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मुंबई

 ग्राहकों के हित में और नियमों का उल्लंघन होने पर भारतीय रिजर्व बैंक हमेशा सख्त कदम उठाता है। इस साल आरबीआई ने 11 बैंकों का लाइसेंस रद्द कर दिया है। ये बैंक हमेशा के लिए बंद हो चुके हैं। जमा राशि स्वीकार करने और लेनदेन पर भी रोक लग चुकी है।

आरबीआई ने एक नोटिस जारी करते हुए इन सभी बैंकों का चालू रहना जमाकर्ताओं के लिए हानिकारक बताया था। इनके पास  प्राप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं थी। ऐसे में बैंकिंग में अधिनियम 1949 के कई प्रावधानों का उल्लंघन होता है। यह बैंक अपने वित्तस्थित के साथ जमा कर्ताओं को पुनर्भुगतान करने में भी असमर्थ थे। इसलिए सार्वजनिक हित को देखते हुए इन सभी बैंकों का लाइसेंस रद्द किया था।

साल 2024 में इन बैंकों का लाइसेंस रद्द हुआ

    दुर्गा को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, विजयवाड़ा, आंध्र प्रदेश
    श्री महालक्ष्मी मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, दाभोई, गुजरात
    द हिरीयुर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड हिरीयुर, कर्नाटक
    जय प्रकाश नारायण नगरी सहकारी बैंक लिमिटेड, बसमथनगर, महाराष्ट्र
    सुमेरपुर मर्केंटाइल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सुमेरपुर, पाली राजस्थान
    पूर्वांचल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, गाजीपुर, यूपी
    द सिटी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र
    बनारस मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, वाराणसी
    शिम्शा सहकारी बैंक नियमित, मद्दूर, मंडया, कर्नाटक
    उरावकोंडा को-ऑपरेटिव टाउन बैंक लिमिटेड, आंध्र प्रदेश
    द महाभैरब को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, तेजपुर, असम

क्या ग्राहकों को मिले पैसे? जानें नियम (RBI Rules)

DICGC अधिनियम 1961 के प्रावधानों के तहत जब भी किसी बैंक का लाइसेंस रद्द होता है। तब प्रत्येक ग्राहक जमा बीमा और गारंटी निगम से 5 लाख रुपये की मौद्रिक सीमा तक जमा राशि की जमा बीमा दावा राशि प्राप्त करने का हकदार होता है।

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