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भोपाल.
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि विरासत के संरक्षण के साथ भोपाल के विकास का समुचित नियोजन किया जाए। भोपाल के समृद्ध अतीत को शहर की प्लानिंग का भाग बनाते हुए भोजपुर जाने वाले मार्ग पर राजभोज की स्मृति में तथा उज्जैन की ओर जाने वाले मार्ग पर सम्राट विक्रमादित्य को समर्पित द्वार निर्मित होगा। शीघ्र ही इन दोनों द्वारों के निर्माण कार्यों का भूमि-पूजन किया जाएगा। प्रदेश के विभिन्न अंचलों की झलक राजधानी में अभिव्यक्त हो, इस दृष्टि से भोपाल @2047 के विकास के बारे में विचार करना आवश्यक है। इसके साथ ही भोपाल को मेट्रोपॉलिटन एरिया के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से पश्चिम में आगरा-मुम्बई रोड और विदिशा, रायसेन व सीहोर तक आवागमन का नेटवर्क विकसित करते हुए कार्य योजना बनाई जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंत्रालय में भोपाल जिले के विकास कार्यों की समीक्षा में य‍ह निर्देश दिए। बैठक में सूक्ष्म, लघु और उद्यम तथा जिले के प्रभारी मंत्री चैतन्य काश्यप, खेल एवं युवा कल्याण तथा सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पख्यक कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती कृष्णा गौर तथा मुख्य सचिव अनुराग जैन उपस्थित थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव का भोपाल से बीआरटीएस कॉरिडोर हटाने के लिए जनप्रतिनिधियों ने आभार माना। उन्होंने कहा कि इससे भोपाल में सड़क दुर्घटनाओं में कमी आई है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट ने भोपाल को उद्योग-व्यापार के महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में स्थापित किया है। एजुकेशन, मेडिकल, टूरिज्म, इंडस्ट्री आदि के क्षेत्र में गतिविधियों का लगातार विस्तार हो रहा है। भोपाल में आवागमन के लिए सड़क परिवहन के साधनों तथा मैट्रो सुविधा का परस्पर लिंकेज स्थापित करते हुए समग्रता में प्लान क्रियान्वित किया जाए। बहुउद्देशीय उपयोग सुनिश्चित करते हुए परिवहन अधोसंरचना का निर्माण हो। मार्गों की प्लानिंग में जन-प्रतिनिधियों के सुझावों को अवश्य शामिल किया जाए। शहर के नियोजन में सैटेलाइट सर्वे का उपयोग सुनिश्चित करते हुए अवैध बसाहटों के निर्माण पर भी नजर रखी जाए। स्वीकृत कालोनियों में सीसीटीवी कैमरा लगाना अनिवार्य किया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भोपाल शहर में ऊंचे भवनों के निर्माण की अनुमति के संबंध में कहा कि इस संबंध में जो नियम प्रदेश में लागू हैं, भोपाल में भी उनका क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि शहर को झुग्गी मुक्त बनाने के उद्देश्य से विकसित आवासीय सुविधाएं किराये पर नहीं जाएं, यह सुनिश्चित करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि अवैध कालोनियों और झुग्गियों के निर्माण के संबंध में सतर्क रहें, संबंधित क्षेत्र में इस प्रकार की गतिविधियां होने पर उस क्षेत्र के राजस्व और नगर निगम अधिकारी सीधे जिम्मेदार होंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बीएचईएल क्षेत्र के भूमि प्रबंधन के संबंध में त्वरित कार्यवाही करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भोपाल के सभी शासकीय भवनों पर प्राथमिकता से सोलर पैनल लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य से कार्य किया जाए कि सौर ऊर्जा के उपयोग में राजधानी भोपाल, देश के सामने एक आदर्श प्रस्तुत करें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भोपाल जिले में असामाजिक तत्वों पर नियंत्रण करते हुए प्रभावी पुलिस व्यवस्था स्थापित करने और बेहतर यातायात व्यवस्था सुनिश्चित करते हुए स्मार्ट पुलिसिंग का उदाहरण प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए।

बैठक में जानकारी दी गई कि भोपाल में एम्स से करोंद चौराहा और भदभदा चौराहा से रत्नागिरी तिराहा मार्ग के दो कॉरीडोर पर मैट्रो कार्य प्रगति पर है। बीएचईएल की भूमि का उपयोग 50-50 मॉडल पर शहर के विकास तथा बीएचईएल के हित में करने के संबंध में भारत सरकार के भारी उद्योग मंत्रालय तथा प्रदेश के नगरीय प्रशासन विभाग के मध्य सैद्धांतिक सहमति हुई है। बैठक में बताया गया कि अचारपुरा क्षेत्र में उद्योगों की निरंतर मांग के दृष्टिगत ग्राम हज्जामपुरा की 31.21 हैक्टयर भूमि पर 32.29 करोड़ रुपए लागत से औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जा रहा है। इसी प्रकार कोलार क्षेत्र के ग्राम सतगढ़ी में 69.91 हेक्टयर भूमि पर रेडीमेड गारमेंट हौजरी पार्क विकसित करने की योजना है। बैठक में महापौर मालती राय, विधायक रामेश्वर शर्मा, भगवान दास सबनानी एवं विष्णु खत्री सहित वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

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