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छतरपुर
 बाबा बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री यूं तो हमेशा सुर्खियों में रहते हैं। अब एक बार फिर वह अपने बयानों को लेकर चर्चा में हैं। फिलहाल वह बिहार के मुजफ्फरपुर में कथा कह रहे हैं। मंगलवार रात उन्होंने दिव्य दरबार लगाया।

जातिवाद की चर्चा पर क्या बोले

उन्होंने कहा कि देश में जातिवाद के नाम पर चर्चा हो रही है, हमें जातिगत जनगणना से दिक्कत नहीं है। हम चाहते हैं कि भारत की जातियों की गिनती के बजाए ये गिनती की जाए, अमीर कितने हैं, गरीब कितने हैं, ताकि गरीबों के लिए कुछ किया जाए। कंधों से ऊंची छाती नहीं होती और धर्म से जुड़ी जाति नहीं होती। आगे उन्होंने कहा कि ऐसा होगा तो गरीब का भला होगा, क्षेत्र का विकास होगा, प्रदेश का विकास होगा, देश का विकास होगा, तब भारत विश्वगुरु होगा।

पहलगाम हमले पर भी खूब बोले

बाबा ने कहा कि पहलगाम में धर्म पूछकर मारा गया। धर्म विरोधियों के, बिगड़ैल औलाद के रूप में पाकिस्तान ने अपना बुरा चेहरा दिखाया। ये 1965, 1971 का भारत नहीं है। ये 2025 का भारत है, जिसने घर में घुसकर मारा। हमारी माताओं के सुहाग को उजाड़ा। हमें गर्व है, भारत की आर्मी पर, सेना पर, जिसने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर घर में घुसकर मारा।

हम लोग चाइना के चार्जर पर भरोसा नहीं करते

बाबा बागेश्वर ने कहा कि एक दिन मैं घर पर टीवी देख रहा था, जब भारत की सेना पाकिस्तान पर मिसाइल छोड़ रही थी, तब मैं हंस रहा था और बोल रहा था कि सिंदूर तो झांकी है, हल्दी, मेहंदी बाकी है। पाकिस्तान कितना पागल है, हम लोग चाइना के चार्जर पर भरोसा नहीं करते, वे चाइना के मिसाइल पर भरोसा कर रहे हैं।

देश की बहनों ने घर में घुसकर मारा

धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि देश की बहनें काफी ताकतवर हैं। पाकिस्तान में घुसकर मारा। जिस देश की बेटियां इतनी खतरनाक हैं, उस देश के बेटों से फंस जाएगा तो क्या होगा। मुझे सबसे अच्छा बिहार लगता है, मेरा बस नहीं चलता नहीं तो यहीं मठ बना लेता। बिहार वालों चिंता मत करो, जब तक रहेंगे तुम्हारा पीछा नहीं छोड़ेंगे।

दिव्य दरबार में बाबा ने कई भक्तों की अर्जियां सुनीं और उनकी समस्याओं का समाधान किया. उन्होंने भीड़ से सीतामढ़ी के राजकुमार, शिवम नाम के एक भक्त, दो महिलाओं और एक संत के छोटे बेटे को मंच पर बुलाया. खास बात यह रही कि बाबा ने भक्तों की समस्याएं बिना पूछे पहले ही पर्चे पर लिख दीं और फिर उन्हें मंच पर बुलाकर समाधान बताया.

सीतामढ़ी के एक संत ने बताया कि वह और उनका बेटा पूजा-पाठ के साथ श्रद्धा से दरबार में आए थे. बेटे की जिद पर उसे साथ लाए, और आश्चर्यजनक रूप से बेटे की अर्जी स्वीकार हुई, जिसके कारण उन्हें भी बाबा से मिलने का मौका मिला. संत ने अपनी पारिवारिक परेशानियों का जिक्र किया, जिसे बाबा ने पहले ही पर्चे पर लिख लिया था.

इसी तरह, छपरा से अपनी मां के साथ आई एक युवती की पर्ची भी निकाली गई. बाबा ने उसकी समस्या को बिना पूछे लिख लिया और फिर उसे मंच पर बुलाकर समाधान का आशीर्वाद दिया. दरबार में भक्तों ने सामूहिक अर्जी लगाने या दिव्य दरबार आयोजित करने का विकल्प चुना, जिसके बाद बाबा ने दिव्य दरबार लगाया.

पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने अपने संबोधन में पहलगाम हमले पर तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, "धर्म पूछकर मारा गया, धर्म विरोधियों ने. पाकिस्तान ने अपना चेहरा दिखाया. ये पुराना भारत नहीं, 2025 का भारत है, जो घर में घुसकर मारता है."

उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा, "पाकिस्तान ने हमारी बहनों का सुहाग उजाड़ा, हमने ऑपरेशन सिंदूर चलाया. ये तो झांकी है, हल्दी-मेहंदी अभी बाकी है."

जातीय जनगणना पर भी बाबा ने अपनी राय रखी. उन्होंने कहा, "हमें जातीय जनगणना चाहिए, लेकिन अमीर और गरीब की गणना होनी चाहिए, ताकि पता चले कि गरीब कितने हैं. कंधों से ऊंची छाती नहीं होती और धर्म से बड़ी जाति नहीं होती." उन्होंने भक्तों से अपील की, "आप लोग साथ दो, भारत को हिंदू राष्ट्र बना देंगे."

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