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Can frequent fatigue and lack of appetite be a warning of fatty liver? Know how prevention is possible

fatty liver symptoms prevention हमारे शरीर का एक अदृश्य योद्धा — लिवर — न केवल पाचन प्रक्रिया में सहायक होता है, बल्कि यह विषैले तत्वों को बाहर निकालने और ऊर्जा संचय करने जैसे कई आवश्यक कार्य करता है। लेकिन आज की अनियमित जीवनशैली, फास्ट फूड का बढ़ता चलन और शारीरिक सक्रियता की कमी ने फैटी लीवर जैसी बीमारी को आम बना दिया है।

  • फैटी लीवर क्या है?
    जब लिवर की कोशिकाओं में वसा (फैट) सामान्य से अधिक मात्रा में जमा होने लगती है, तो इसे फैटी लीवर कहा जाता है। यह दो प्रकार का होता है:
  • अल्कोहोलिक फैटी लीवर डिजीज: जो अधिक शराब सेवन के कारण होता है।
    नॉन-अल्कोहोलिक फैटी लीवर डिजीज (NAFLD): यह बिना शराब पीए भी हो सकता है, और आजकल तेजी से फैल रहा है।

NAFLD से अधिकतर वही लोग ग्रस्त होते हैं जो मोटापे, टाइप 2 डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल, या खराब डाइट का शिकार हैं।

शुरुआती लक्षणों को न करें नजरअंदाज fatty liver symptoms prevention
फैटी लीवर चुपचाप बढ़ने वाली बीमारी है। इसके लक्षण बहुत सामान्य हो सकते हैं, जैसे:

  • लगातार थकान और सुस्ती
    लिवर की कार्यक्षमता प्रभावित होने पर शरीर को पर्याप्त ऊर्जा नहीं मिलती।
  • भूख में कमी और वजन घटना
    पाचन क्रिया धीमी हो जाती है, जिससे खाने में मन नहीं लगता।
  • पेट के ऊपरी हिस्से में भारीपन या दर्द
    खासतौर पर दाहिने हिस्से में हल्का दबाव या बेचैनी महसूस हो सकती है।
  • जी मिचलाना या हल्की मतली
    पाचन बिगड़ने पर यह लक्षण उभर सकता है।

गंभीर स्थिति में बदलने के संकेत
यदि समय रहते इलाज न हो, तो फैटी लीवर धीरे-धीरे नॉन-अल्कोहोलिक स्टीटोहेपेटाइटिस (NASH) का रूप ले सकता है, जिससे लिवर में सूजन और डैमेज शुरू हो जाता है। इसके संकेत हो सकते हैं:

  • आँखों और त्वचा में पीलापन (पीलिया)
  • पेट में पानी भरना
  • टांगों में सूजन
  • मानसिक भ्रम
  • चोट या घाव का देर से भरना

ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

  • बचाव है संभव, बस अपनाएं हेल्दी आदतें
    इस बीमारी से बचाव कठिन नहीं, यदि आप दिनचर्या में थोड़े बदलाव करें:
  • संतुलित और पौष्टिक आहार लें
    तली-भुनी चीजों, रिफाइंड शुगर और प्रोसेस्ड फूड से दूरी बनाएं। हरी सब्जियां, फल, दालें, और फाइबर युक्त भोजन को प्राथमिकता दें।
  • नियमित व्यायाम करें
    तेज़ चलना, योग, साइकलिंग जैसे हल्के-फुल्के व्यायाम भी असरदार हैं।
  • वजन को नियंत्रण में रखें
    मोटापा फैटी लीवर का बड़ा कारक है।
  • शराब और धूम्रपान से बचें

अगर आप बार-बार कमजोरी, थकान या भूख में कमी जैसा कुछ महसूस कर रहे हैं, तो इसे हल्के में न लें। यह फैटी लीवर की शुरुआती घंटी हो सकती है। आज का सच यही है — रोग को पहचानो, रोकथाम करो और लिवर को मजबूत बनाओ।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल जानकारी हेतु है। किसी भी तरह की चिकित्सकीय सलाह के लिए अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।

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