MY SECRET NEWS

 भोपाल
मध्य प्रदेश सरकार गुना और अशोक नगर जिलों में भी सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) से मेडिकल कॉलेज खोलने की तैयारी कर रही है। इसके लिए इसी माह निजी भागीदार से प्रस्ताव मंगाए जाएंगे। पिछले माह कटनी, धार, मुरैना, खरगोन, पन्ना, सीधी, बालाघाट, टीकमगढ़, भिंड और बैतूल में पीपीपी से कॉलेज खोलने के लिए प्रस्ताव मांगे गए थे, जिसकी प्रक्रिया चल रही है।

इसमें कॉलेज का संचालन करने वाले निजी भागीदार को जिला अस्पताल दिया जाएगा। वह अस्पताल का उन्नयन कर बिस्तरों की संख्या बढ़ाएगा। अपनी आय बढ़ाने के लिए 25 प्रतिशत बिस्तर प्राइवेट रख सकेगा। कॉलेज का निर्माण, संचालन और अस्पताल का संचालन वही करेगा।

पहले नहीं आया था कोई निवेशक

इसी वर्ष कैबिनेट में जिला अस्पतालों को निजी भागीदार को सौंपकर मेडिकल कॉलेज खोलने का निर्णय हुआ था। सरकार ने अभी उन जिलों में पीपीपी से कॉलेज खोलने का निर्णय लिया है जहां निजी या सरकारी कॉलेज नहीं हैं। सबसे पहले तीन जिलों में कॉलेज खोलने के लिए प्रस्ताव मांगे गए पर कोई निवेशक नहीं आया था।

जल्द ही टेंडर जारी किए जाएंगे

इसके बाद इन तीन को मिलाकर 10 जिलों में कॉलेज खोलने के लिए प्रस्ताव जुलाई में मांगे गए थे। अब गुना और अशोक नगर में भी कॉलेज खोलने का प्रस्ताव मंगाने के लिए जल्द ही निविदा जारी की जाएगी।

इन जिलों के समीप के जिलों में अभी विदिशा, शिवपुरी, सागर और भोपाल में मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं। बता दें कि प्रदेश के अब 17 शासकीय मेडिकल कॉलेज हो गए हैं, जिनमें एमबीबीएस की 2425 सीटें हैं। इसी प्रकार निजी कॉलेज 13 हैं, जिनमें एमबीबीएस की 2450 सीटें हैँ।

मध्य प्रदेश के 10 जिलों में पीपीपी मोड पर खुलेंगे मेडिकल कॉलेज

मध्य प्रदेश की मोहन सरकार प्रदेश के कई जिलों को बड़ी सौगात देने वाली है। इसके अंतर्गत चुने गए 10 जिलों में जहां अभी तक मेडिकल कॉलेज नहीं थे, वहां मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे। इसके लिए सरकार पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल का उपयोग करेगी। पीपीपी मॉडल द्वारा इन मेडिकल कॉलेजों को खोले जाने से लाखों लोगों को फायदा होगा। यह मॉडल एमपी में चिकित्सा से जुड़ी सेवाओं को ग्रामीण लोगों के लिए आसान बनाएगी। यह उन तक पहुंच के साथ साथ व्यवस्थाओं को बढ़ाने और प्रदेश में डॉक्टरों की कमी को दूर करने की दिशा में एक जरूरी कदम होगा।

मोहन यादव सरकार के द्वारा मध्य प्रदेश के इन 10 जिलों में मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे। इन जिलों में कटनी, सीधी, खरगोन, पन्ना से लेकर बैतूल, टीकमगढ़, बालाघाट, धार, भिंड और मुरैना के नाम शामिल हैं। इससे इन जिलों में रहने वाले लाखों लोगों को चिकित्सा जैसी मुलभुत सुविधा अच्छे स्तर पर मिल पाएगी। वहीं इनके खुलने से वहां रोजगार का सृजन भी होगा। पीपीपी मॉडल में सरकार किसी परियोजना या सेवा में निजी क्षेत्र की कंपनियों के साथ मिलकर काम करती है।
इन मेडिकल कॉलेजों की विशेषताएं

जिला अस्पताल सरकारी होगा, जबकि अन्य सुविधाएं पीपीपी मॉडल पर संचालित होंगी। इसके साथ ही इन मेडिकल कॉलेजों में 100 एमबीबीएस सीटें होंगी। इसके अलावा इन अस्पतालों में आयुष्मान कार्डधारकों को निशुल्क में इलाज मिलेगा। इन मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में 75 प्रतिशत बेड गरीबों के लिए आरक्षित होंगे जहां उनका फ्री में इलाज किया जाएगा। इसके अलावा बाकी के 25 फीसदी का उपयोग पीपीपी मॉडल से जुड़ी प्राईवेट एजेंसी उपयोग किया जाएगा। इन मेडिकल कॉलेजों की फीस मध्य प्रदेश फीस विनियामक कमेटी द्वारा निर्धारित की जाएगी।
क्या बोले जानकार

इसे लेकर नाम न बताने की शर्त पर एक जानकार का कहना है कि मोहन सरकार द्वारा शुरू की गई इस पहल से प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़ेगी। जिससे प्रदेश में डॉक्टरों की कमी दूर होगी। इसके साथ ही ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी पाएंगी। मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में निवेश के नए आयामों को बढ़ावा मिलेगा। इसमें कुछ चुनौतियां भी होगी जिसके लिए यह सुनिश्चित करना भी जरूरी होगा कि गरीब मरीजों को निजी एजेंसियों द्वारा भेदभाव का सामना न करना पड़े।

Loading spinner
यूजफुल टूल्स
QR Code Generator

QR Code Generator

Age Calculator

Age Calculator

Word & Character Counter

Characters: 0

Words: 0

Paragraphs: 0