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 सिंगरौली

कोयले के भंडारण के चलते देशभर में ऊर्जाधानी के नाम से मशहूर मध्य प्रदेश के सिंगरौली के नाम अब एक और उपलब्धि जुड़ गई है। जिले की जमीन जल्द ही कोयले के साथ सोना भी उगलने लगेगी। यहां सोने की खदानों की नीलामी पूरी कर ली गई है, जिसके बाद ठेका लेने वाली एजेंसियों द्वारा खुदाई का काम शुरू भी कर दिया है। खदानों में मशीनों ने काम करना शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि, सोने की चार खदानों की नीलामी की गई है। चारों खदानें अलग-अलग कंपनियों को आवंटित की गई हैं। इन कंपनियां ने मशीनों से खदानों में काम तेज गति से सोना निकालने में जुट गई हैं।

 बता दें कि जिले ने कोयला खदानों और विद्युत तापीय परियोजनाओं से देश में अपनी अलग पहचान बनाई है। खनिज संपदा से भरपूर सिंगरौली जिला देश के कई क्षेत्रों में कोयला सप्लाई कर देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करता है। अब सिंगरौली में कोयले के साथ सोना भी उगलने जा रहा है। इसके लिए 4 खदाने नीलाम की गई हैं। शुरुआती दौर की खुदाई का कार्य भी खनिज विभाग के देखरेख में शुरू हुआ है। सर्वे रिपोर्ट के बाद सिंगरौली जिले में ये 4 खदानें स्वीकृत की गई थीं।

सोने की चारों खदानों में मशीनों से खुदाई शुरू
सिंगरौली जिले में चकरिया गोल्ड ब्लॉक और सिल्फोरी सिधार गांव का गूढहर पहाड़ की नीलामी पिछले साल की जा चुकी है. 2 अन्य खदानें अमिलहवा गोल्ड ब्लॉक और चुनपुरवा गोल्ड ब्लॉक यानी कुल 4 खदानों की नीलामी पूरी हो चुकी है। खुदाई के कार्य के लिए स्पॉट पर मशीनों ने अपना काम करना शुरू कर दिया है। इन खदानों में प्रति टन मैटेरियल से 1.02 से 1.5 ग्राम तक सोना निकलने की संभावना जताई गई है।

सरकार को हर साल मिलेगा 250 करोड़ राजस्व
आपको बता दें कि, सिंगरौली जिले से कोयले की खदानों से हाल ही में मोटा राजस्व मिलता है। इस मामले में सिंगरौली जिला प्रदेश में अव्वल रहा है। अब सोने की खदानों से राजस्व की प्राप्ति और बढ़ जाएगी। सहायक खनिज अधिकारी कपिल मुनि शुक्ला का कहना है ‘सोने की खदानों से राज्य सरकार को हर साल लगभग 250 करोड़ तक राजस्व वसूलेगी।

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