MY SECRET NEWS

स्वच्छ भारत अभियान
वॉश ऑन व्हील्स सेवा

भोपाल

मन चंगा तो कठौती में गंगा। शुचिता सिर्फ तन की ही नहीं, मनोविचारों की भी जरूरी है। स्वच्छता एक शैली नहीं, वरन् एक संस्कार है जो हमारे जीवन को और अधिक आलोकित करता है। कुछ ऐसी ही सोच और सेवा भाव से शैलेन्द्र सिकरवार ने काम और दाम के साथ नाम भी कमाया हैं।

कहानी छिंदवाड़ा जिले की है। यहां के जुन्नारदेव में "स्वच्छता साथी" (वाश ऑन व्हील्स सेवा) ने स्वच्छता और रोजगार के क्षेत्र में नई राहें खोली हैं। इस सेवा का शुभारंभ गत 26 सितंबर 2024 को राज्यपाल मंगुभाई पटेल द्वारा किया गया था। इसका उद्देश्य शौचालयों की सफाई के लिए एक संगठित और स्वच्छ दृष्टिकोण स्थापित करना और बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करना है।

एक नई शुरुआत की ओर बढ़े कदम

जिले के जुन्नारदेव ब्लॉक के निवासी शैलेंद्र सिकरवार (33 वर्ष) ने "स्वच्छता साथी" पहल के तहत अपने जीवन को एक सकारात्मक दिशा में बदला। जिले के वरिष्ठ और जुन्नारदेव ब्लॉक के अधिकारियों के मार्गदर्शन में शैलेंद्र ने पंचायतों में शौचालयों की सफाई का काम आरंभ किया। इस पहल में पंचायत समन्वयक अधिकारियों और क्लस्टर प्रभारियों का उन्हें भरपूर सहयोग मिला, जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ा।

आत्मनिर्भरता मिली

अब से 2 महीने पहले तक शैलेंद्र बेरोजगार थे। वे पहले दीपावली के समय उधार लेकर पटाखों की दुकान लगाते थे। इस साल शैलेन्द्र ने "स्वच्छता साथी" सेवा से मिली आय का उपयोग कर चाय-नाश्ते का स्टॉल भी शुरू किया। सिर्फ 2 महीनों में ही वे सैकडों शौचालयों की सफाई कर करीब 30 हजार रुपये कमा चुके हैं। इस आय ने न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत किया, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भरता की ओर भी प्रेरित किया।

स्वच्छता और समाज सेवा का संदेश

शैलेंद्र का मानना है कि "स्वच्छता साथी" सेवा उनके लिए केवल एक नौकरी मात्र नहीं है, बल्कि समाज की सेवा का माध्यम है। वे गर्व के साथ कहते हैं, “मैं इस सेवा से जुड़कर बहुत खुश हूं और इसे आगे भी जारी रखना चाहता हूं। यह मेरे लिए समाज की भलाई के साथ-साथ आत्मनिर्भर बनने का एक बढ़िया जरिया है।”

बदलाव की बयार

शैलेंद्र सिकरवार कहते हैं कि सही दिशा और अवसर मिले, तो कोई भी व्यक्ति अपना जीवन बदल सकता है। "स्वच्छता साथी" जैसी पहल उन जैसे युवाओं को न केवल रोजगार देती है, वरन् उन्हें स्वच्छता और सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति जागरूक भी बनाती है। यह पहल स्वच्छ भारत अभियान की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो स्वच्छता, शुचिता, रोजगार और आत्मनिर्भरता को एक सूत्र में जोड़ते हुए एक नायाब नजीर पेश करती है।

क्या है वॉश ऑन व्हील्स सेवा

इस सेवा का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित शौचालयों में साफ-सफाई और स्वच्छता को बढ़ावा देना है। इससे ग्रामीण क्षेत्र के शौचालय उपयोगकर्ताओं के लिये उपयोगी बनेंगे। इस सेवा में स्कूल, आंगनवाड़ी, पंचायत, स्वास्थ्य केन्द्र, छात्रावास आदि संस्थाओं में स्थापित शौचालयों के साथ व्यक्तिगत शौचालयों को भी स्वच्छ रखने और इनका उपयोग बढाने पर ध्यान केन्द्रित किया गया है। यह सेवा ओडीएफ एवं ओडीएफ प्लस की निरंतरता बनाये रखने में सहायक है।

स्वच्छता साथी किस तरह काम करते हैं

इस सेवा में स्वच्छता के क्षेत्र में काम करने वाले इच्छुक युवाओं को जोड़ा जाता है। इन्हें स्वच्छता साथी कहा जाता है। इस सेवा अवधारणा में जिला पंचायत छिन्दवाड़ा द्वारा स्वच्छता साथियों को आवागमन के लिये दो पहिया वाहन दिया जाता है। साथ ही आधुनिक सफाई उपकरण एवं व्यक्तिगत सुरक्षा किट भी दी जाती है, ताकि साफ-सफाई के दौरान उनका स्वास्थ्य भी सुरक्षित रहे। स्वच्छता साथियों को संस्थागत शौचालयों को स्वच्छ रखने के लिये इलेक्ट्रिक एवं बैटरी ऑपरेटेड वॉशर मशीन, व्यक्तिगत सुरक्षा किट में (हेलमेट, चश्मा, मास्क, ग्लब्स, पीपीई किट, गमबूट आदि) एवं स्वच्छता किट में (टॉयलेट क्लिनर, फिलाईल, ब्रश, झाडू, वाईपर, मग, बाल्टी आदि) दिये जाते हैं। यह स्वच्छता साथी अपने क्लस्टर मुख्यालय से 5 किमी के दायरे में 200 रूपये प्रति शौचालय यूनिट और 5 किमी से अधिक दूरी होने पर 250 रूपये प्रति शौचालय यूनिट सफाई शुल्क लेते हैं। इससे उन्हें स्थायी आमदनी होती है। राजस्व, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग टीमवर्क से इस सेवा का संचालन करते हैं।

 

यूजफुल टूल्स
QR Code Generator

QR Code Generator

Age Calculator

Age Calculator

Word & Character Counter

Characters: 0

Words: 0

Paragraphs: 0