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नई दिल्ली

यूरोपीय जलवायु परिवर्तन एजेंसी ‘कॉपरनिकस’ ने बृहस्पतिवार को कहा कि यह लगभग तय है कि साल 2024 अब तक का सबसे गर्म वर्ष होगा और औसत तापमान पूर्व-औद्योगिक काल की तुलना में कम से कम 1.5 डिग्री सेल्सियस अधिक रहेगा। यूरोपीय जलवायु एजेंसी ने बताया कि यह दूसरा वर्ष है जब इतिहास में सबसे गर्म अक्टूबर दर्ज किया गया है।

संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन

यह घोषणा संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन से पहले की गई है, जो 11 नवंबर को अजरबैजान के बाकू में शुरू हो रहा है। शिखर सम्मेलन में देशों से जलवायु संबंधी नए वित्तीय सहायता समझौते पर सहमत होने की उम्मीद है, जिसे विकसित देशों को 2025 से विकासशील देशों को प्रदान करना होगा ताकि उन्हें जलवायु परिवर्तन से निपटने और अनुकूलन में मदद मिल सके।

दुनिया के लिए 'खतरे की घंटी'

वैज्ञानिकों का कहना है कि इसे खतरे की घंटी की तरह देखा जाना चाहिए. अगले हफ्ते, अजरबैजान में होने वाली संयुक्त राष्ट्र जलवायु कॉन्फ्रेंस COP29 से पहले आए इस अनुमान ने चिंता बढ़ा दी है. BBC की रिपोर्ट के अनुसार, रॉयल मेट्रोलॉजिकल सोसायटी के चीफ एग्जीक्यूटिव, लिज बेंटले ने कहा, 'यह लेटेस्ट रिकॉर्ड COP29 में सरकारों को एक और कड़ी चेतावनी देता है कि आगे तापमान में और अधिक इजाफे को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है.'

तापमान में लगातार हो रही वृद्धि

कॉपरनिकस के निदेशक कार्लो बुओनटेंपो ने कहा कि मैं समझता हूं कि तापमान में निरंतर वृद्धि चिंताजनक है। बुओनटेंपो ने कहा कि आंकड़े स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं कि अगर वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैसों की निरंतर वृद्धि के कारण ग्लोबल वार्मिंग नहीं होती, तो धरती पर रिकॉर्ड तोड़ तापमान का इतना लंबा क्रम देखने को नहीं मिलता। बुओनटेंपो और अन्य वैज्ञानिकों का कहना है कि तापमान में लंबे समय तक उतार-चढ़ाव का यह सिलसिला एक बुरा संकेत है।

कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस (C3S) की उप निदेशक सामंथा बर्गेस ने कहा, ‘‘2024 के 10 महीने बीतने के बाद अब यह लगभग तय है कि 2024 रिकॉर्ड पर सबसे गर्म वर्ष होगा। यह पूर्व-औद्योगिक काल के स्तर से 1.5 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान वाला पहला वर्ष होगा। यह वैश्विक तापमान रिकॉर्ड में एक नया मील का पत्थर है, जो आगामी जलवायु परिवर्तन सम्मेलन ‘सीओपी29’ में जलवायु संबंधी लक्ष्य को पाने की महत्वाकांक्षा बढ़ाने के लिए उत्प्रेरक के रूप में काम करना चाहिए।’’

2023 में गर्मी का रिकॉर्ड बना, 2024 में टूट जाएगा!

2024 के शुरुआती 10 महीनों में वैश्विक तापमान इतना ऊंचा रहा है कि अब बाकी दो महीनों में अप्रत्याशित गिरावट ही रिकॉर्ड बनने से रोक सकती है. यूरोपीय कोपरनिकस जलवायु परिवर्तन सेवा का डेटा बताता है कि 2024 में तापमान पूर्व-औद्योगिक काल की तुलना में कम से कम 1.55 डिग्री सेल्सियस अधिक होगा.

'पूर्व-औद्योगिक' का मतलब 1850-1900 के मानक काल से है, जो मोटे तौर पर उस समय के बराबर है जब मनुष्यों ने ग्रह को काफी गर्म करना शुरू किया था. हालिया अनुमानों का मतलब है कि 2024 में 1.48 सेल्सियस का वर्तमान रिकॉर्ड टूट सकता है जो पिछले साल ही बना था.

यूरोपीय एजेंसी के वैज्ञानिकों ने ही पिछले महीने बताया था कि 2024 का अक्तूबर पूरी दुनिया में दूसरा सबसे गर्म अक्तूबर रहा। इससे पहले 2023 का अक्तूबर भी काफी गर्म था, तब सतह पर हवा का औसत तापमान 15.25 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, जो कि 1991 से 2020 के अक्तूबर के औसत तापमान से 0.80 डिग्री सेल्सियस ज्यादा था।

इतना ही नहीं 2024 के पहले 10 महीनों (जनवरी से अक्तूबर) में औसत वैश्विक तापमान 1991-2020 के बीच इसी दौर के मुकाबले 0.71 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहा। वहीं, जनवरी-अक्तूबर 2023 के मुकाबले इस साल इसी दौर में तापमान 0.16 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहा।
 

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