Very poor quality food grains reached many shops, PDS officials are unaware
- पीडीएस का खाने लायक भी नही खाद्यान्न गेहूं-चावल
सिंगरौली । सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत सस्ती कीमतों पर गरीबों को मिलने वाले खाद्यान्न वितरण की क्वालिटी भी सवालों के घेरे में आ गई है। बैढ़न ब्लॉक के कई शासकीय उचित मूल्य दुकानों में तीन महीने के लिए पहुंचा खाद्यान्न बेहद खराब है। जहां हितग्राही खाद्यान्न लेने में आनाकानी कर रहे हैं। वही जिम्मेदार अधिकारी उक्त मामले में अनजान हैं।
गौरतलब है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को सस्ते दर पर राशन देने का निर्देश है। जिसमें जमकर भर्रेशाही मची हुई है। आरोप है कि जिला खाद्य अमला इस निरंकुश व्यवस्थाओं पर अंकुश लगाने में अब तक नाकाम रहा है। एक ओर जहां आये दिन शिकायते मिलती रहती हैं कि गरीबों को खाद्यान्न दो-दो, तीन-तीन महीने का वितरण विके्रताओं के द्वारा नही किया जाता है और ई-केवाईसी समेत आवंटन न मिलने का बहाना बताकर गरीब परिवारों को वैरंग लौटा दिया जाता है। जबकि गोदाम एवं स्टॉक पंजी में पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न उपलब्ध भी रहता है। यह तो कहानी विके्रताओं की है। वही अब राशन दुकानों में बेहद खराब क्वालिटी के गेहूॅ-चावल का परिवहन राशन दुकानों में किया गया है। बताया जाता है कि बैढ़न इलाके के कई दुकानों में अत्यंत घटिया किस्म के चावल-गेहूं का भण्डारण किया गया है। जिसे लेने में उपभोक्ता लेने में आनाकानी कर तरह-तरह के सवाल खड़े करते हुये यह कहते नजर आ रहे हैं कि जब पीडीएस का खाद्यान्न गुणवत्ता युक्त देने का निर्देश है, फिर यह घटिया चावल-गेहूं कहां से आ गया। सरकार एवं प्रशासन खाद्यान्न वितरण के नाम पर केवल कोरम पूर्ति कर अपनी पीठ थपथपाने में लगा हुआ है। गरीबों को किस तरह का खाद्यान्न मिल रहा है उसको देखने एवं सुनने वाला कोई नही है।
तीन महीने का दुकानों के गोदामों में पहुंचा है राशन
जानकारी के मुताबिक कलेक्टर चन्द्रशेखर शुक्ला का निर्देश है बरसात सीजन को देखते हुये तीन महीने का एक साथ राशन दुकानों के गोदामों में भण्डारण का जून से अगस्त महीने तक वितरण कराया जाना है। जहां खाद्यान्नों का वितरण भी शुरू हो गया है। लेकिन खाद्यान्न गेहूं-चावल की क्वालिटी को देखकर हर कोई सक्श कोस रहा है। बैढ़न कस्बे के आसपास के उपभोक्ताओं ने यहां तक कहा कि उक्त खाद्यान्न को अधिकारी चख कर देखे तो पता चल जायेगा। यह खाद्यान्न इतना घटिया है कि देखते ही मन उचट जाता है। इतना घटिया खाद्यान्न मिलों में कैसे पहुंचा, इसकी जवाबदेही किसकी है और क्या ऐसे लापरवाहों पर कार्रवाई होगी?
विंध्या एग्रो इण्ड्रस्ट्रीज के मिल से पहुंचा है खाद्यान्न
जानकारी के मुताबिक बैढ़न मुख्यालय के आसपास के शासकीय उचित मूल्य दुकानों में गेहूं विंध्या एग्रो इण्ड्रस्ट्रीज उद्योग दीप बैढ़न के मिल से परिवहन किया गया है। जिसमें एमपी स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन लिमिटेड सिंगरौली के मद 2024-25 के प्रत्येक बोरिया में टैग भी लगा हुआ है और टैग में राइस की स्थिति क्या है, उसमें एनर्जी, सूगर, बिटामिन की मात्रा कितनी है, उसका विधिवत जिक्र है। अब सवाल उठता है कि उचित मूल्य दुकानों में सिर्फ गुणवत्ता विहीन जिसे देखने लायक भी नही है, वह दुकानों में कैसे पहुंचा। अब चर्चा यह है कि केवल टैग लगाकर राइस के बेहतर क्वालिटी बताया जा रहा है। जबकि मामला कुछ और है।
इनका कहना:-
अभी मैं अवकाश पर हू। ऐसी कोई शिकायत मेरे पास नही आई है और ऐसा हो भी नही सकता है कि गुणवताविहीन खाद्यान्न वितरण के लिए दिया जाये। अवकाश से आने के बाद देखता हॅू।
पीसी चन्द्रवंशी
जिला खाद्य अधिकारी, सिंगरौली

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