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नई दिल्ली
केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, देश में रोजगार 2014-15 में 47.15 करोड़ से 36 प्रतिशत बढ़कर 2023-24 में 64.33 करोड़ हो गया है, जो कि एनडीए कार्यकाल के दौरान रोजगार सृजन में सुधार को दर्शाता है। केंद्रीय मंत्री ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि यूपीए के कार्यकाल के दौरान भारत में रोजगार में लगभग 7 प्रतिशत की वृद्धि हुई और 2.9 करोड़ अतिरिक्त नौकरियां पैदा हुईं। वहीं, मोदी सरकार के तहत, 2014-24 के बीच 10 वर्षों में 17.19 करोड़ नौकरियां सृजित हुईं।

केंद्रीय मंत्री द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान अलग-अलग क्षेत्रों में रोजगार का सृजन हुआ। उन्होंने बताया कि 2014 से 2023 के बीच कृषि क्षेत्र में रोजगार में 19 प्रतिशत की वृद्धि हुई, वहीं यूपीए के कार्यकाल में 2004 से 2014 के बीच कृषि क्षेत्र में 16 प्रतिशत की गिरावट आई। 2014 से 2023 के बीच मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में रोजगार में 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि यूपीए के कार्यकाल में 2004 से 2014 के बीच इस क्षेत्र में केवल 6 प्रतिशत की वृद्धि हुई। 2014-2023 के बीच सर्विस सेक्टर में रोजगार में 36 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि यूपीए के कार्यकाल में 2004 से 2014 के बीच इस क्षेत्र में यह वृद्धि 25 प्रतिशत रही थी।

केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि बेरोजगारी दर 2017-18 में 6 प्रतिशत से घटकर 2023-24 में 3.2 प्रतिशत हो गई है, जबकि रोजगार दर (डब्ल्यूपीआर) 2017-18 में 46.8 प्रतिशत से बढ़कर 2023-24 में 58.2 प्रतिशत हो गई है। केंद्रीय मंत्री के अनुसार, "श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) 2017-18 में 49.8 प्रतिशत से बढ़कर 2023-24 में 60.1 प्रतिशत हो गई है।" इसके अलावा, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) से अक्टूबर में 13.41 लाख सदस्य जुड़े हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, बीते साल अक्टूबर में ईपीएफओ से करीब 7.50 लाख नए सदस्य जुड़े हैं, जिनमें से 58.49 प्रतिशत 18-25 आयु वर्ग के थे। युवा आयु वर्ग की कुल संख्या 5.43 लाख है।

 

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