विदिशा
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विदिशा जिले के बेस नगर स्थित अपने फार्म हाउस में जाकर अपनी किसान आईडी (Farmer ID) बनवाई. उन्होंने इसे किसानों की "डिजिटल पहचान" बताते हुए सभी किसानों से अपील की कि वे भी जल्द से जल्द अपनी किसान आईडी बनवाएं और डिजिटल कृषि मिशन का लाभ उठाएं.
डिजिटल क्रांति की ओर कृषि क्षेत्र का कदम
शिवराज सिंह चौहान ने कहा "देश में किसानों की मेहनत को सम्मान देने और उन्हें समुचित लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन की शुरुआत की है. इसके तहत एग्री स्टैक (Agri Stack) प्रोजेक्ट एक महत्वपूर्ण भाग है, जिसके अंतर्गत किसानों की एक समेकित रजिस्ट्री बनाई जा रही है."
क्या है किसान ID?
किसान ID एक डिजिटल पहचान है, जिसमें किसान के व्यक्तिगत विवरण, ज़मीन से संबंधित जानकारी, बोई गई फसलें, मृदा स्वास्थ्य, पशुधन, मत्स्य पालन आदि की विस्तृत जानकारी शामिल होगी.
अब तक जुड़ चुके हैं साढ़े पांच करोड़ से ज्यादा किसान
देश भर में अब तक 5.5 करोड़ से अधिक किसानों की ID बन चुकी है. वहीं मध्य प्रदेश में अब तक 78 लाख किसानों की ID तैयार की जा चुकी है. राज्य सरकार इसे जल्द ही 100% तक पहुंचाने के प्रयास में जुटी है.
किसानों का डेटा सुरक्षित
केंद्रीय कृषि मंत्री ने भरोसा दिलाया कि किसान रजिस्ट्री में दर्ज जानकारी पूरी तरह गोपनीय रहेगी. किसान की अनुमति के बिना कोई भी डेटा साझा नहीं किया जाएगा. साथ ही किसान जब चाहें इसे अपनी सहमति वापस भी ले सकते हैं.
डिजिटल सेवा सभी किसानों के लिए
हालांकि स्मार्टफोन और इंटरनेट अब गांवों तक पहुंच चुके हैं, फिर भी जिन किसानों के पास यह सुविधा नहीं है, उनके लिए भी सरकार ने कदम उठाए हैं. किसान उत्पादक संगठन (FPO), कृषि सखियों और कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) की मदद से किसान ID बनाई जा सकती है. इसके अलावा, राज्य सरकार विशेष शिविरों का भी आयोजन कर रही है.
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा, "मैं सभी किसानों से अनुरोध करता हूं कि वे समय रहते अपनी किसान ID बनवाएं और सरकार की योजनाओं का पूरा लाभ उठाएं. यह डिजिटल परिवर्तन किसानों के लिए एक नए युग की शुरुआत है."

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