। इसमें 45 एमएस की लो लेटेंसी भी दी जा रही है। JBL ट्यून 215BT, क्विक चार्ज के साथ 16 घंटे का प्लेटाइम: धाकड़ साउंड और बेस वाले इस JBL ट्यून 215BT नेकबैंड में आपको 16 घंटे तक का प्लेबैक टाइम मिल रहा है। इस नेकबैंड में मिल रही 12.5mm का ड्राइवर प्रीमियम क्वालिटी वाला है। यह प्योर बेस वाला जनरेटर नेकबैंड है। इस नेकबैंड से आप लगभग सभी सहयोग कंपनी के साथ जुड़ सकते हैं। यह वॉयस मार्केटिंग सपोर्ट के साथ आ रहा है। इसका इन बैलट माइक भी टॉप क्वालिटी वाला है। नॉइज़ एयरवेव प्रो ब्लूटूथ इन ईयर नेकबैंड: यह गैजेट नेकबैंड ईयर फोन आजकल काफी पसंद किया जा रहा है। यह नॉइज़ एयरवेव प्रो मैट ब्लैक कलर और शानदार लुक में आ रहा है। इसकी 40 एमएस लेटेंसी आपकी गेमिंग को भी काफी बेहतर बना सकती है। इसमें 3 हाई क्वालिटी वाले माइक भी दिए गए हैं। बेहतर साउंड के लिए आप इसके 3 ईक्यू मॉड्स को भी बदल सकते हैं। इसके बड्स में मैग्नेट भी दिए गए हैं, जिससे इसे कैरी करना आसान हो जाता है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 61

मोह रूपी मूर्च्छा से भागें नहीं, उसे साधें

कभी-कभी लोग कहते हैं, साधु-संन्यासी बहुत कष्ट सहते हैं। मैं इससे उल्टा सोचता हूं। साधुओं के लिए कष्ट कम हैं। गृहस्थ के लिए कष्टों का अंबार-सा लगा हुआ है। वह मूर्च्छा से घिरा हुआ है, इसलिए उसे ये कष्ट, कष्ट जैसे प्रतीत नहीं होते। मूर्च्छा दुख का कारण है। मूर्च्छा जागरण का अभाव है। आदमी सोता है, इसीलिए दुख होता है। सोना बहुत आवश्यक भी है और सोना एक समस्या भी है। सोते समय श्वास की गति बढ़ जाती है। वह छोटा हो जाता है। छोटा श्वास आयु को कम करता है। जो अधिक समय सोता है, वह अल्प आयुष्क होता है। परिमित समय तक सोता है तो आदमी ठीक-ठीक जी लेता है। हर प्रवृत्ति के साथ समस्या जुड़ी हुई होती है। सोना जरूरी है तो सोना खतरनाक भी है। दस-बारह घंटा सोना अल्पायु होना है। जो आदमी लंबा जीना चाहता है, उसे सोने की सीमा कम करनी चाहिए। जो मूर्च्छित है, वह सोया हुआ है। सामाजिक स्तर पर मूर्च्छा भी जरूरी मानी गई है। यदि मूर्च्छा नहीं होती है तो बच्चे का लालन-पालन नहीं हो सकता। कोई संबंध ही नहीं होता। कोई किसी चीज की सुरक्षा नहीं कर पाता। मूर्च्छा है इसीलिए प्रवृत्ति का यह चक्र चल रहा है। मूर्च्छा नहीं होती तो सोने को कौन इकट्ठा करता? मूर्च्छा नहीं होती तो हीरों-पन्नों को कौन संजोकर रखता? जैसे पत्थर ठोकर में पड़े रहते हैं, वैसे ही वे भी पड़े रहते। तो फिर वस्तु का यथार्थ मूल्यांकन नहीं होता। कहां पत्थर और कहां हीरा! किंतु मूर्च्छा सबको अपने-अपने स्थान पर टिकाए हुए है। फकीर के पास एक सम्राट आया। फकीर जानता था। सम्राट जब जाने लगा, तब फकीर ने पांच-दस कंकड़ सम्राट को देते हुए कहा, ‘मेरे ये कंकड़ ले जाओ। जब तुम मरकर अगले लोक में जाओगे, तब मैं वहां तुमसे मिलूंगा। तब मेरे ये कंकड़ मुझे दे देना।’ सम्राट हंसकर बोला, ‘बड़े भोले हो तुम! क्या कोई व्यक्ति मरकर भी अपने साथ कुछ ले जा सकता है? यह असंभव है।’ फकीर बोला, ‘तुम सच कह रहे हो?’ सम्राट बोला, ‘यह सच है। सब जानते हैं।’ फकीर ने कहा, ‘तो फिर प्रजा का शोषण कर तुम इतना वैभव क्यों एकत्रित कर रहे हो? मैं तो समझता था, और कोई ले जाए या नहीं, तुम तो अवश्य ही सारा वैभव साथ ले जाओगे। यदि नहीं ले जा सकते तो फिर इतनी मूर्खता क्यों कर रहे हो?’ सम्राट की आंख खुल गई। मूर्च्छा के कारण ही संचय किया जाता है। कभी-कभी मैं सोचता हूं, मूर्च्छा नहीं होती तो समाज और परिवार कैसे चलता? माता बच्चे के पालन-पोषण में इतना कष्ट सहती है। क्यों? मूर्च्छा है इसीलिए। पशु-पक्षियों की माताएं भी बच्चों के लिए, अपनी संतान के लिए क्या नहीं सहतीं? मूर्च्छा के कारण सारा कष्ट सह लिया जाता है। इस दृष्टि से सामाजिक प्राणी के लिए यह नहीं कहा जा सकता कि मूर्च्छा सर्वथा हेय है। वह छोड़ भी नहीं सकता। जो कुछ एक-दूसरे के लिए होता है या किया जाता है, वह सारा मूर्च्छा और मोह के कारण ही हो रहा है। मोह नहीं होता तो कौन पढ़ाता बच्चों को? कौन उन्हें तैयार करता? कौन उन्हें व्यवसाय सिखाता? फिर तो सब अकेले होते। सब विरागी या विरक्त होते। अकेला आदमी विरागी बनकर जीवनयापन कर सकता है, पर समाज वैसा नहीं कर सकता। संसार ऐसा बन नहीं सकता। यदि संसार ऐसा होता है तो वह फिर संसार नहीं, व्यक्ति होगा। आदमी अनगिन कष्टों को सहता हुआ भी जी रहा है। इसका मुख्य कारण है— मूर्च्छा। कभी-कभी लोग कहते हैं, साधु-संन्यासी बहुत कष्ट सहते हैं। मैं इससे उल्टा सोचता हूं। साधुओं के लिए कष्ट कम हैं। गृहस्थ के लिए कष्टों का अंबार-सा लगा हुआ है। वह मूर्च्छा से घिरा हुआ है, इसलिए उसे ये कष्ट, कष्ट जैसे प्रतीत नहीं होते। मूर्च्छा एक आवरण है। ऐसा आवरण कि जिसमें सारे कष्ट ढक जाते हैं। पति ने पत्नी को या पत्नी ने पति को तलाक दे दिया। पति चल बसा। पत्नी रह गई। पत्नी मर गई। पति रह गया। दोनों मर गए। छोटे-छोटे बच्चे रह गए। ये सारी कितनी कठिन परिस्थितियां हैं? दिल दहलानेवाली स्थितियां हैं। इन स्थितियों में भी आदमी सुख मानकर जीता ही चला जा रहा है। एक छोटे बच्चे से भी पूछा जाए कि तुम्हारे माता-पिता मर गए। तुम असहाय हो। क्या साधु बनोगे? वह तत्काल सिर हिलाकर कहेगा, साधु तो नहीं बनूंगा। इसका कारण है मूर्च्छा। उसे लगता ही नहीं कि वह असहाय है। एक मूर्च्छा हजारों कष्टों को शांत कर देती है, उनका निवारण कर देती है। यदि ऐसा नहीं होता तो इस दुखमय, कष्टमय और दारुण संसार में आदमी कभी जी नहीं पाता। उसको जीवित रखनेवाली वस्तु है मूर्च्छा। यह सबको जिला रही है। सब प्राणी इसकी बदौलत जी रहे हैं। बड़ा भाई— छोटे भाई को, पिता— पुत्र को तैयार करता है। आगे चलकर छोटा भाई, बड़े भाई को दर-दर का भिखारी बना देता है। पुत्र, पिता को घर से निकाल देता है। ऐसी स्थितियां होती हैं। इसे हम देखते हैं। पर बड़ा भाई, छोटे भाई को तैयार करता है और पिता, पुत्र को योग्य बनाता है। इन सबके पीछे मूर्च्छा काम करती है। इसलिए सामाजिक और पारिवारिक वातावरण को सजीव रखने के लिए मूर्च्छा की अनिवार्यता स्वीकार करनी होगी। सामाजिक व्यक्ति मूर्च्छा को सर्वथा छोड़ दे, यह असंभव बात है। किंतु मूर्च्छा के चक्रव्यूह को तोड़ना जरूरी है। या कहें कि इस मूर्च्छा रूपी मोह को साधना जरूरी है, ताकि आप इसके गुलाम न बनें। यह मूर्च्छा तमस और राजस का प्रतीक न बने, बल्कि सत्व का आधार लेकर सात्विक बनें। हमें यह ध्यान रखना है कि जब तक इस मूर्च्छा का चक्रव्यूह चलता रहेगा, तब तक दुखों का अंत नहीं होगा। उसकी एक सीमा हो। वह अनंत न बने, यह अपेक्षित है। मूर्च्छा केवल समाज को चलानेवाली कड़ी के रूप में स्वीकृत हो तो इतना अनर्थ नहीं होता। पर आज उसे अनंत आकाश प्राप्त है। यह अहितकर है। ध्यान का पुष्ट परिणाम है मूर्च्छा के चक्र का टूटना। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने … Read more

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा, दुनियाभर में तेजी से आंखों से संबंधित समस्या मायोपिया के मामले बढ़ते जा रहे हैं

नईदिल्ली साल 2019 के अंत में शुरू हुई कोविड-19 महामारी का असर अब भले ही हल्का हो गया है पर संक्रमण का खतरा वैश्विक स्तर पर अब भी बना हुआ है। वायरस में म्यूटेशन से उत्पन्न होने वाले नए-नए वेरिएंट्स विशेषज्ञों की चिंता बढ़ाते रहे हैं। इस बीच स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने दुनियाभर में बढ़ती एक नई महामारी को लेकर लोगों को अलर्ट किया है। विशेषज्ञों ने कहा, हम सभी तकनीक से प्रेरित इस दुनिया में दिनभर किसी ने किसी तरह के स्क्रीन से चिपके रहते हैं। मोबाइल, टेलीविजन हो या लैपटॉप, इनके अधिक उपयोग के कारण हमारा स्क्रीन टाइम काफी बढ़ गया है जो एक नई महामारी को जन्म दे सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा, दुनियाभर में बहुत तेजी से आंखों से संबंधित समस्या, विशेषतौर पर मायोपिया (निकट दृष्टिदोष) के मामले बढ़ते जा रहे हैं। यह बच्चों में सबसे ज्यादा रिपोर्ट की जा रही समस्या है जिसके कारण कम दिखाई देने और समय के साथ अंधेपन का खतरा बढ़ जाता है। अगर समय रहते इसे नियंत्रित करने के लिए प्रयास न किए गए तो अगले एक-दो दशक में वयस्कों की बड़ी आबादी मायोपिया से पीड़ित हो सकती है। ये निश्चित ही गंभीर चिंता का विषय है। मायोपिया के बढ़ते मामले स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, बचपन में मायोपिया का निदान होने से जीवन की गुणवत्ता भी प्रभावित हो सकती है। यह प्रवृत्ति चिंताजनक है, यह सिर्फ चश्मे पर निर्भरता की समस्या नहीं है बल्कि इसके कारण ग्लूकोमा और रेटिनल डिटेचमेंट जैसी आंखों की अन्य बीमारियों का जोखिम भी बढ़ जाता है। कुछ अध्ययनों का अनुमान है कि वर्ष 2050 तक दुनिया की लगभग आधी आबादी मायोपिया से पीड़ित हो सकती है। भारत में, बच्चों में मायोपिया की घटना लगातार बढ़ रही है। कोरोना महामारी ने इसके जोखिमों को और भी बढ़ा दिया है। मायोपिया के कारण मानसिक रोगों का खतरा नेत्र रोग विशेषज्ञ कहते हैं, ज्यादातर मामलों में मायोपिया का निदान बचपन में ही किया जाता है। ये समस्या सिर्फ आंखों तक ही सीमित नही हैं, इसके कारण मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक असर होने का खतरा रहता है। मायोपिया के कारण बच्चों की विशिष्ट खेलों और अन्य गतिविधियों में भागीदारी कम हो जाती है। बाहर खेल-कूद में कमी के कारण मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर हो सकता है। मायोपिया के शिकार लोगों में भविष्य में स्ट्रेस-एंग्जाइटी और मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित कई तरह की अन्य विकारों का जोखिम अधिक हो सकता है। बच्चों में मायोपिया की बढ़ती समस्या ब्रिटिश जर्नल ऑफ ऑप्थल्मोलॉजी में प्रकाशित अध्ययन में बच्चों में मायोपिया की बढ़ती समस्या को लेकर अलर्ट किया गया है। 50 देशों में पांच मिलियन (50 लाख) से अधिक बच्चों और किशोरों पर किए गए शोध में पाया गया है कि एशियाई देशों में इसका जोखिम सबसे अधिक देखा जा रहा है। जापान में 85% और दक्षिण कोरिया में 73% बच्चे निकट दृष्टि दोष से ग्रस्त हैं, जबकि चीन और रूस में 40% से अधिक बच्चे इससे प्रभावित हैं। मायोपिया के बारे में जानिए नेत्र रोग विशेषज्ञों के मुताबिक मायोपिया (निकट दृष्टिदोष) आंखों की गंभीर समस्या है, जिसमें रोगी को अपने निकट की वस्तुएं तो स्पष्ट रूप से देखती हैं, लेकिन दूर की वस्तुएं धुंधली दिखाई पड़ती हैं। इसमें आंख का आकार बदल जाता है। सामान्यतौर पर आंख की सुरक्षात्मक बाहरी परत कॉर्निया के बड़े हो जाने के कारण ऐसी समस्या हो सकती है। ऐसी स्थिति में आंख में प्रवेश करने वाला प्रकाश ठीक से फोकस नहीं कर पाता है। क्यों बढ़ रहे हैं मायोपिया के मामले 'द लैंसेट डिजिटल हेल्थ जर्नल' में प्रकाशित अध्ययन में शोधकर्ताओं ने बताया था कि स्क्रीन टाइम ने बच्चों और युवाओं में मायोपिया के जोखिम को पहले की तुलना में काफी बढ़ा दिया है। स्मार्ट डिवाइस की स्क्रीन पर बहुत अधिक समय बिताना मायोपिया के खतरे को 30 फीसदी तक बढ़ा देता है। इसके साथ ही कंप्यूटर के अत्यधिक उपयोग के कारण यह जोखिम बढ़कर लगभग 80 प्रतिशत हो गया है। इसके अलावा कोरोना महामारी की नकारात्मक स्थितियों जैसे लोगों को ज्यादा से ज्यादा समय घरों में बीतना, बाहर खेलकूद में कमी और ऑनलाइन क्लासेज के कारण आंखों से संबधित इस रोग के मामले और भी बढ़ गए हैं।  Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 88

बदलते मौसम में विटामिन सी से बने फेस पैक लगा निखारें अपनी स्किन

मौसम बदलते ही आपकी स्किन खराब होने लगती है। खाने- पने के साथ आपको अपनी स्किन की भी खास देखभाल करने की जरुरत होती है। विटामिन सी सिर्फ आपकी हेल्थ के लिए ही नहीं बल्कि आपकी स्किन के लिए भी काफी अच्छी होती है। विटामिन सी कई तरह की खाने की चीज़ों में होता है। स्किन के हिसाब से अगर आप विटामिन सी वाला फेस मास्क अपने चेहरे पर लगाएंगी तो आपकी स्किन पर चमक आ जाएगी। किसी भी घरेलू फेस मास्क को चेहरे पर इस्तेमाल करने से पहले आप उसका पैच टेस्ट जरुर कर लें। ऐसा करने से आपकी स्किन पर एलर्जी का खतरा नहीं रहेगा। अगर आप अपनी स्किन ग्लोइंग, फेयर और शाइनी देखना चाहती हैं तो मौसम में जब बदलाव आ रहा हो तो आपको जो भी फेस मास्क सूट करे आप उसे जरुर यूज़ करें। संतरे के छिलके से बनाएं विटामिन सी फेस मास्क : संतरे में विटामिन सी होता है ये तो सब जानते हैं। लेकिन संतरे का छिलका भी काफी फायदेमंद होता है। अगर आपकी स्किन को संतरा सूट करता हो यानि कोई एलर्जी ना हो तो आप संतरे के छिलके से भी फेस पेक बना सकती हैं। संतरे के छिलके से बना विटामिन सी फेस मास्क आपको ग्लोइंग और क्लीयर स्किन देगा जिससे आपकी त्वचा पर निखार नज़र आएगा। सबसे पहले इसके छिलके को धूप में सुखाकर लें फिर इसे पीसकर पाउडर बनाकर किसी जार में स्टोर कर लें। अब 1 बड़े चम्मच संतरे के छिलके के पाउडर में 2 बड़े चम्मच दही या दूध मिलाकर (जो भी आपकी स्किन को सूट करे) वैसे ऑयली स्किन के लिए दही और ड्राय स्किन के लिए दूध का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे मिक्स करके आप फेस मास्क बना लें और फिर उसे अपनी गर्दन और चेहरे पर लगाएं जब सूख जाए तो पानी से उसे साफ कर लें। आप ये फेस पेक डेली भी यूज़ कर सकती हैं। बस संतरे के छिलकों को धूप में सूखाकर आप एक जार में उसका पाउडर जरुर भर लें। टमाटर से ऐसे बनाएं विटामिन सी फेस मास्क : कई बार मौसम बदलने से भी स्किन टैन होने लगती है। ऐसे में आपकी स्किन के लिए टमाटर सबसे फायदेमंद होता है। टमाटर ना सिर्फ स्किन टेनिंग को हटा़ता है बल्कि ये आपकी स्किन पर पड़ने वाली उम्र की लकीरों को भी कन्ट्रोल करता है। टमाटर वाला विटामिन सी फेस मास्क बनाने के लिए आप टमाटर को आधा काटकर आप उसका पेस्ट बनाकर एक कटोरी में डालें। टमाटर का गूदा भी बेहतर होगा फिर आप इसमें 2 बड़े चम्मच खीरे का रस और 1 बड़ा चम्मच शहद मिलाकर इसका पेस्ट बना लें और फिर स्किन पर लगाएं और जब सूख जाए तो पानी से धो लें। वैसे ये फेस मास्क ऑयली स्किन के लिए ज्यादा फायदेमंद होता है। नींबू से बनाएं विटामिन सी वाला फेस मास्क : विटामिन सी से भरपूर नींबू जितना खट्टा होता है उतना ही फायदेमंद भी होता है। अगर आप अपनी स्किन पर चमक देखऩा चाहती हैं और आपकी स्किन के दाग-धब्बे जाने का नाम नहीं ले रहे या बदलते मौसम से आपकी स्किन खराब हो रही है तो आप नींबू वाला फेस मास्क लगा सकती हैं। इसे आप दो तरीके से इस्तेमाल कर सकती हैं। पहला, 2 बड़े चम्मच पाइनेपल का गुदा लें और इसे अच्छी तरह मसल लें। इसमें 1 बड़ा चम्मच नींबू का रस मिलाकर लगाएं। 5-10 मिनट बाद धो लें। दूसरा, अगर आपकी स्किन ऑयली है, तो 1 बड़े चम्मच नींबू के रस में 1 बड़ा चम्मच गुलाबजल मिलाकर लगाएं। कीवी से बनाएं विटामिन सी वाला फेस मास्क : कई महिलाओं की स्किन पर मौसम बदलने की वजह से ड्रायनेस हो जाती है जिसकी वजह से उन्हें इचिंग होती है और उनकी स्किन पर खुजली होने लगती है। इसके बाद स्किन पर दाने आ जाते हैं और स्किन खराब हो जाती है ऐसे में आपको कीवी वाला फेस पेक जरुर मदद करेंगा लेकिन फेस मास्क लगाने से पहले ये जरुर टेस्ट कर लें की आपकी स्किन पर कीवी से एलर्जी ना हो। कीवी वाला फेस मास्क घर पर बनाने के लिए आप एक कटोरी में कीवी का छिलका उतारकर उसका गूदा बना लें। फिर आप इसमें 2 चम्मच दही डालकर उसका पेस्ट बना लें और उसे हर फेस मास्क की तरह स्किन पर अप्लाई करें। सूखने के बाद फेस मास्क को पानी से हटा लें। ये सभी फेस मास्क आपकी स्किन के लिए हेल्दी है लेकिन आपकी ऑयली स्किन है या ड्राय स्किन है या फिर आपको एलर्जी तो नहीं है ये सब बाते ध्यान में रखकर ही आप कोई भी फेस मास्क इस्तेमाल करें। अगर आप अपनी स्किन को हेल्दी बनाना चाहती हैं तो आप ये घरेलू फेस पैक इस्तेमाल कर सकती हैं।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 27

बस रोज़ाना शुरू कर दें ये जरूरी काम, हार्ट से जुड़ी बीमारियां होंगी दूर

भागदौड़ भरी जिंदगी में दिल की बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं. पहले इसका खतरा सिर्फ बुजुर्गों तक ही सीमित था लेकिन अब युवाओं को भी अपनी चपेट में ले रहा है. काम का तनाव, अनियमित दिनचर्या और खराब खानपान की वजह से युवाओं का दिल कमजोर हो रहा है. 25-40 साल के नौजवान भी हार्ट डिजीज का शिकार हो रहे हैं, जबकि  हेल्दी लाइफ के लिए दिल का दुरुस्त होना सबसे जरूरी है. ऐसे में अगर रोजाना सिर्फ दो काम करें तो दिल हमेशा स्वस्थ रहेगा और इससे जुड़ी बीमारियां आसपास भी नहीं फटकेंगी. तो चलिए जानते हैं इन दोनों काम के बारें में… फिजिकल एक्टिविटीज शारीरिक गतिविधि यानी एक्सरसाइज हार्ट के लिए वरदान है. यह न केवल दिल को स्वस्थ रखती है, बल्कि ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को भी कंट्रोल करती है. डॉक्टरों के अनुसार, रोजाना कम से कम 30 मिनट का वर्कआउट करना चाहिए. इसमें टहलना, दौड़ना, साइकिल चलाना, योग या कोई अन्य एक्टिविटीज भी शामिल कर सकते हैं. इससे दिल हमेशा हेल्दी रहता है और बीमारियां उससे दूर ही रहती हैं. हेल्दी डाइट स्वस्थ आहार दिल के लिए बहुत जरूरी है. हर किसी को रोजाना ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज और कम वसा वाले फूड्स खाने चाहिए. डॉक्टरों के अनुसार, रोजाना कम से कम 5 सर्विंग फल और सब्जियां खानी चाहिए. इसके अलावा  नमक और चीनी का सेवन कम करना चाहिए. फास्ट फूड या बाजार की खुली चीजें खाने से भी बचना चाहिए, क्योंकि हार्ट डिजीज का सबसे ज्यादा खतरा खानपान से ही बढ़ता है. दिल को हेल्दी रखने के लिए इन चीजों से बनाएं दूरी बाहर का खाना अवॉयड करने की कोशिश करें. अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स, जंक फूड और रिफाइंड फूड्स खाना पूरी तरह बंद कर दें. खाने में नमक और चीनी जितना हो सके कम करें. हार्ट को हेल्दी रखने के कुछ अन्य तरीके धूम्रपान और शराब का सेवन बंद करें. तनाव कम करने के लिए योग और मेडिटेशन करें रेगुलर हेल्थ चेकअप करवाएं. हार्ट डिजीज के लक्षण नजर आने पर तुरंत इलाज करवाएं. Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 33

इन स्मार्ट टिप्स से मिनटों में फुल चार्ज होगा आपका स्मार्टफोन

आपको कई बार कहीं जाना होता है और आपके पास फोन चार्ज करने का समय नहीं है। आप चाहते हैं कि आपका स्मार्टफोन जल्दी से चार्ज हो जाए। कई बार आपको भी लगता होगा कि आपका स्मार्टफोन बहुत स्लो चार्ज हो रहा है। इसके लिए आपको हम कुछ आसान टिप्स बताने जा रहे हैं जिसकी मदद से आप अपने स्मार्टफोन को जल्द से जल्द चार्ज कर सकेंगे। स्मार्टफोन के ऑरिजिनल चार्जर से ही करें चार्ज कई बार हम अपने स्मार्टफोन को किसी भी चार्जर से चार्ज कर लेते हैं। जबकि ऐसा बिलकुल नहीं करना चाहिए। स्मार्टफोन को चार्ज करने से पहले उसके चार्जर के एम्पियर और वोल्ट को जरूर चेक कर लें। अगर सही एम्पियर या वोल्ट का चार्जर नहीं होगा तो फोन बहुत स्लो चार्ज होगा। इसके अलावा बैटरी के खराब होने का खतरा भी बरकरार रहेगा। लैपटॉप या पीसी से न करें चार्ज कई बार हम अपने लैपटॉप या पीसी से ही अपना फोन चार्ज करने लगते हैं। लेकिन यदि आप अपने स्मार्टफोन को तेजी से चार्ज करना चाहते हैं तो आप इसे सीधे वॉल आउटलेट (यानी चार्जिंग प्वाइंट) पर चार्जिंग के लिए लगाएं। फास्ट चार्जर का करें इस्तेमाल स्मार्टफोन को तेज चार्ज करने के लिए आप फास्ट चार्जर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। ये तेजी से चार्जिंग के लिए एम्पीयर और वोल्टेज को बढ़ा देता है। लेकिन यह तभी संभव है जब आपका फोन इसे सपोर्ट करे। बैटरी की कैपेसिटी के हिसाब से चुनें पावर बैंक कई स्मार्टफोन्स में उच्च क्षमता की बैटरी लगी होती है। ऐसे में इन स्मार्टफोन्स को चार्ज करने के लिए 10, 000 एमएएच की क्षमता वाले पावर बैंक का ही इस्तेमाल करें।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 40