मध्य प्रदेश में अनूठी पहल: डॉग संरक्षण को लेकर प्रदेश में लगायें जा रहें डॉग मेला 

मध्य प्रदेश में अनूठी पहल: डॉग संरक्षण को लेकर प्रदेश में लगायें जा रहें डॉग मेला 

Unique initiative in Madhya Pradesh: Dog fairs are being organised in the state for the protection of dogs 

  • रैंप पर जलवा बिखेरेंगे एक से बढ़कर एक क्यूट डॉग

भोपाल । जबलपुर में एक राष्ट्रीय स्तर का डॉग शो हो रहा है. इसमें देश भर से 350 डॉग्स और उनके पालक हिस्सा ले रहे हैं. आयोजकों का कहना है कि इस आयोजन में कुछ डॉग्स 1000 किलोमीटर दूर से भी सफर तय करके पहुंच रहे हैं. कुत्तों की अलग-अलग प्रजातियों को जज करने के लिए भारत के दो और ऑस्ट्रेलिया से एक जज भी आए हुए हैं. यह शो जबलपुर में 9 नवंबर और 10 नवंबर को आयोजित किया जाएगा.

शो में 350 डॉग्स होंगे शामिल

जबलपुर में एक केनाल शो आयोजन किया जा रहा है. इस केनाल शो में भारत में पाई जाने वाली लगभग 35 देसी और विदेशी प्रजातियों के साढे़ 300 डॉग्स आ रहे हैं. इस दौरान इन्हें पालने वाले भी जबलपुर पहुंच रहे हैं. यह आयोजन जबलपुर के स्पोर्ट क्लब में हो रहा है. इन डॉग्स को दो दिनों तक जबलपुर में रखा जाएगा. जबलपुर में एक कैनल सोसाइटी है, जो इस शो का आयोजन करती है. इस समिति के सेक्रेटरी डॉ. अंकुर चौधरी ने बताया, ”इस शो में पहली बार एक ऑस्ट्रेलियन शेफर्ड डॉग शामिल हो रहा है, जो जमशेदपुर से जबलपुर आ रहा है. प्रयागराज से रामपुर हट प्रजाति के डॉग्स आ रहे हैं. इसके साथ ही एक बार फिर दक्षिण भारत की राजापलायम ब्रीड के डॉग्स भी इसमें शामिल होंगे.

डॉग शो में हर कुत्ते को किया जाएगा जज

इस डॉग शो में हर डॉग को जज भी किया जाएगा. यह जजमेंट बहुत बारीक होता है और इसके विशेष जज होते हैं. भारत में पंजाब के योगेश टुटेजा डॉग्स के बड़े जानकार माने जाते हैं. उन्होंने देश-विदेश के कई डॉग शो में जजमेंट दिए हैं. योगेश टुटेजा का कहना है, ”कुत्ता पालना एक साधना की तरह है, जब हम किसी ब्रीड का सिलेक्शन करते हैं तो हमें यह जानकारी होनी चाहिए कि इसके डॉग्स किस काम में आते हैं. हम उन्हें घर के अंदर पालना चाहते हैं या घर के बाहर. इसके साथ ही डॉग उसकी प्रजाति में कितना प्योर है, इसका भी जजमेंट किया जाता है.

विदेशों में बढ़ रही है भारतीय कुत्तों की मांग

योगेश टुटेजा ने आगे बताया, ”इसके साथ ही कुत्ते की तंदुरुस्ती और उसके अनुशासन को भी परखा जाता है. इसी के आधार पर यह तय किया जाता है कि कौन सा डॉग स्पेशल है और कौन सा डॉग नॉर्मल है.” पहले हमारे समाज में कुत्ते जरूरत के लिए पाले जाते थे, लेकिन अब यह शौक बन गया है. ऐसे डॉग शो कुत्ते पालने के शौकीन लोगों के लिए सीखने का अच्छा मौका होते हैं. अच्छी बात यह है कि विदेशी नस्ल के साथ-साथ भारतीय नस्ल के कुत्तों को भी लोग शौक से पाल रहे हैं और केवल देश ही नहीं विदेशों में भी इन कुत्तों की मांग बढ़ी है.

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