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 बिलासपुर

बिलासपुर हाईकोर्ट में शिवनाथ नदी में शराब फैक्ट्री के वेस्ट मटेरियल को छोड़ने और जल प्रदूषण के मामले में लगातार सुनवाई जारी है. जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस अमितेंद्र किशोर प्रसाद की बेंच के समक्ष पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट पेश की. सुनवाई में रिपोर्ट पेश कर बताया गया कि प्रदूषण कम हुआ है. जिस पर कोर्ट ने टीम बनाकर निगरानी करने निर्देशित किया है. अब मामले में 3 फरवरी, 2025 को अगली सुनवाई होगी.

पूरा मामला मुंगेली जिले धूमा स्थित भाटिया वाइन फैक्ट्री का है. फैक्ट्री के वेस्ट मटेरियल और दूषित पानी को नियमों का उल्लंघन करते हुए शिवनाथ नदी में छोड़ा जा रहा था। जिससे लाखों मछलियां मर गई. हाईकोर्ट ने इस पर मीडिया रिपोर्ट को आधार बनाकर जनहित याचिका मानते हुए सुनवाई शुरू की.

बिलासपुर हाईकोर्ट ने 23 सितंबर 2024 को मामले में दूषित पानी के स्त्रोत की पहचान का आदेश दिया था. जिसके बाद 23 अक्टूबर 2024 को केस में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि दूषित पानी कहां से बह रहा है, इसका पता नहीं लगाया जा सकता है. हालांकि नदी में पानी की गुणवत्ता में सुधार देखा गया है.

कोर्ट ने इसे देखते हुए 16 दिसंबर, 2024 को आगे की निगरानी के लिए फिर से सूचीबद्ध किया था। जिसमें पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से शासकीय अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि 21 नवंबर और 4 दिसंबर को जांच कर रिपोर्ट पेश की गई, जिसमें पानी का स्तर सामान्य पाया गया। वहीं कोर्ट ने पानी की स्थिति पर टीम बनाकर निगरानी करने निर्देशित दिया है.

बता दें कि धूमा के पास शिवनाथ नदी में मछलियां मरी हुई मिली थी. शराब फैक्ट्री के अपशिष्ट से दूषित पानी छोड़ने से मौत की आशंका जताई गई. कुछ महीने पहले पथरिया एसडीएम भरोसा राम ठाकुर ने भाटिया शराब फैक्ट्री मर्चेंट के प्रबधंक को नोटिस जारी किया था. एसडीएम ने शराब फैक्ट्री के दूषित पानी को नदी में छोड़ने से जलीय जीव जंतु के खतरे को लेकर आशंका जताई थी.

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