इंफाल.
मणिपुर में 2017 से लेकर अब तक कम से कम 12 जिलों में कुल 19,135.6 एकड़ क्षेत्र में अवैध तरीके से उगाई गई अफीम को नष्ट किया गया है। राज्य सरकार की एक आधिकारिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। सुदूर संवेदी और भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) तकनीक का उपयोग करके अफीम की खेती की मैंपिंग और आकलन से पता चला है कि इस अवधि के दौरान कांगपोकपी जिले में सबसे ज्यादा 4,454.4 एकड़ क्षेत्र में फैली अफीम की खेती नष्ट की गई, इसके बाद उखरुल में 3,348 एकड़ और चुराचांदपुर में 2,713.8 एकड़ में अफीम की खेती नष्ट की गई।
रिपोर्ट में कहा गया कि टेंग्नौपाल में 2,575 एकड़, चंदेल में 1,982.5 एकड़ और सेनापति में 1,682 एकड़ में अफीम की खेती को नष्ट किया गया। इससे पता चला कि 2021-22 में नौ जिलों में अफीम की खेती का रकबा 28,598.91 एकड़ था जो 2023-24 में घटकर 11,288.1 एकड़ रह गया। अध्ययन के अनुसार, 2023 और 2024 के बीच अफीम की खेती में 2022-23 की तुलना में 32.13 प्रतिशत की कमी आई है। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने पिछले माह सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा था कि राज्य सरकार अवैध अफीम की खेती पर अंकुश लगाने के अपने संकल्प को लेकर प्रतिबद्ध है।

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