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बेंगलुरु

कर्नाटक सरकार ने गुरुवार को एक बड़ा फैसला लिया. राज्य में दूध की कीमत 4 रुपये प्रति लीटर बढ़ाने को मंजूरी दे दी गई है. यह बढ़ी हुई रकम सीधे किसानों को दी जाएगी. यह फैसला किसानों, कई संगठनों और पशुपालन विभाग की भारी मांग के बाद लिया गया है. राज्य की दूध फेडरेशनों ने भी इस कीमत बढ़ोतरी का समर्थन किया है.

पहले मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा था कि दूध की कीमत तभी बढ़ाई जाएगी, जब बढ़ी हुई पूरी रकम किसानों को मिले. वह इस बढ़ोतरी के खिलाफ थे, लेकिन उन्होंने कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (KMF) को भरोसा दिया था कि कैबिनेट जल्द ही इस पर फैसला लेगी.

खबर थी कि गुरुवार को कर्नाटक कैबिनेट KMF से सप्लाई होने वाले नंदिनी दूध की कीमत बढ़ाने पर फैसला करेगी. सूत्रों के हवाले से IANS ने बताया था कि KMF और किसान संगठन 5 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की मांग कर रहे थे. लेकिन सरकार ने पहले 3 रुपये बढ़ाने का मन बनाया था. आखिरकार, 4 रुपये की बढ़ोतरी को मंजूरी मिली.

पहले भी कीमत बढ़ाने की बात हुई थी

इससे पहले 5 मार्च को कर्नाटक सरकार ने कहा था कि वह लोकप्रिय नंदिनी दूध की कीमत बढ़ाने की तैयारी कर रही है. 10 फरवरी को कर्नाटक राज्य रायता संघ और ग्रीन ब्रिगेड ने बेंगलुरु में KMF ऑफिस के बाहर प्रदर्शन किया था. उन्होंने मांग की थी कि दूध की खरीद कीमत को कम से कम 50 रुपये प्रति लीटर किया जाए. साथ ही, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) लागू होने तक 10 रुपये प्रति लीटर का अंतरिम समर्थन मूल्य देने की मांग भी उठी थी.

पिछले साल भी बढ़ी थी कीमत

25 जून 2024 को कर्नाटक सरकार ने दूध की कीमत 2 रुपये बढ़ाई थी. साथ ही हर पैकेट में 50 मिलीलीटर दूध अतिरिक्त जोड़ा गया था. इस फैसले की काफी आलोचना हुई थी.

किसानों को राहत की उम्मीद
इस नई बढ़ोतरी से किसानों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है. KMF और किसान संगठनों का कहना है कि दूध उत्पादन की लागत बढ़ गई है, इसलिए कीमत बढ़ाना जरूरी था. अब देखना यह है कि इस फैसले का असर आम लोगों पर कितना पड़ता है. लेकिन सरकार का कहना है कि यह कदम किसानों के हित में उठाया गया है.

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