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मणिपुर
सूत्रों के हवाले से जानकारी सामने आ रही है कि मणिपुर में 10 दिन के अदंर सरकार नहीं बनीं तो लगेगा राष्ट्रपति शासन लग सकता है। बता दें कि रविवार शाम मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने राज्य में जातीय हिंसा के लगभग दो साल बाद अपना इस्तीफा दे दिया है। राज्य में हिंसा के बाद कई मुद्दों को लेकर उनकी सरकार पर आलोचना हो रही थी। मुख्यमंत्री ने स्थिति को सुधारने के प्रयास किए थे, लेकिन हालिया घटनाओं के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था।

मुख्यमंत्री को बहुत पहले ही इस्तीफा दे देना चाहिए था: प्रियंका
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने सोमवार को कहा कि मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को बहुत पहले ही इस्तीफा दे देना चाहिए था। कांग्रेस नेता ने यहां संवाददाताओं से कहा कि उस पूर्वोत्तर राज्य में दो साल से हिंसा जारी है। उन्होंने कहा, ‘‘यह काफी वक्त से, दो वर्ष से लंबित था।'' कांग्रेस नेता ने बीरेन सिंह के इस्तीफे के बारे में पूछे जाने पर संवाददाताओं से यह बात कही। बीरेन सिंह ने रविवार को इंफाल के राजभवन में राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। मणिपुर में मई 2023 में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से 250 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं। वायनाड से लोकसभा सदस्य प्रियंका गांधी ने पिछले दो दिनों में अपने संसदीय क्षेत्र में कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। वह सोमवार को नयी दिल्ली रवाना होने से पहले अपने संसदीय क्षेत्र में जंगली जानवरों के हमले में जान गंवाने वाले लोगों के घर जाएंगी।

पीएम मोदी और अमित शाह को जिम्मेदारी लेनी चाहिए
द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) की नेता कनिमोई ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर मणिपुर में ‘‘फासीवादी राजनीति'' करने का आरोप लगाते हुए सोमवार को मांग की कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पूर्वोत्तर राज्य में हिंसा की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। कनिमोई ने आरोप लगाया कि मणिपुर में जातीय हिंसा में 220 से अधिक लोगों की जान चली गई और 60,000 से अधिक लोग विस्थापित हो गए। उन्होंने सरकारी राहत शिविरों में रह रहे लोगों को अगवा कर उनकी हत्या किए जाने तथा महिलाओं का यौन उत्पीड़न किए जाने का भी आरोप लगाया।

कनिमोई ने एक बयान में आरोप लगाया कि इस तरह के अत्याचार केवल सरकार के ‘‘समर्थन और उदासीनता'' के कारण हुए तथा भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार एवं मणिपुर के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे चुके बीरेन सिंह केवल मूकदर्शक बने रहे। द्रमुक की नेता एवं लोकसभा सदस्य ने कहा, ‘‘…मणिपुर भाजपा की फासीवादी राजनीति का सबूत है; केवल बीरेन सिंह ही नहीं बल्कि प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को भी हिंसा पर लगाम लगाने में विफल रहने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। मोदी और शाह को उन्हें (बीरेन सिंह को) बचाने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।''

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