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सिवनी
 लापरवाही को लेकर मिली शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस अधीक्षक सुनील मेहता ने कान्हीवाड़ा थाना प्रभारी ओमेश्वर ठाकरे को लाइन अटैच किया है। बताया जा रहा है कि कथित कॉल रिकॉर्डिंग को लेकर शिकायत पर यह कार्रवाई की गई है। मामला मवेशी तस्करी से जुड़ा बताया जा रहा है।

ठाकरे की जगह भोपाल क्राइम ब्रांच में रहे प्रीतम सिंह तिलगाम को पदस्थ किया गया है। ज्ञात हो कि इससे पहले जिले के बंडोल व कुरई थाना प्रभारी को भी लाइन अटैच किया गया था। कुरई से पुलिस लाइन बुलाए गए नगर निरीक्षक लक्ष्मण सिंह झारिया को घंसौर की कमान दी गई है। वहीं छपारा थाना का प्रभार खेमेंद्र जैतवार को दिया गया है।

क्या है वायरल ऑडियो में?

सबसे पहले तो हम आपको बता दें कि किसी तरह से इस वायरल ऑडियो क्लिप की पुष्टि नहीं करता है, लेकिन वायरल ऑडियो में भाजयुमो नेता मयूर दुबे और थाना प्रभारी ओमेश्वर ठाकरे के बीच जो कथित बातचीत हुई है, उसमें दुबे कथित रूप से कह रहे हैं कि "जितने अपने दुश्मन हैं ना जो हिंदुत्व की आड़ में गलत काम करते हैं उनको लपेटने के लिये सबको मिलकर एक कहानी बनाएं अपन उसमें अंडरग्राउंड रूप से आपकी सहायता लगेगी… बताओ ना… कुछ नहीं है… जो गौ तस्कर रहते हैं बाहर प्रदेशों के वो चाहिये अपने को… ठीक है ना… पैसे देंगे, अपन सब खर्चा करेंगे उनको 4-5 नंबरों पर पैसे डालना है और व्हाट्सऐप मैसेज करना है… तुम्हारे पर्सनल नंबर पर डाल रहा हूं… अब कहीं गाड़ी रूकना नहीं चाहिये… हां… हां… ये एडवांस है बाकी पैसा कैश देंगे… बाद में इन लोगों को घसीटकर पीटेंगे, जिन्होंने आपके खिलाफ शिकायत की या मेरे खिलाफ सिंडिकेट बनाया."

दूसरी क्लिप भी वायरल

एक और ऑडियो में थाना प्रभारी कथित तौर पर कथित भाजयुमो नेता से यह कहते सुने गए हैं कि उन्होंने विश्व हिंदू परिषद (VHP) और सहयोगी संगठनों के शीर्ष नेताओं को सिवनी के कुछ लोगों, खासकर माधव दुबे और दीपक यादव, की कथित गलत गतिविधियों की जानकारी दी है.

हम एक बार फिर यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि इस ऑडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता, लेकिन यदि क्लिप सही साबित होती है तो यह मामला कई अहम सवाल खड़े करता है.

भाजयुमो और हिंदू संगठनों (विशेषकर गौ रक्षक ब्रिगेड) के बीच आंतरिक टकराव, अंतरराज्यीय गौ तस्करों और कुछ पुलिसकर्मियों के बीच कथित गठजोड़, इसके अलावा कुछ पुलिस अधिकारियों की RSS और VHP के शीर्ष नेतृत्व तक पहुंच. ये ऐसे सवाल हैं जो इस मामले की वजह से उठ सकते हैं.
सिवनी क्यों है अहम?

  • महाराष्ट्र सीमा से लगे सिवनी जिले को मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों से महाराष्ट्र और हैदराबाद के लिए हो रही गौ तस्करी का प्रमुख मार्ग माना जाता है.
  •     MP पुलिस मुख्यालय द्वारा जून 2024 में जारी आंकड़ों के अनुसार, जनवरी से जून 2024 के बीच राज्यभर में गौ तस्करी और अवैध वध के 500 से ज्यादा मामले दर्ज हुए, जिनमें सबसे ज्यादा 55 केस सिवनी में दर्ज हुए.
  •     यहां 99 लोगों की गिरफ्तारी, 1301 पशुओं की बरामदगी और 38 वाहनों की जब्ती हुई.
  •     राज्य पुलिस के एक अधिकारी के मुताबिक, लगभग 70% मामलों में पशुओं को यूपी और राजस्थान से नागपुर और हैदराबाद ले जाया जाता है, जिसमें सिवनी जैसे जिले ट्रांजिट पॉइंट होते हैं. केवल 30% मामलों में स्थानीय तस्कर शामिल होते हैं.

पहले भी हो चुकी है सिवनी में हिंसा और प्रशासनिक कार्रवाई

मई 2022 में सिवनी के कुरई क्षेत्र में गौ मांस मिलने पर दो गोंड आदिवासियों की कथित तौर पर गौ रक्षकों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. जून 2024 में, सिवनी के धनोरा और काकरतला के जंगलों में 54 गौवंशों के शव मिले थे, जिनके सिर और अंग काटे गए थे. इस घटना ने जिले में भारी तनाव फैला दिया था और प्रशासनिक लापरवाही के आरोपों के बाद कलेक्टर और एसपी को हटाया गया था.

जानिए SP ने क्या कहा?

अब वायरल ऑडियो से एक बार फिर सिवनी सुर्खियों में है. पुलिस अधीक्षक ने कहा है कि क्लिप की जांच के आदेश दिए गए हैं और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए थाना प्रभारी को लाइन अटैच किया गया है। सवाल यह है कि क्या सिवनी में पुलिस और तस्करों का गठजोड़ हिंदुत्व की राजनीति करने वालों को निशाना बना रहा है या यह सिर्फ सत्ता संघर्ष की एक और कड़ी है? जवाब जांच के बाद सामने आएगा.

 

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