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temples with non vegetarian prasad in india

भारत में मंदिरों की अनोखी परंपराएं non vegetarian prasad in india
भारत एक ऐसा देश है जहां हर राज्य, हर समुदाय और हर मंदिर की अपनी खास परंपराएं और धार्मिक मान्यताएं हैं। जहां अधिकांश लोग भगवान को फल, फूल और मिठाई का भोग लगाते हैं, वहीं देश में कुछ ऐसे प्रसिद्ध मंदिर भी हैं जहां भगवान को मांस, मछली और शराब अर्पित की जाती है। यह परंपरा सदियों पुरानी है और आज भी पूरी श्रद्धा के साथ निभाई जाती है।

  1. कामाख्या मंदिर, असम (Kamakhya Temple Assam)
    Location: नीलाचल पहाड़ियाँ, गुवाहाटी, असम
    विशेषता: शक्तिपीठ और तांत्रिक पूजा
    भोग में चढ़ता है: मांस और मछली

कामाख्या मंदिर 51 शक्तिपीठों में एक प्रमुख स्थल है। यह मंदिर तंत्र साधना का बड़ा केंद्र माना जाता है। यहां देवी को मांस और मछली अर्पित की जाती है, और यह प्रसाद बाद में भक्तों को भी वितरित किया जाता है। विशेष रूप से अंबुबाची मेले के दौरान लाखों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं।

  1. तारापीठ मंदिर, पश्चिम बंगाल (Tara Tarini Temple West Bengal)
    Location: बीरभूम, पश्चिम बंगाल
    विशेषता: देवी तारा की पूजा
    भोग में चढ़ता है: मांस और शराब

non vegetarian prasad in india तारापीठ एक तांत्रिक साधना स्थल है। यहां देवी तारा को बलि दी जाती है और शराब के साथ भोग लगाया जाता है। यह मंदिर खासकर दुर्गा पूजा और तंत्र साधना के दौरान काफी प्रसिद्ध होता है। प्रसाद को भक्त पूरी श्रद्धा से ग्रहण करते हैं।

  1. काल भैरव मंदिर, उज्जैन (Kaal Bhairav Temple, Ujjain)
    Location: उज्जैन, मध्य प्रदेश
    विशेषता: शराब को प्रसाद रूप में चढ़ाना
    भोग में चढ़ता है: शराब

काल भैरव मंदिर अपनी अनोखी परंपरा के लिए जाना जाता है। यहां भक्त शराब की बोतलें लेकर आते हैं और पुजारी भगवान को वह शराब ‘पिलाते’ हैं। इसे तांत्रिक पूजा का हिस्सा माना जाता है। यहां चढ़ाई गई शराब का कुछ भाग भक्तों को प्रसाद के रूप में भी मिलता है।

  1. कालीघाट मंदिर, कोलकाता (Kalighat Temple, Kolkata)
    Location: कोलकाता, पश्चिम बंगाल
    विशेषता: बलि की परंपरा
    भोग में चढ़ता है: बकरे की बलि

यह मंदिर देवी काली को समर्पित है और भारत के 51 शक्तिपीठों में से एक है। यहां बलि की परंपरा अभी भी प्रचलन में है। बलि के बाद मांस को पकाकर प्रसाद के रूप में भक्तों में वितरित किया जाता है। यह परंपरा बंगाल की गहराई से जुड़ी है।

  1. मुनियांदी स्वामी मंदिर, मदुरई (Muniyandi Swamy Temple, Madurai)
    Location: मदुरई, तमिलनाडु
    विशेषता: मांसाहारी बिरयानी का भोग
    भोग में चढ़ता है: चिकन-मटन बिरयानी

मदुरई के पास स्थित यह मंदिर स्थानीय देवता मुनियांदी स्वामी को समर्पित है, जिन्हें भगवान शिव का रूप माना जाता है। यहां चिकन और मटन बिरयानी भोग में चढ़ाई जाती है और फिर प्रसाद के रूप में भक्तों में बांटी जाती है।

भारत की विविधता उसके मंदिरों और परंपराओं में साफ झलकती है। जहां एक ओर भक्त फल-फूल अर्पित करते हैं, वहीं कुछ जगहों पर मांस, मछली और शराब को भी उतनी ही श्रद्धा से भोग लगाया जाता है। यह न केवल धार्मिक विविधता को दर्शाता है, बल्कि हमारी संस्कृति की विशालता को भी उजागर करता है।

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