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भोपाल
 मध्यप्रदेश में कक्षा 10वीं के बाद पॉलिटेक्निक करने वाले छात्रों के लिए अच्छी खबर है. दरअसल, अब ऐसे छात्रों को इस डिप्लोमा का लाभ नॉन टेक्निकल कोर्सेस में मिलेगा, जिससे उन्हें ग्रेज्युएशन करने के लिए अब 12वीं कक्षा पास करने की जरुरत नहीं होगी. बल्कि पॉलिटेक्निक करने के बाद स्टूडेंट सीधे बीए, बीकॉम या बीएससी के फर्स्ट ईयर में एडमिशन ले सकेंगे.

इस संबंध में तकनीकी शिक्षा विभाग ने एमपी बोर्ड का प्रस्ताव भी भेजा है. इसके मंजूर होने के बाद नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा.तकनीकी शिक्षा विभाग ने पॉलिटेक्निक में एडमिशन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह कदम उठाया है। प्रस्ताव के अनुसार, यदि कोई विद्यार्थी तीन साल के डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश लेकर कम से कम दो साल की पढ़ाई पूरी करता है, तो उसे हायर सेकंडरी यानी 12वीं कक्षा के समकक्ष माना जाएगा। जानकारों का मानना है कि इस पहल से पॉलिटेक्निक की विश्वसनीयता बढ़ेगी और विद्यार्थियों को करियर के अधिक विकल्प मिलेंगे। इससे न सिर्फ तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि युवाओं को शैक्षणिक लचीलापन भी मिलेगा।  माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव केडी त्रिपाठी ने कहा कि प्रस्ताव को बोर्ड में रखा जाएगा। बोर्ड में चर्चा के बाद निर्णय लिया जाएगा।

वर्तमान शैक्षणिक सत्र से लागू हो सकती है व्यवस्था

तकनीकी शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पॉलिटेक्निक कॉलेजों में प्रवेश को प्रोत्साहित करने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने एक प्रस्ताव तैयार किया है. इसके तहत पॉलिटेक्निक के दो साल पूरा करने वाले विद्यार्थियों को 12वीं पास के समकक्ष माना जाएगा. यह प्रस्ताव माध्यमिक शिक्षा मंडल को भेजा गया है और यदि इसे मंजूरी मिलती है, तो शैक्षणिक सत्र 2025-26 से यह व्यवस्था लागू हो सकती है. बता दें कि तकनीकी शिक्षा विभाग वर्तमान में नए कोर्स को तैयार कर प्रवेश कराने के लिए काउंसलिंग की तैयारी में जुटा हुआ है.

इंजीनियरिंग में मिलता है डिप्लोमा का लाभ

वर्तमान में 10वीं पास करने के बाद जो स्टूडेंट पॉलिटेक्निक कॉलेजों में एडमिशन लेते हैं, उनका डिप्लोमा तीन साल का होता है और इसे करने के बाद विद्यार्थी सीधे बीई के सेकंड ईयर में प्रवेश के पात्र होते हैं. लेकिन अब तक पॉलिटेक्निक करने वालों को कॉमर्स, आर्ट्स या अन्य मेन स्ट्रीम्स में प्रवेश नहीं मिल पाता था. ऐसे में पॉलिटेक्निक के बाद यदि छात्र नान टेक्निकल कोर्स में दाखिला लेते थे, तो उन्हें पहले 12वीं की परीक्षा पास करनी होती थी.

लेकिन अब इसकी जरुरत नहीं होगी. माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव केडी त्रिपाठी ने बताया कि तकनीकी शिक्षा विभाग से जो प्रस्ताव मिला है उसे बोर्ड की बैठक में रखा जाएगा. इसके बाद ही निर्णय हो सकेगा.

पालीटेक्निक में प्रवेश बढ़ाने के लिए लिया फैसला

अधिकारियों ने बताया कि कई बार स्टूडेंट इसी कारण पॉलिटेक्निक में एडमिशन लेने से हिचकिचाते हैं, जिससे तकनीकी शिक्षा संस्थानों में दाखिले घटे हैं. तकनीकी शिक्षा विभाग ने पॉलिटेक्निक में एडमिशन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह कदम उठाया है. प्रस्ताव के मुताबिक कोई विद्यार्थी तीन साल के डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश लेकर कम से कम दो साल की पढ़ाई पूरी करता है, तो उसे हायर सेकंडरी यानी 12वीं कक्षा के समकक्ष माना जाएगा. इसके बाद उसका कॉलेज में मनचाही स्ट्रीम में एडमिशन हो सकेगा.

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