भोपाल
मध्यप्रदेश ने विगत वर्षों में देश में टेक डेस्टिनेशन के रूप में स्वयं को तेजी से स्थापित किया है। आईटी, आईटीईएस और इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन एंड मैन्युफैक्चरिंग (ईएसडीएम) क्षेत्रों में उल्लेखनीय निवेश आकर्षित करते हुए राज्य में निवेश प्रतिबद्धताओं को जमीनी स्तर पर बदलने की दिशा में प्रभावशाली कार्य हुआ है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग अंतर्गत मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिकस विकास निगम (एमपीएईडीसी) के नेतृत्व में निवेश संवर्धन टीम की प्रभावी भूमिका ने इस बदलाव को संभव बनाया है। इसके परिणामस्वरूप रोजगार के नए अवसर सृजित और तकनीकी आधारभूत संरचना भी सशक्त हुई है।
राज्य के दो उभरते तकनीकी केंद्र इंदौर और भोपाल इन क्षेत्रों में निवेश के लिये आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं। एलटीआई माइंड-ट्री, पंचशील रियल्टी और कॉग्निजेंट जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों ने इंदौर में आईटी और इंफ्रॉस्ट्रक्चर विकास के क्षेत्र में भरोसे के साथ निवेश किया है, वहीं भोपाल ने इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग, नॉलेज प्रोसेस आउटसोर्सिंग (केपीओ), बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग (बीपीओ) और डाटा सेंटर की स्थापना के लिए निवेशकों को आकर्षित किया है।
इंदौर में पंचशील रियल्टी द्वारा एक हजार करोड़ रूपये का निवेश और 15 हजार रोजगार सृजित
इंदौर में एलटीआई माइंड-ट्री द्वारा किए गए 870 करोड़ रुपये के बड़े निवेश से 10 हजार से अधिक रोजगार सृजित हुए हैं। यह निवेश उदाहरण है कि इंदौर शहर अब देश का एक प्रमुख टैलेंट हब बनता जा रहा है। इसी प्रकार, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपर पंचशील रियल्टी ने 1,000 करोड़ रुपये का निवेश कर 15 हजार रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए हैं। इसके अतिरिक्त, कॉग्निजेंट और हेक्सावेअर टेक्नोलॉजीज़ ने भी इंदौर और भोपाल में केपीओ और बीपीओ सेक्टर में क्रमशः 80 करोड़ रुपये और 50 करोड़ रुपये का निवेश कर दोनों शहरों की तकनीकी पहचान को और मजबूत किया है। इंदौर नवाचार केंद्र के रूप में लगातार विकसित हो रहा है। आईआईटी इंदौर में दृष्टि सीपीएस फाउंडेशन की स्थापना की जा रही है। यह अनुसंधान और उद्यमिता को प्रोत्साहित करने वाला एक उत्कृष्ट इनक्यूबेशन सेंटर होगा। मध्यप्रदेश तकनीकी प्रगति और स्टार्ट-अप संस्कृति के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करने की दिशा में निरंतर काम कर रहा है।
भोपाल में डाटा सेंटर कंपनी कंट्रोल एस का 500 करोड़ रूपये का निवेश
भोपाल की रणनीतिक स्थिति ने इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग और डाटा सेंटर के क्षेत्र में निवेशकों का विशेष ध्यान आकर्षित किया है। केयन्स टेक्नोलॉजी ने 352 करोड़ रुपये का निवेश और 2 हजार से अधिक रोजगार सृजित किए हैं। इसके साथ ही, प्रमुख डाटा सेंटर कंपनी कंट्रोल-एस ने 500 करोड़ रुपये का निवेश कर राज्य की डिजिटल इंफ्रॉस्ट्रक्चर को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है। आईटी/आईटीईएस क्षेत्र की कंपनी ज़ेबिया ने भी भोपाल में निवेश कर स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर प्रदान किये हैं।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग और एमपीएसईडीसी की संयुक्त पहल ने इन निवेशों को साकार करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। नीति क्रियान्वयन, आधारभूत संरचना विकास और उद्योग सहभागिता में विभागीय सक्रियता ने राज्य को आईटी, आईटीईएस और ईएसडीएम क्षेत्रों में एक संभावित गंतव्य से वास्तविक और समृद्ध निवेश स्थल में परिवर्तित कर दिया है। प्रगतिशील नीति ढांचे, कुशल मानव संसाधन की बढ़ती उपलब्धता और डिजिटल परिवर्तन के प्रति प्रतिबद्धता के साथ मध्यप्रदेश वह सफलता गढ़ रहा है, जो आने वाले समय में इन क्षेत्रों में विकास को नई परिभाषा देगी।

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