MY SECRET NEWS

उज्जैन
मध्य प्रदेश के उज्जैन में एक गौशाला से 498 गायों के लापता होने के मामले में एक बड़ा मोड़ आया है। बगलामुखी मंदिर के संत स्वामी कृष्णानंद महाराज ने कार्रवाई न होने से नाराज होकर आश्रम छोड़ने और हिमालय जाने का फैसला किया है। उन्होंने अपनी 3 बीघा जमीन में से आधी श्मशान और आधी कब्रिस्तान को दान करने का भी ऐलान किया है। स्वामी कृष्णानंद महाराज 23 मार्च 2025 को हिमालय के लिए प्रस्थान करेंगे। उन्होंने यह कदम गौशाला से गायों के लापता होने के मामले में न्याय नहीं मिलने के कारण उठाया है।

स्वामी कृष्णानंद महाराज मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर से लगभग 75 किलोमीटर दूर मां बगलामुखी मंदिर के पीठाधीश्वर हैं। उन्होंने लेकोडिया गांव की गौशाला से 498 गायों के लापता होने के मामले में न्यायिक जांच की मांग की थी। साथ ही, उन्होंने दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की भी मांग की थी। इस मामले को लेकर वे लंबे समय से आंदोलन कर रहे थे, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई। इससे दुखी होकर उन्होंने आश्रम छोड़ने का फैसला किया है।

संत समाज में नाराजगी
आश्रम छोड़ने और अपनी जमीन दान करने की घोषणा करते हुए स्वामी कृष्णानंद महाराज ने कहा कि वे अपनी जमीन का आधा हिस्सा कब्रिस्तान और आधा श्मशान को दान करेंगे। उन्होंने कहा कि वे 23 मार्च 2025 को हिमालय के लिए रवाना होंगे। कार्रवाई नहीं होने पर देश भर से आए संतों ने नाराज़ होकर मुंडन भी करवाया था। गौशाला से गायों के लापता होने के मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से संत नाराज थे।

1028 गायों में से 530 ही मिलीं
संत ने दावा किया कि गौशाला में 1028 गाय रजिस्टर्ड हैं, लेकिन मौके पर सिर्फ 530 गायें ही मिलीं। उन्होंने 14 जनवरी को पशुपालन मंत्री लखन पटेल को पत्र लिखकर मामले की न्यायिक जांच और दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। गायों के लापता होने से स्वामी कृष्णानंद महाराज बहुत दुखी हैं। इसी वजह से उन्होंने हिमालय जाने का फैसला लिया है।

यूजफुल टूल्स
QR Code Generator

QR Code Generator

Age Calculator

Age Calculator

Word & Character Counter

Characters: 0

Words: 0

Paragraphs: 0