Madhya Pradesh: Big game in education department, 1.46 lakh government employees made inactive, investigation started
भोपाल। मध्यप्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग में बड़ी अनियमितता सामने आई है, जिसमें राज्य के अलग-अलग जिलों में लगभग 1 लाख 46 हजार 333 सरकारी कर्मचारियों को अचानक “इनएक्टिव” कर दिया गया है। कर्मचारियों द्वारा इस मामले की शिकायत किए जाने के बाद ही विभाग ने मामले को संज्ञान में लिया और अब जांच की तैयारी की जा रही है। जांच के बाद दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
कैसे हुआ यह मामला?
एजुकेशन पोर्टल पर यह अनियमितता तब सामने आई जब लगभग 2 लाख शिक्षा विभाग के कर्मचारियों को इनएक्टिव कर दिया गया। विभाग ने अपनी ओर से कर्मचारियों को इनएक्टिव करने के लिए विभिन्न कारण दिए। इनमें 22 हजार 672 कर्मचारियों को मृत घोषित किया गया, जबकि 1 लाख 2 हजार 637 कर्मचारियों को सेवानिवृत्त मानकर इनएक्टिव किया गया। इसके अलावा, 2781 कर्मचारियों को “टर्मिनेट” यानी सेवा समाप्त बताकर हटा दिया गया, और 18 हजार 243 कर्मचारियों को इस्तीफा देने का हवाला देकर उनके नामों को पोर्टल से हटा दिया गया।
कर्मचारियों की शिकायत के बाद विभाग हरकत में
इस बड़े पैमाने पर हुई इनएक्टिव कार्रवाई के बाद प्रभावित कर्मचारियों ने शिक्षा विभाग से शिकायत की, जिसके बाद ही विभाग ने अपनी गलती मानी और इस मामले की जांच करने का निर्णय लिया। विभाग ने इस कार्रवाई के लिए जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों के नाम और पदों की जानकारी मांगी है।

आगे की कार्रवाई और विभाग पर उठ रहे सवाल
जांच के बाद दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने की बात कही गई है, लेकिन इस घटना ने शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। यह पहली बार है जब इतनी बड़ी संख्या में कर्मचारियों को एक साथ इनएक्टिव किया गया है।
शिक्षा विभाग पर सवालों की बौछार
इस मामले के बाद शिक्षा विभाग सवालों के घेरे में आ गया है कि इतनी बड़ी गलती कैसे हुई और इसकी जिम्मेदारी किसकी है। कर्मचारियों को अचानक इनएक्टिव करने का कारण समझ से परे है, और इससे यह भी अंदेशा जताया जा रहा है कि पोर्टल पर डेटा एंट्री और सत्यापन में भारी गड़बड़ी हुई है।
इस तरह की अनियमितता ने कर्मचारियों में असुरक्षा का माहौल पैदा कर दिया है और पूरे प्रदेश में इस घटना की तीखी आलोचना हो रही है। अब देखना होगा कि जांच में कौन दोषी साबित होता है और क्या सुधारात्मक कदम उठाए जाते हैं ताकि भविष्य में इस प्रकार की अनियमितता न हो।

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