मुंबई
जाने-माने उद्योगपति रतन टाटा की तबियत खराब है और उन्हें मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. टाटा संस के चेयरमैन ऐमिरेट्स रतन टाटा की आयु 86 वर्ष है और उन्हें स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों के कारण आईसीयू में भर्ती कराया गया है.
उन्हें सोमवार की सुबह अस्पताल के इमरजेंसी कक्ष में ले जाया गया, जहां उनकी हालत नाजुक बताई जा रही है.
बता दें कि रतन टाटा को गंभीर हालत में रात 12:30 से 1:00 बजे के बीच अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनका ब्लड प्रेशर बहुत कम हो गया था और उन्हें तुरंत आईसीयू में ले जाया गया, जहां जाने-माने हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. शारुख अस्पी गोलवाला की देखरेख में उनका इलाज चल रहा है.
1962 में शुरू हुई असल कहानी
28 दिसंबर 1937 को तत्कालीन बॉम्बे जो अब मुंबई के नाम से जाना जाता है. वहां रतन टाटा का जन्म हुआ. वह टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा के परपोते हैं. वे 1990 से 2012 तक समूह के अध्यक्ष थे और अक्टूबर 2016 से फरवरी 2017 तक अंतरिम अध्यक्ष थे. रतन टाटा समूह के धर्मार्थ ट्रस्टों के प्रमुख बने हुए हैं.
टाटा की असल कहानी 1962 में शुरू हुई जब वे टाटा समूह में शामिल हुए. उन्होंने 1990 में समूह के अध्यक्ष बनने से पहले कई कार्य किए और धीरे-धीरे बिजनेस की सीढ़ी चढ़ते गए. उनके कार्यकाल में टाटा समूह ने घरेलू और विदेश दोनों ही स्तरों पर पर्याप्त वृद्धि और विस्तार का अनुभव किया. टाटा की दूरदर्शिता और रणनीतिक सोच ने कंपनी को टेलीकॉम, रिटेल और ऑटो जैसे नए उद्योगों में विस्तार करने की अनुमति दी.
सरकार ने किया सम्मानित
टाटा की सबसे खास उपलब्धियों में से एक 2008 में जगुआर लैंड रोवर का अधिग्रहण था, जो टाटा समूह के इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण था. परोपकार और कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति उनके समर्पण ने उन्हें भारत के दो सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों पद्म भूषण और पद्म विभूषण सहित अनगिनत सम्मान दिलाए हैं.
कैसा रहा रतन टाटा का करियर (Ratan Tata Profile)
28 दिसंबर, 1937 को बॉम्बे (अब मुंबई), भारत में जन्मे रतन टाटा, टाटा ग्रुप के फाउंडर जमशेदजी टाटा के परपोते हैं। वे 1990 से 2012 तक टाटा ग्रुप के चेयरमैन रहे और अक्टूबर 2016 से फरवरी 2017 तक अंतरिम चेयरमैन रहे। रतन टाटा ग्रुप के चैरिटी ट्रस्ट्स के प्रमुख बने हुए हैं।
टाटा का करियर 1962 में शुरू हुआ जब वे टाटा ग्रुप में शामिल हुए। उन्होंने 1990 में चेयरमैन बनने से पहले ग्रुप में अलग-अलग पदों पर अपनी सेवाएं दीं। उनके कार्यकाल में, टाटा ग्रुप ने घरेलू और विदेशी दोनों ही लेवल पर शानदार ग्रोथ और विस्तार किया।
क्या रही खास उपलब्धि
टाटा की दूरदर्शिता और रणनीतिक सोच के जरिए ग्रुप टेलीकॉम, रिटेल और ऑटो जैसे नए सेक्टरों में दाखिल हुआ। टाटा की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक 2008 में जगुआर लैंड रोवर को खरीदना था, जो टाटा ग्रुप के इतिहास में एक अहम पल था।
पद्म विभूषण से सम्मानित
चैरिटी और कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति रतन टाटा के समर्पण ने उन्हें अनगिनत सम्मान दिलाए हैं, जिनमें भारत के दो सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण और पद्म विभूषण भी शामिल हैं। अपने पूरे करियर के दौरान, रतन टाटा को उनके असाधारण लीडरशिप के लिए जाना जाता रहा है।

“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है। और पढ़ें
इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र