भोपाल /इंदौर
भोपाल में दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक त्रासदी के लिए जिम्मेदार यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा नष्ट करने की प्रक्रिया जारी है. पीथमपुर के रामकी संयंत्र में कचरे का निस्तारण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की गाइडलाइन के अनुसार किया जा रहा है. इसकी रिपोर्ट मध्य प्रदेश हाई कोर्ट को लगातार दी जा रही है. बड़ी बात ये है कि इस जहरीले कचरे को लेकर खतरनाक प्रदूषण फैलने की आशंकाएं न के बराबर हो गई हैं. दावा है कि प्रदूशण नियंत्रण बोर्ड ने जहरीले कचरे से होने वाले प्रदूषण को सामान्य बताया है.
एक माह में जहरीले कचरे का नामोनिशान खत्म
इंदौर संभाग आयुक्त दीपक सिंह का कहना है "यूनियन कार्बाइड का कचरा विशेषज्ञों की निगरानी में जलाया जा रहा है, जो अगले 30 से 35 दिन में पूरी तरीके से नष्ट कर दिया जाएगा. इसके निष्पादन प्रक्रिया की पूरी निगरानी की जा रही है. कचरे के निष्पादन के हरेक चरण की रिपोर्ट हाईकोर्ट के समक्ष प्रस्तुत की गई है. वर्तमान में पीथमपुर के आसपास के इलाकों में प्रदूषण का स्तर भी सामान्य है. यूनियन कार्बाइड के कचरे में कार्बन डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड के अलावा नैप्थलीन और पार्टिकुलेट मैटर पाया गया. इसके अलावा कार्बन मोनोऑक्साइड और हाइड्रोजन क्लोराइड समेत हाइड्रोजन फ्लुराइड का उत्सर्जन हुआ. प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारियों के मुताबिक सामान्य प्रदूषण श्रेणी का था."
भोपाल से लेकर इंदौर तक दहशत का दौर
दरअसल, 3 दिसंबर 1984 की सुबह भोपाल में यूनियन कर्बाइड से निकली मिथाइल आइसोसाइनाइड गैस से 5000 से ज्यादा मौत हुई थीं. इस जहरीली गैस के दुष्प्रभाव के कारण करीब डेढ़ दशक में 15000 लोगों की अलग-अलग बीमारियों से मौत हो गई. तभी से यूनियन कार्बाइड में इस गैस के अवशेष के रूप में यह कचरा परिसर में मौजूद था. लगातार कई सालों से इस कचरे को गैस की तरह ही घातक और प्रदूषण की वजह बताया जा रहा था. भोपाल गैस कांड के 40 साल बाद हाई कोर्ट जबलपुर के आदेश के तहत कचरे को इंदौर के पास पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में स्थापित रामकी एनवायरो प्लांट में जलाकर नष्ट करने पर सहमति बनी.
पीथमपुर में जहरीले कचरे को जलाने की प्रक्रिया जारी
इसके बाद 2 जनवरी को 12 कंटेनर में इस कचरे को भरे जाने के बाद एक विशेष प्रकार के ग्रीन कॉरिडोर को तैयार कर 230 किलोमीटर दूर पीथमपुर लाया गया. कचरे को पीथमपुर में जलाए जाने को लेकर स्थानीय स्तर पर भारी विरोध हुआ. फिर 10 मार्च 2025 को कचरा जलाने की प्रक्रिया शुरू की गई. फिलहाल यहां 50 से ज्यादा मजदूर प्रति घंटा 90 किलोग्राम कचरे को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल की टीम की निगरानी मे जलाकर नष्ट कर रहे हैं. तीन ट्रायल रन में 6570 किलोग्राम कचरे को नष्ट किए जाने के बाद लगातार शेष कचरे को जलने की प्रक्रिया जारी है.

“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है। और पढ़ें
इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र