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वाशिंगटन

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) को लेकर NASA भी टेंशन में आ गया है। आईएसएस में पिछले पांच साल से हल्का लीकेज जारी था। हालांकि अब पता चला है कि कम से कम 50 जगहों पर लीकेज की समस्या है। इसके अलावा आईएसएस में दरारें भी आ रही हैं। नाआस की एक जांच रिपोर्ट लीक हो गई जिसमें पता चला कि आईएसएस पर खतरा मंडरा रहा है। साथ ही सुनीता विलियम्स समेत यहां के अंतरिक्षयात्रियों की भी जान पर बनी हुई है।

रूस ने पृथ्वी की कक्षा में घूमते लैब में माइक्रो वाइब्रेशन का भी दावा किया है। नासा का कहना है कि स्पेस स्टेशन से बड़ी मात्रा में हवा निकल रही है जो कि खतरे की घंटी है। हालांकि यहां लोगों की जान बचाने और इसका कोई समाधान निकालने की कोशिश की जा रही है। जानकारी के मुताबिक आईएसएस में पिछले पांच साल से लीकेज की समस्या है

सबसे पहले लीकेज स्पेस स्टेशन में मौजूद यवेज्दा मॉड्यूल से शुरू हुई थी जो कि डॉकिंग पोर्ट तक जाने के लिए एक सुरंग है। इस हिस्सा का कंट्रोल रूस के हाथ में है। हालांकि इस समस्या को लेकर असली वजह क्या है, इसपर नासा और रूसी एजेंसी Roscomos के बीच अभी सहमति नहीं बन पाई है।सीएनएन के मुताबिक नासा के अंतरिक्षयात्री बॉब कैबाना ने कहा कि स्पेस एजेंसी ने इस लीकेज को लेकर चिंता जाहिर की है।

कैबाना ने कहा कि लीकेज को रोकने के लिए ऑपरेशन चलाना कुछ समय के लिए राहत दिला सकता है लेकिन यह स्थायी समाधान नहीं है। अमेरिका का कहना है कि यह सुरक्षित नहीं है। सबसे पहले 2019 में लीकेज का पता चला था। इसके बाद अप्रैल 2024 से रोज 1.7 किलो की दर से हवा लीक होने लगी। आम तौर पर आईएसएस में सात से 10 अंतरिक्षयात्री रहते हैं । रूस के इंजीनियर्स ने माइक्रो वाइब्रेशन की बात कही है। इस खतरे को टालने के लिए नासा ने कुछ कदम उठाए हैं। इसके अलावा यहां मौजूद अंतरिक्षयात्रियों को भी अतिरिक्त सावधानी रखने की सलाह दी गई है।

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